कश्मीर में पर्यटकों पर अब तक का सबसे भीषण हमला
२२ अप्रैल २०२५
कश्मीर के मशहूर पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाला आतंकी हमला हुआ, जिसमें कम से कम 24 लोगों की जान चली गई. यह हाल के वर्षों में आम नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है. हमलावरों ने खास तौर पर पुरुषों को निशाना बनाया, जबकि महिलाओं को बख्श दिया.
घटना की पुष्टि करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमला श्रीनगर से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित बाइसरन के पास हुआ, जब बड़ी संख्या में पर्यटक वहां छुट्टियां मना रहे थे. वहां पर्यटकों के लिए टट्टू मुहैया कराने वाले एक चश्मदीद ने बताया कि हमलावर जंगल से निकले और एक छोटे मैदान के पास अचानक फायरिंग शुरू कर दी.
“औरतों को छोड़ दिया, मर्दों को मारते रहे”
गवाह ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “वे बहुत स्पष्ट रूप से महिलाओं को छोड़ते जा रहे थे और सिर्फ पुरुषों पर गोलियां चला रहे थे. कभी एक गोली, कभी कई – जैसे तूफान आ गया हो.”
कर्नाटक से आई एक महिला पर्यटक पल्लवी ने बताया कि उनके पति को उनके और उनके बेटे के सामने मार डाला गया. इंडिया टुडे को दिए बयान में उन्होंने कहा, “मैंने उनसे कहा, मुझे भी मार डालो… उनमें से एक बोला, ‘तुम्हें नहीं मारूंगा. जाकर मोदी को बताना.’”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को “कायराना और जघन्य” बताया और कहा कि दोषियों को सजा जरूर दी जाएगी. इस समय प्रधानमंत्री सऊदी अरब के दौरे पर हैं, लेकिन उन्हें तुरंत इस घटना की जानकारी दी गई. गृहमंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “हम दोषियों पर सबसे सख्त कार्रवाई करेंगे.”
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी इस हमले पर दुख जताया और कहा, “कश्मीर से बेहद दुखद खबर आई है. अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है.” वहीं अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी. वैंस ने हमले को “विनाशकारी आतंकवादी हमला” बताया और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की. वैंस इस वक्त भारत में हैं.
पहली बार पर्यटक निशाने पर
पुलिस ने इस घटना को ‘आतंकी हमला’ बताया है और कहा है कि इस बार आतंकियों ने खास तौर पर आम पर्यटकों को निशाना बनाया, जो अब तक नहीं होता था. दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कम से कम चार बंदूकधारियों ने काफी करीब से पर्यटकों पर गोलीबारी की.
कश्मीर में 1989 से ही विद्रोह चल रहा है. कई संगठन या तो स्वतंत्रता की मांग करते हैं या पाकिस्तान के साथ विलय चाहते हैं. भारत हमेशा पाकिस्तान पर आतंकियों को समर्थन देने का आरोप लगाता है, जबकि पाकिस्तान इसे एक ‘स्वतंत्रता संग्राम’ बताता है.
2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद भारत ने कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था और उसके बाद से वहां भारी सैन्य मौजूदगी है. हालांकि हाल के वर्षों में सरकार ने कश्मीर को पर्यटन के लिहाज से बढ़ावा दिया है. वर्ष 2024 में लगभग 35 लाख पर्यटक कश्मीर आए थे, जिनमें ज्यादातर भारतीय थे.
बावजूद इसके, यह हमला दिखाता है कि कश्मीर में हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं. इससे पहले फरवरी 2019 में पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे. वहीं नागरिकों पर सबसे भीषण हमला मार्च 2000 में हुआ था, जब 36 भारतीय नागरिकों की हत्या कर दी गई थी. हालांकि 2024 में भी पर्यटकों पर हमला हुआ था.
कश्मीरी समाज की प्रतिक्रिया
कश्मीरी धार्मिक और अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने इस हमले की निंदा करते हुए लिखा, “पर्यटकों पर हमला हमारी परंपरा के खिलाफ है. हम कश्मीर में मेहमानों का स्वागत प्यार और गर्मजोशी से करते हैं.”
पहलगाम के स्थानीय लोगों ने एक कैंडलमार्च निकाला और पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं जाहिर कीं. कैंडल मार्च में शामिल एक युवक ने कहा, “यह बुजदिलाना हमला है, जिसकी हम निंदा करते हैं. हम पहले हिंदुस्तानी हैं, उसके बाद कश्मीरी हैं.”
अब सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस हमले के पीछे के दोषियों की तलाश में जुट गई हैं, लेकिन इस दर्दनाक घटना ने कश्मीर की शांति और पर्यटन की उम्मीदों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.