क्या है ड्राइविंग लाइसेंस प्वाइंट सिस्टम
भारतीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस पर एक नकारात्मक अंक प्रणाली शुरू करने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को कम करना है और सख्त दंड लागू करना है.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए प्वाइंट सिस्टम
भारत सरकार सड़क सुरक्षा बढ़ाने और यातायात नियम के उल्लंघनों पर लगाम लगाने के लिए नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर रही है. नियम तोड़ने वालों पर वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस को नेगेटिव प्वाइंट दिए जाएंगे.
ड्राइविंग लाइसेंस तक रद्द हो सकता है
सड़क परिवहन मंत्रालय जो नियम लागू करने की तैयारी कर रहा है उसके तहत गलत ड्राइविंग करने पर ड्राइविंग लाइसेंस पर असर पड़ सकता है. ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने या फिर गति सीमा से अधिक की स्पीड में गाड़ी चलाता है तो उसके ड्राइविंग लाइसेंस पर नेगेटिव प्वाइंट्स जुड़ जाएंगे. जब ये प्वाइंट्स एक तय सीमा से ज्यादा हो जाएंगे, तो लाइसेंस रद्द भी हो सकता है.
जुर्माने का असर नहीं
भारत में ट्रैफिक नियम को सख्त किए गए हैं और ट्रैफिक चालान की राशि भी बढ़ाई गई है लेकिन बावजूद इसके लोग ट्रैफिक नियमों को तोड़ते नजर आते हैं. रिपोर्टों के मुताबिक नेगेटिव प्वाइंट सिस्टम मौजूदा जुर्माना और ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने जैसे उल्लंघन के लिए मौजूदा जुर्माना और दंड के अतिरिक्त होगा.
जुर्माने बढ़े, हादसों में कमी नहीं
2019 में भारी जुर्माना की शुरुआत समेत तमाम कोशिशों के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि जारी रही. भारत में हर साल 1.7 लाख से अधिक लोग सड़कों पर अपनी जान गंवाते हैं.
दुनिया के कई देशों में हैं प्वाइंट सिस्टम
दुनिया भर में देखा गया है कि चालक लाइसेंस रद्द होने के डर से नियमों का पालन करते हैं. प्रस्तावित "डिमेरिट और मेरिट" प्वाइंट सिस्टम ऑस्ट्रेलिया, यूके, जर्मनी और कनाडा जैसे देशों में काफी प्रभावी है.
सख्त होगा लाइसेंस रिन्यू करने का नियम
प्वाइंट सिस्टम के अलावा, सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि मौजूदा लाइसेंस एक्सपायरी से पहले लाइसेंस रिन्यू के लिए आवेदन करने वाले ड्राइवरों, और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को एक अनिवार्य ड्राइविंग टेस्ट की जरूरत होगी.
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी नियम
मंत्रालय इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए भी नियम बनाने जा रहा है. 1500 वाट से कम क्षमता वाले और 25 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लर्नर लाइसेंस लेना जरूरी होगा.
ई-चालान का बढ़ता बोझ
सरकार के लिए चिंता का एक और क्षेत्र ई-चालान के लिए कम वसूली दर है. अब तक, केवल 40 प्रतिशत जुर्माना का भुगतान किया जाता है. नए नियम उन ड्राइवरों को लक्षित करेंगे जो अपना जुर्माना अदा करने में विफल रहते हैं. एक प्रस्तावित उपाय तीन महीने के लिए किसी व्यक्ति के ड्राइविंग लाइसेंस को निलंबित करना है, अगर उनके पास ई-चालान तीन महीने से अधिक पुराना है.
हर साल लाखों हादसे
केंद्रीय सड़क यातायात मंत्रालय की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 4.61 लाख सड़क हादसे हुए. इन हादसों में 1.68 लाख लोग मारे गए और 4.43 लाख लोग घायल हो गए. मरने वालों में से 71.2 प्रतिशत लोग ऐसे हादसों में मारे गए जो तेज गति से वाहन चलाने की वजह से हुए. सबसे ज्यादा हादसों में दुपहिया वाहन ही शामिल पाए गए.
जानलेवा है गलत दिशा में ड्राइविंग
सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट "भारत में सड़क दुर्घटनाएं" से पता चलता है कि गलत दिशा में ड्राइविंग के कारण होने वाली मौतों का प्रतिशत बहुत अधिक है. रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्गों, जिनमें एक्सप्रेसवे भी शामिल हैं, वहां पर गलत दिशा में गाड़ी चलाने की रिपोर्टें आईं.