भारत में बाघों की दहाड़: संख्या बढ़कर हुई 3,682
भारत में अब दुनिया के 75 फीसदी बाघ रहते हैं. देश में 2018 से 2022 के बीच बाघों की आबादी में 24 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. भारत सरकार ने भारत में बाघों की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की है.
भारत में कितने बाघ
साल 2018 और 2022 के बीच भारत में बाघों की आबादी में 24 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. अब देश में कुल 3,682 बाघ हैं.
75 फीसदी बाघ भारत में
भारत में 2018 में बाघों की संख्या 2,967 थी. पिछले चार साल में करीब 24 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ भारत में दुनिया के 75 फीसदी बाघ रहते हैं.
सबसे अधिक मध्य प्रदेश में
भारत में बाघों की स्थिति पर रिपोर्ट के मुताबिक देश में सबसे अधिक (785) बाघ मध्य प्रदेश में हैं. साल 2018 में यहां बाघों की संख्या 526 थी. इसके बाद कर्नाटक का नंबर है, जहां 2022 में बाघों की कुल संख्या 563 रही.
जहां बाघों की संख्या शून्य
जहां एक ओर देश में बाघों की संख्या बढ़ी है वहीं मिजोरम और नागालैंड ऐसे राज्य हैं जहां एक भी बाघ नहीं है.
इन राज्यों में घटी संख्या
देश के कुछ ऐसे भी राज्य हैं जहां 2018 के मुकाबले 2022 में बाघों की संख्या घट गई. अरुणाचल प्रदेश में जहां 2018 में 29 बाघ थे वहां 2022 में संख्या घटकर 9 रह गई. ओडिशा में 2018 में 28 के मुकाबले 2022 में 20 बाघ थे. झारखंड में 2022 में एक बाघ था, जबकि वहां साल 2018 में 5 थे.
भारत के पांच शीर्ष टाइगर रिजर्व
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड के कॉर्बेट रिजर्व में सबसे ज्यादा (260) बाघ हैं. इसके बाद कर्नाटक के बांदीपुर में 150, कर्नाटक के नागरहोल में 141, मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ में 135 और तमिलनाडु के मुदुमलई में 114 बाघ हैं.
बाघों के संरक्षण के लिए अब 53 टाइगर रिजर्व
भारत के 18 राज्यों में 75,796 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले 53 टाइगर रिजर्व का एक नेटवर्क है, जहां बाघ रहते हैं. भारत सरकार का कहना है कि उसने 2014 के बाद छह और नेटवर्क जोड़े हैं. भारत में बाघों की घटती आबादी को देखते हुए 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया गया था.
अवैध शिकार अभी भी खतरा
अवैध शिकार अभी भी बाघों के संरक्षण के लिए खतरा बना हुआ है. इसके साथ ही इंसान और जंगली जानवरों का संघर्ष भी बढ़ा है. जंगल में गिरावट के कारण जंगली जानवरों के रहने वाले इलाके सिकुड़ रहे हैं.