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गाजा में 'बड़े पैमाने पर भुखमरी' फैलने की चेतावनी

आदर्श शर्मा एएनआई | आयुष यादव रॉयटर्स, एपी
प्रकाशित २३ जुलाई २०२५आखिरी अपडेट २३ जुलाई २०२५

दिनभर की ब्रेकिंग न्यूज और अन्य जरूरी खबरें एक साथ. राजनीति, दुनिया, खेल, व्यापार और पर्यावरण से जुड़ी आज की सारी अहम खबरें यहां हैं. हम इस पेज को लगातार अपडेट कर रहे हैं.

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हाथ में बर्तन लेकर खाने का इंतजार करती महिलाएं
तस्वीर: Majdi Fathi/NurPhoto/picture alliance
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गाजियाबाद में खुद को राजदूत बताकर फर्जी दूतावास चला रहा शख्स गिरफ्तार को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

गाजियाबाद में खुद को राजदूत बताकर फर्जी दूतावास चला रहा शख्स गिरफ्तार

अवैध दूतावास चलाने के आरोपी हर्ष वर्धन जैन की तस्वीर
आरोपी हर्ष वर्धन जैन किराए के घर में वेस्ट आर्कटिका का अवैध दूतावास चला रहा थातस्वीर: UP STF/ANI

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की नोएडा इकाई ने गाजियाबाद में एक अवैध दूतावास का पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने इस अवैध दूतावास को चलाने वाले शख्स को भी गिरफ्तार किया है. एडीजी कानून व्यवस्था के मुताबिक, आरोपी का नाम हर्ष वर्धन जैन है और वह एक किराए के घर में वेस्ट आर्कटिका का अवैध दूतावास चला रहा था. 

पुलिस के मुताबिक, आरोपी राजनयिक नंबर प्लेट वाली गाड़ियों में घूमता था. उसके पास से ऐसी चार गाड़ियां, माइक्रोनेशन देशों के 12 राजनयिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की मुहर वाले जाली दस्तावेज, दो जाली पैन कार्ड, विभिन्न देशों और कंपनियों की 34 मुहरें और करीब 45 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं. उसके पास से कई देशों की विदेशी करंसी भी जब्त की गई है. 

पुलिस के मुताबिक, आरोपी खुद को माइक्रोनेशन देशों का राजदूत बताता था. वह विदेश में नौकरी दिलाने के झूठे वादे करता था और फर्जी कंपनियों के जरिए हवाला रैकेट चलाता था. कई विख्यात लोगों के साथ उसकी फर्जी तस्वीरें भी बरामद हुई हैं. आरोपी को इससे पहले 2011 में भी गिरफ्तार किया गया था, तब उसके पास से सैटेलाइट फोन जब्त किया गया था.

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इंस्टाग्राम को बच्चों और किशोरों के लिए ज्यादा सुरक्षित बनाने की तैयारी को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

इंस्टाग्राम को बच्चों और किशोरों के लिए ज्यादा सुरक्षित बनाने की तैयारी

एक मोबाइल फोन पर दिखती ढेर सारी ऐप
मेटा ने कहा है कि ये अतिरिक्त उपाय मौजूदा सुरक्षा सूचनाओं पर आधारित हैंतस्वीर: picture alliance / empics

मेटा ने इंस्टाग्राम पर किशोरों और बच्चों को फीचर किए जाने वाले खातों को ऑनलाइन दुर्व्यवहार से बचाने के उद्देश्य से सुरक्षा उपायों की एक नई श्रंखला की घोषणा की है. इसका लक्ष्य नाबालिगों से जुड़ी अनुचित सामग्री और इंटरैक्शन को समाप्त करना है.

इंस्टाग्राम के किशोर खातों में अब मैसेज के भीतर अधिक स्पष्ट सुरक्षा टूल होंगे. यूजर्स यह देख पाएंगे कि उन्हें संदेश भेजने वाला खाता इंस्टाग्राम से कब जुड़ा. वे तुरंत सुरक्षा उपायों तक पहुंच प्राप्त कर पाएंगे और एक नई सुविधा का उपयोग कर पाएंगे जो ब्लॉक और रिपोर्ट विकल्पों को एक ही कार्रवाई में जोड़ती है. इसका उद्देश्य किशोरों के लिए संदिग्ध संपर्कों को रोकना और संभावित उल्लंघनकर्ताओं को चिह्नित करना आसान बनाना है.

मेटा ने कहा है कि ये अतिरिक्त उपाय मौजूदा सुरक्षा सूचनाओं पर आधारित हैं जो निजी चैट के दौरान सावधानी बरतने के लिए प्रोत्साहित करती हैं. जून के आंकड़ों से पता चलता है कि किशोरों ने ये अलर्ट प्राप्त करने के बाद कार्रवाई की. 10 लाख से ज्यादा खातों को ब्लॉक किया और अन्य 10 लाख खातों को रिपोर्ट किया.

दिमाग पर रील स्क्रॉलिंग का क्या असर होता है

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जर्मनी में एआई के चलते जाएगी टिकटॉक के 150 कर्मचारियों की नौकरी को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

जर्मनी में एआई के चलते जाएगी टिकटॉक के 150 कर्मचारियों की नौकरी

एक प्रदर्शन में भाग लेते कई लोग
खतरे में टिकटॉक के 150 कर्मचारियों की नौकरीतस्वीर: Bernd Friedel/IMAGO

सोशल मीडिया कंपनी बाइटडांस (टिकटॉक की मूल कंपनी) के कर्मचारी बर्लिन में बुधवार को एक दिवसीय हड़ताल पर हैं. यह हड़ताल कर्मचारियों को आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस से बदले जाने के विरोध में की जा रही है. ट्रेड यूनियन समूह वेर्डी ने बताया कि लगभग 150 कर्मचारियों को चीन के एआई मॉडलों से बदला जाएगा, जिन्हें बाइटडांस ने कंपनी और बाहरी सेवा प्रदाताओं की ओर से प्रशिक्षित किया है. 

इन नौकरियों की कटौती में कंटेंट मॉडरेशन और प्लेटफॉर्म को सुरक्षित रखने के लिए जिम्मेदार पूरे "ट्रस्ट एंड सेफ्टी" विभाग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना शामिल है. इसके साथ ही लाइव विभाग को भी हटाया जाएगा, जो वेर्डी के अनुसार कंटेट क्रिएटरों के साथ संपर्क के लिए जिम्मेदार है.

यूनियन ने कहा कि उन्होंने बाइटडांस को बातचीत की मेज पर लाने की कोशिश की है, लेकिन वे इसमें विफल रहे. वेर्डी का कहना है कि कंटेंट मॉडरेशन और कंटेंट क्रिएटर आउटरीच में लगभग 150 कर्मचारियों को अपनी नौकरी खोने का खतरा है.

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जर्मनी की शीर्ष अदालत ने एएफडी का "संदिग्ध चरमपंथी" का लेबल बरकरार रखा को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

जर्मनी की शीर्ष अदालत ने एएफडी का "संदिग्ध चरमपंथी" का लेबल बरकरार रखा

एएफडी का झंडा
एएफडी का संदिग्ध चरमपंथी का लेबल बरकरारतस्वीर: Hannes P Albert/dpa/picture alliance

एक शीर्ष जर्मन अदालत ने घरेलू खुफिया एजेंसी द्वारा धुर-दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) को "संदिग्ध दक्षिणपंथी चरमपंथी" समूह के रूप में दिए गए मूल्यांकन को बरकरार रखा है. लाइपजिष के संघीय प्रशासनिक न्यायालय का मंगलवार का यह फैसला अंतिम है.

जर्मनी की घरेलू खुफिया एजेंसी, बीएफवी द्वारा एएफडी और उसकी अब भंग की जा चुकी युवा विंग का यह वर्गीकरण पार्टी की सभी कानूनी माध्यमों से निगरानी करने की अनुमति देता है. इसमें पार्टी के रैंकों में गुप्त मुखबिरों की भर्ती करना भी शामिल है.

बीएफवी का संदिग्ध मूल्यांकन मई में पुष्टि वर्गीकरण में अपग्रेड किया गया था, लेकिन अदालत के फैसले लंबित होने तक इसे निलंबित कर दिया गया है, जिसमें वर्षों लग सकते हैं. हालांकि, एएफडी की कुछ क्षेत्रीय शाखाओं की कई जर्मन राज्यों में खुफिया एजेंसियों द्वारा पहले से ही चरमपंथी के रूप में निगरानी की जा रही है.

जर्मनी: चार साल में दोगुने कैसे हुए एएफडी के वोट

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एयर इंडिया हादसा: ब्रिटिश पीड़ित के परिवार को "गलत शव" मिलने की रिपोर्ट को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

एयर इंडिया हादसा: ब्रिटिश पीड़ित के परिवार को "गलत शव" मिलने की रिपोर्ट

एक शव को एंबुलेंस में चढ़ाते लोग
ब्रिटिश नागरिक के परिवार को कथित तौर पर गलत शव भेज दिया गयातस्वीर: Rafiq Maqbool/AP Photo/picture alliance

अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे में मारे गए एक ब्रिटिश नागरिक के परिवार को कथित तौर पर गलत शव भेज दिया गया. ब्रिटिश समाचार पत्र डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में एक अंतिम संस्कार को उस समय रोकना पड़ा जब पता चला कि ताबूत में किसी दूसरे व्यक्ति के अवशेष थे.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एक अन्य मामले में दो पीड़ितों के शव कथित तौर पर एक ही ताबूत में आपस में मिल गए थे और दफनाने से पहले उन्हें अलग करना पड़ा. ब्रिटिश परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने डेली मेल को बताया कि अवशेषों के गलत प्रबंधन ने रिश्तेदारों को परेशान कर दिया है. लंदन के एक डॉक्टर द्वारा डीएनए नमूनों का मिलान करके शवों की पहचान सत्यापित करने की कोशिश करने पर यह गड़बड़ी सामने आई.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मामले पर कहा, "हमने रिपोर्ट देखी है और जैसे ही इन चिंताओं और मुद्दों को हमारे संज्ञान में लाया गया, हम इस मुद्दे से संबंधित किसी भी चिंता को दूर करने के लिए यूके के अधिकारियों के साथ काम करना जारी रखे हुए हैं."

एयर इंडिया की उड़ान एआई 171, जिसे बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर द्वारा संचालित किया जा रहा था, 12 जून, 2025 को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई, मृतकों में 52 ब्रिटिश नागरिक शामिल थे.

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ट्रंप की नीतियों ने 2025 में 15,000 लोगों को बनाया करोड़पति को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

ट्रंप की नीतियों ने 2025 में 15,000 लोगों को बनाया करोड़पति

एक कार्यक्रम में बोलते अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप
बिटकॉइन करोड़पतियों की कुल संख्या 192,205 हो गई हैतस्वीर: Kevin Wurm/REUTERS

फिनबोल्ड की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के बाद से ऐसे क्रिप्टोकरंसी मालिकों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है, जो करोड़पति बन गए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 20 जनवरी से 20 जुलाई 2025 के बीच लगभग 16,000 बिटकॉइन धारक करोड़पतियों के क्लब में शामिल हो गए. 

इन 15,841 नए सदस्यों के साथ, बिटकॉइन करोड़पतियों की कुल संख्या 192,205 हो गई है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एक करोड़ डॉलर से ज्यादा के बिटकॉइन रखने वाले बड़े निवेशकों को भी काफी फायदा हुआ. इसी अवधि में उनके लाभ में 16% से अधिक की वृद्धि हुई. यह प्रभाव ट्रंप प्रशासन द्वारा प्रोत्साहित नियामक नीतियों के कारण बताया गया है. 

हफ्ते की शुरुआत में, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने देश में क्रिप्टोकरंसी को विनियमित करने वाला पहला बड़ा कानून पारित किया. इसे 'जीनियस' (गाइडिंग एंड एस्टेब्लिशिंग नेशनल इनोवेशन फॉर यूएस स्टेबलकॉइंस) अधिनियम कहा जाता है. इस कानून को डिजिटल संपत्ति क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है. यह कराधान, स्टेबलकॉइन जारी करने और संस्थागत हिरासत नियमों के लिए एक लंबे समय से प्रतीक्षित स्पष्ट कानूनी ढांचा प्रदान करता है.

भारतीय युवाओं को लुभाती क्रिप्टो ट्रेडिंग

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भारत: 2024 में कुत्तों के काटने के 37 लाख से ज्यादा मामले सामने आए को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

भारत: 2024 में कुत्तों के काटने के 37 लाख से ज्यादा मामले सामने आए

एक आवारा कुत्ते को पकड़ने की कोशिश करते दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी
साल 2024 में रेबीज के कारण 54 संदिग्ध मौतें दर्ज की गईंतस्वीर: Manish Swarup/AP/picture alliance

केंद्र सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी है कि साल 2024 में कुत्तों के काटने के 37 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए. वहीं, रेबीज के कारण 54 संदिग्ध मौतें दर्ज की गईं. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र ने राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह जानकारी जुटाई है. 

मछलीपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री एसपी सिंह बघेल ने लिखित जवाब में बताया कि पिछले पांच सालों में 2.3 करोड़ एंटी-रेबीज वैक्सीन की खरीद की मंजूरी दी गई है. इसके लिए पिछले पांच सालों में 3,535 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से 2,469 करोड़ रुपये केंद्र सरकार की हिस्सेदारी है. 

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भारत: 2024 में लोगों ने साइबर फ्रॉड में गंवाए 22,845 करोड़ रुपये को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

भारत: 2024 में लोगों ने साइबर फ्रॉड में गंवाए 22,845 करोड़ रुपये

साइबर अपराध करते एक अपराधी की प्रतीकात्मक तस्वीर
साल 2024 में साइबर अपराध की 22 लाख से ज्यादा घटनाएं दर्ज की गईंतस्वीर: Westend61/IMAGO

भारत में साइबर फ्रॉड यानी फोन पर या ऑनलाइन होने वाली धोखाधड़ी एक बड़ी समस्या बन गई है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने मंगलवार को लोकसभा में जानकारी दी कि साल 2024 में भारत में लोगों ने साइबर ठगी में 22,845 करोड़ रुपये गंवाए. यह 2023 की तुलना में 206 फीसदी अधिक है. 2023 में साइबर ठगी में लोगों ने 7,465 करोड़ रुपये गंवाए थे. 

गृह मंत्रालय ने सभी प्रकार के साइबर अपराधों से निपटने के लिए ‘राष्ट्रीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ स्थापित किया है. इसके तहत 2021 में ‘राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल’ शुरू किया गया. साल 2024 में इस पोर्टल पर साइबर अपराध की 22 लाख से ज्यादा घटनाएं दर्ज की गईं. इससे पहले 2023 में करीब 16 लाख और 2022 में करीब 10 लाख घटनाएं दर्ज की गई थीं. हालिया सालों में डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं भी बढ़ी हैं. 

केंद्र सरकार ने 2021 में ही ‘नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग एवं प्रबंधन प्रणाली’ शुरू की थी. इसके तहत अब तक, 17.82 लाख से अधिक शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 5,489 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है. इसके अलावा, ऑनलाइन साइबर शिकायत दर्ज कराने में सहायता के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर '1930' शुरू किया गया है.

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विपक्ष की मांग, पीएम मोदी की मौजूदगी में हो ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

विपक्ष की मांग, पीएम मोदी की मौजूदगी में हो ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा

नई संसद की सीढ़ियों पर बैठकर प्रदर्शन करते विपक्षी पार्टियों के सांसद
विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों सदनों में पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और एसआईआर प्रक्रिया जैसे जरूरी मुद्दों पर अपनी बात रखेंतस्वीर: AP/picture alliance

विपक्षी सांसदों के विरोध-प्रदर्शनों और हंगामे के बीच, लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कल यानी 24 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई. दोनों सदनों में बिहार में चल रही विशेष गहन संशोधन एसआईआर प्रक्रिया, पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जमकर विरोध-प्रदर्शन हुए. बुधवार को मानसून सत्र का तीसरा दिन था. अब दोनों सदनों की कार्यवाही 24 जुलाई को सुबह 11 बजे फिर शुरू होगी. 

विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों सदनों में पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और एसआईआर प्रक्रिया जैसे जरूरी मुद्दों पर अपनी बात रखें. विपक्ष यह भी चाहता है कि पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के उन दावों का भी जवाब दें, जिसमें ट्रंप ने कई बार कहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम करवाया था. जबकि भारत का कहना है कि संघर्षविराम दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद हुआ था.

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा 29 जुलाई को होगी

न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बुधवार को राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई और इस दौरान फैसला हुआ कि राज्यसभा में 29 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में चर्चा की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा में भी अगले हफ्ते ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो सकती है और इसके लिए 16 घंटे आवंटित किए गए हैं. विपक्ष की मांग है कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी भी उपस्थित रहें.

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इस्राएल विरोधी एजेंडे के आरोप में अमेरिका ने यूनेस्को से फिर नाता तोड़ा को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

इस्राएल विरोधी एजेंडे के आरोप में अमेरिका ने यूनेस्को से फिर नाता तोड़ा

इक इमारत पर लिखा हुआ यूनेस्को और नीचे मौजूद कई देशों के झंडे
यह तीसरी बार है जब अमेरिका यूनेस्को से बाहर निकला हैतस्वीर: Alexander Shcherbak/TASS/IMAGO

संयुक्त राज्य अमेरिका ने 22 जुलाई को घोषणा की कि वह संयुक्त राष्ट्र की शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक एजेंसी (यूनेस्को) से फिर से बाहर निकल जाएगा. वॉशिंगटन का मानना है कि यूनेस्को का रुख इस्राएल विरोधी है.

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि यह फैसला यूनेस्को के एक कथित एजेंडे से जुड़ा है, जिसका उद्देश्य विभाजनकारी सामाजिक और सांस्कृतिक कारणों को आगे बढ़ाना है. ब्रूस ने एक बयान में कहा कि यूनेस्को का फलिस्तीन राज्य को सदस्य राज्य के रूप में स्वीकार करने का निर्णय अत्यधिक समस्या भरा, अमेरिकी नीति के विपरीत और संगठन के भीतर इस्राएल विरोधी बयानबाजी के प्रसार में योगदान देने वाला है.

यह तीसरी बार है जब अमेरिका यूनेस्को से बाहर निकला है और डॉनल्ड ट्रंप के कार्यकाल में यह दूसरी बार हुआ है. अमेरिका ने इससे पहले 1980 के दशक में यूनेस्को से यह आरोप लगाते हुए नाता तोड़ लिया था कि वह सोवियत समर्थक था. उसके बाद वह 2003 में फिर से वह यूनेस्को में शामिल हुआ था. वहीं जो बाइडेन प्रशासन के तहत, अमेरिका दो साल पहले यूनेस्को में फिर से शामिल हुआ था.

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भारतीय शहरों को जलवायु संबंधित बुनियादी ढांचे के लिए होगी 2,400 अरब डॉलर की जरूरत को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

भारतीय शहरों को जलवायु संबंधित बुनियादी ढांचे के लिए होगी 2,400 अरब डॉलर की जरूरत

पानी भरी सड़क से गुजरती एक एम्बुलेंस
विश्व बैंक के मुताबिक, भारत को आवास, परिवहन, जल और वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टमों में बड़े पैमाने पर निवेश करना होगा.तस्वीर: EPA/dpa/picture alliance

विश्व बैंक की मंगलवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को अपने शहरों में बदलती जलवायु के हिसाब से बुनियादी ढांचे का निर्माण करना होगा और इसके लिए साल 2050 तक 2,400 अरब डॉलर से ज्यादा के निवेश की जरूरत पड़ेगी. यह इसलिए जरूरी है क्योंकि भारत के तेजी से बढ़ते शहर जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चरम मौसमी घटनाओं के रूप में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. 

रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2050 तक भारतीय शहरों में रहने वाले लोगों की संख्या दोगुनी हो जाएगी. साल 2020 में 48 करोड़ भारतीय शहरों में रह रहे थे. अनुमान है कि 2050 तक यह संख्या 95 करोड़ पर पहुंच जाएगी. रिपोर्ट कहती है कि अनियमित वर्षा, लू और बढ़ता समुद्री स्तर शहरी क्षेत्रों को तेजी से असुरक्षित बना रहा है. 

रिपोर्ट के अनुसार, "आवास, परिवहन, जल और वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टमों में बड़े पैमाने पर निवेश ना करने पर, भारत को मौसम के चलते होने वाले नुकसान की बढ़ती लागतों का सामना करना पड़ेगा." रिपोर्ट कहती है कि भारतीय शहरों में बाढ़ आने के चलते हर साल औसतन चार अरब डॉलर का नुकसान होता है. अगर पर्याप्त कदम नहीं उठाए जाते हैं तो यह आंकड़ा 2030 तक पांच अरब डॉलर और 2070 तक 30 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है. 

‘हरित’ ईंटों में छिपा है जलवायु परिवर्तन रोकने का राज?

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गाजा में 'बड़े पैमाने पर भुखमरी' फैलने की 100 से ज्यादा एनजीओ ने दी चेतावनी को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

गाजा में 'बड़े पैमाने पर भुखमरी' फैलने की 100 से ज्यादा एनजीओ ने दी चेतावनी

हाथ में बर्तन लेकर खाने का इंतजार करते कई लोग
100 से ज्यादा एनजीओ ने दी चेतावनीतस्वीर: AFP/Getty Images

100 से ज्यादा सहायता संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने बुधवार को चेतावनी दी है कि गाजा में "बड़े पैमाने पर भुखमरी" फैल रही है. इन संगठनों ने इस गंभीर स्थिति के लिए इस्राएल और इस्राएली सरकार द्वारा समर्थित गाजा मानवीय फाउंडेशन (जीएचएफ) को जिम्मेदार ठहराया है. गाजा पट्टी में लगभग 20 लाख लोग रहते हैं और उन्हें भोजन, पानी, दवा और अन्य जरूरी चीजों की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है. 

संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के अनुसार, गाजा की फलिस्तीनी आबादी पूरी तरह से बाहरी सहायता पर निर्भर है. इस्राएल के सैन्य अभियानों ने पहले से ही सीमित स्थानीय खाद्य उत्पादन को नष्ट कर दिया है. इसके अलावा, इस्राएल की नाकेबंदी, चल रही लड़ाई और क्षेत्र के अंदर अराजकता ने लोगों की भोजन तक पहुंच को और सीमित कर दिया है.

मंगलवार को गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हाल के दिनों में 101 लोगों, जिनमें 80 बच्चे शामिल हैं, की भुखमरी से मौत हो गई है. डब्ल्यूएफपी के आपातकालीन निदेशक रॉस स्मिथ ने सोमवार को बताया कि लगभग 1 लाख महिलाएं और बच्चे गंभीर तीव्र कुपोषण से पीड़ित हैं और गाजा की एक तिहाई आबादी कई दिनों तक बिना खाए रह रही है.

डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (एमएसएफ), सेव द चिल्ड्रन, ऑक्सफैम और नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल जैसे संगठनों सहित 111 हस्ताक्षरकर्ताओं वाले एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि मौजूदा स्थितियों को सुधारने का प्रयास तुरंत किया जाना चाहिए.

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भ्रष्टाचार विरोधी बिल पर हस्ताक्षर करने के विरोध में जेलेंस्की के खिलाफ प्रदर्शन को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

भ्रष्टाचार विरोधी बिल पर हस्ताक्षर करने के विरोध में जेलेंस्की के खिलाफ प्रदर्शन

यूक्रेन में हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन करते लोग
कीव और यूक्रेन के अन्य शहरों में हजारों लोगों ने इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किएतस्वीर: Danylo Antoniuk/Anadolu/picture alliance

22 जुलाई को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की द्वारा भ्रष्टाचार विरोधी बुनियादी ढांचे को खतरे में डालने वाले एक विवादास्पद विधेयक पर हस्ताक्षर करने के बाद कीव और यूक्रेन के अन्य शहरों में हजारों लोगों ने इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किए. युद्ध के बीच पिछले तीन सालों में यह सरकार के खिलाफ पहली बड़ी रैली थी.

यूक्रेन की संसद ने एक कानून पारित किया है जो दो प्रमुख भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों पर निगरानी को कड़ा करेगा. आलोचकों का कहना है कि यह बिल उनकी स्वतंत्रता को काफी कमजोर कर सकता है. संसद की वेबसाइट के अनुसार, जेलेंस्की ने मंगलवार देर शाम इस विधेयक पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना दिया. इस कानून के पारित होने से यूक्रेन में सार्वजनिक आक्रोश फैल गया है.

यह बदलाव राष्ट्रपति कार्यालय (प्रॉसीक्यूटर जनरल) को यूक्रेन के राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एनएबीयू) और विशेष भ्रष्टाचार निरोधक अभियोजक कार्यालय (एसएपीओ) द्वारा संभाली जाने वाली जांच और मामलों पर नई शक्तियां प्रदान करेंगे. एनएबीयू और एसएपीओ ने टेलीग्राम पर एक संयुक्त बयान में कहा, "वास्तव में, यदि यह विधेयक कानून बन जाता है, तो एसएपीओ का प्रमुख एक नाममात्र का व्यक्ति बन जाएगा, जबकि एनएबीयू अपनी स्वतंत्रता खो देगा और अभियोजक जनरल के कार्यालय का एक उपखंड बन जाएगा."

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की यूक्रेनी शाखा ने संसद के इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है. समूह का कहना है कि यह विधेयक 2014 की "गरिमा की क्रांति" के बाद से यूक्रेन में हुए सबसे महत्वपूर्ण सुधारों में से एक को कमजोर करता है और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ विश्वास को नुकसान पहुंचाता है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल यूक्रेन ने राष्ट्रपति जेलेंस्की से इस कानून को वीटो करने का आग्रह किया है. 

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भारत 24 जुलाई से चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा जारी करेगा को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

भारत 24 जुलाई से चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा जारी करेगा

हाथ मिलाते भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग
गलवान में हुई सैन्य झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया थातस्वीर: China Daily/REUTERS

भारत 24 जुलाई, 2025 से चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा फिर से जारी करना शुरू करेगा. चीन में भारतीय दूतावास ने बुधवार को यह घोषणा की. भारत पांच साल बाद चीनी पर्यटकों के लिए वीजा फिर से शुरू कर रहा है क्योंकि दोनों देश अपने तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

साल 2020 में गलवान में हुई सैन्य झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. इसके बाद, भारत ने चीनी निवेश पर प्रतिबंध लगा दिए थे. सैकड़ों चीनी ऐप्स भी बैन कर दिए थे और यात्रा मार्गों को बंद कर दिया था.

इसी दौरान, चीन ने भी कोविड महामारी के कारण भारतीय नागरिकों और अन्य विदेशियों के लिए वीजा निलंबित कर दिए थे. लेकिन 2022 में इन प्रतिबंधों को हटा लिया था, जब उसने छात्रों और व्यावसायिक यात्रियों के लिए वीजा जारी करना फिर से शुरू किया था. भारतीय नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा पर इस साल मार्च तक प्रतिबंध लगा रहा, जब दोनों देश सीधी हवाई सेवा फिर से शुरू करने पर सहमत हुए.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बुधवार को कहा कि बीजिंग ने इस सकारात्मक कदम का संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा, "चीन भारत के साथ संचार और परामर्श बनाए रखने और दोनों देशों के बीच व्यक्तिगत आदान-प्रदान के स्तर में लगातार सुधार करने के लिए तैयार है."

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उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर खड़गे बोले, “दाल में कुछ काला है” को स्किप करें
२३ जुलाई २०२५

उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर खड़गे बोले, “दाल में कुछ काला है”

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मिलते कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे
खड़गे ने कहा है कि सरकार को बताना चाहिए कि जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा क्यों दियातस्वीर: ANI Photo

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बारे में कहा है कि सरकार को इस बारे में जवाब देना चाहिए. उन्होंने बुधवार को रिपोर्टरों से कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने क्यों इस्तीफा दिया और इसके पीछे क्या राज हैं. उन्होंने कहा, “हमें तो ऐसा दिख रहा है कि दाल में कुछ काला है, नहीं तो उनका स्वास्थ्य भी ठीक है और वे हमेशा अपनी शब्दावली भी ठीक रखते हैं.”

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, “वे आरएसएस और बीजेपी का इतना बचाव करते थे जितना शायद खुद आरएसएस और बीजेपी के लोग नहीं करते थे. उनकी इतनी निष्ठा उनके (बीजेपी और आरएसएस) साथ थी.” उन्होंने आगे कहा कि उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के पीछे कौन है, इसका क्या कारण है, यह देश को बताना चाहिए क्योंकि वे देश की 140 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. 

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