भारत में व्यापार पर कितना संरक्षणवाद है
३ फ़रवरी २०२५भारत के वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय ने ये बात बजट पेश किए जाने के बाद समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताई. उन्होंने कहा, "हम किसी को यह संकेत नहीं देना चाहते की हम संरक्षणवादी बनना चाहेंगे. हमारा रुख यह है कि हम संरक्षण और बढ़ाना नहीं चाहते हैं."
उनकी ये टिप्पणी अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के कनाडा, मेक्सिको और चीन के साथ व्यापारिक युद्ध की शुरुआत करने के बाद आई. ट्रंप ने इन तीनों देशों के खिलाफ व्यापक शुल्कों की घोषणा की है. अभी तक ट्रंप प्रशासन ने भारत के खिलाफ ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है. हालांकि ट्रंप इससे पहले भारत को टैरिफ अब्यूजर (शुल्कों का दुरुपयोग करने वाला) बता चुके हैं.
शुल्क में की गई कटौती
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने ट्रंप से मिलेंगे और दोनों के बीच होने वाली बातचीत व्यापार और आप्रवासन के इर्द-गिर्द केंद्रित रहेगी. ट्रंप ने इल्जाम लगाया था कि भारत के शुल्कों की वजह से अमेरिकी कंपनियों का नुकसान होता है. उसके बाद से भारत ने उन्हें मनाने की कोशिश की है.
इसी क्रम में एक फरवरी को बजट में आयात शुल्क में कटौती की घोषणा की गई. पांडेय ने बताया कि बजट में की गई इस कटौती की वजह से कपड़ा और ऑटो उद्योग जैसे भारतीय उद्योगों के लिए कच्चे माल जैसे बीसियों उत्पादों पर औसत बेसिक कस्टम शुल्क कम हुआ है.
उन्होंने बताया कि खाने पीने की चीजें और कच्चा माल जैसे आवश्यक उत्पादों पर औसत आयात शुल्क शून्य से पांच प्रतिशत तक है और पूंजीगत उत्पादों पर आयात शुल्क 7.5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक है. उन्होंने यह भी बताया कि करीब 10 उत्पादों पर इससे ज्यादा शुल्क लगता है.
हालांकि व्यापार विश्लेषक इस बात से आश्वस्त नहीं हैं कि ये कटौतियां पर्याप्त हैं. दिल्ली में स्थित थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के संस्थापक अजय श्रीवास्तव कहते हैं, "भारत के औसत शुल्क अभी भी अमेरिका, जापान और चीन के मुकाबले काफी ज्यादा हैं."
भारतीय कंपनियों के लिए मदद
उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक तरफ तो अंतरराष्ट्रीय तुलना के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बेसिक कस्टम शुल्क को घटा रहा है लेकिन दूसरी तरफ वह आयात पर तरह तरह के सरचार्ज जोड़ रहा है, जिसकी वजह से कुल मिला कर टैक्स का बोझ बढ़ा हुआ ही है.
इस बजट में नरेंद्र मोदी सरकार ने हार्ले डेविडसन जैसी कंपनियों की 1,600 सीसी से ज्यादा की मोटरसाइकिलों पर कस्टम शुल्क को 50 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत पर ला दिया गया है. पांडेय ने बताया कि बजट में औसत आयात शुल्क को भी 13 प्रतिशत से घटाकर 11 प्रतिशत कर दिया गया है.
उन्होंने कहा, "हमें दुनिया को और अपने उद्योगों को भी सही संकेत देना चाहिए." पांडेय ने यह भी कहा कि शुल्क से जुड़े कदमों का लक्ष्य है भारतीय कंपनियों की शुरुआत में मदद करना, लेकिन जैसे-जैसे वो उद्योग विकसित होते जाएंगे इन कदमों को धीरे धीरे वापस ले लिया जाएगा.
सीके/एए (रॉयटर्स)