वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग सुधरी
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में इस साल भारत ने थोड़ी सी तरक्की की है और वह 126 से 118वें स्थान पर आ गया है. जानिए कौन से हैं सब खुश और सबसे दुखी देश?
भारत आठवे पायदान ऊपर
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 में पिछले साल के मुकाबले भारत ने अपना प्रदर्शन थोड़ा सा सुधारा है. जहां 2024 में भारत 126वें स्थान पर था, वहीं इस साल वह 118वें स्थान पर आ गया है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का वेल्बीइंग रिसर्च सेंटर हर साल यह रिपोर्ट तैयार करता है. अध्ययन एनालिटिक्स कंपनी गैलप और संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवेलपमेंट सोल्यूशंस नेटवर्क के साथ साझेदारी में किया गया.
भारत में सामाजिक समर्थन मजबूत
रिपोर्ट के मुताबिक सामाजिक समर्थन के मोर्चे पर भारत का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा. देश की मजबूत और समुदाय पर केंद्रित संस्कृति और बड़े परिवारों के साथ में रहने की परंपरा की सराहना की गई है. देशों की रैंकिंग लोगों के जवाबों पर आधारित थी जब उनसे पूछा गया कि वो अपने अपने जीवन को कैसे रेट करेंगे.
व्यक्तिगत आजादी पर सवाल
लेकिन दूसरी तरफ रिपोर्ट में व्यक्तिगत आजादी को लेकर भारत का प्रदर्शन खराब बताया गया है. इसमें इस बात का आकलन किया जाता है कि एक व्यक्ति समाज में रहते हुए अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है या नहीं और वो फैसले लेने के बाद उसका जीवन संतोषजनक रहता है या नहीं.
पड़ोसी देशों से पीछे भारत
भारत के कई पड़ोसी देशों की रैंकिंग भारत से बेहतर रही. चीन 68वें स्थान पर, नेपाल 92वें और पाकिस्तान 109वें स्थान पर रहा. श्रीलंका और बांग्लादेश की रैंकिंग रही 133 और 134.
सबसे खुशहाल देश
फिनलैंड को दुनिया का सबसे खुशहाल देश पाया गया. फिनलैंड लगातार आठ सालों से इस मुकाम पर बना हुआ है. वहां जीवन का औसत मूल्यांकन 10 में से 7.736 पाया गया. सामाजिक समर्थन में उसे दूसरा, फ्रीडम में चौथा और भ्रष्टाचार के प्रति नजरिया में दूसरा स्थान मिला. डेनमार्क, आइसलैंड और स्वीडन जैसे अन्य नॉर्डिक देशों का भी अच्छा प्रदर्शन रहा और वह रैंकिंग में सबसे ऊपर रहे.
अमेरिका में घट रही खुशी
अमेरिका इस रिपोर्ट के इतिहास में सबसे नीचे (24वें स्थान पर) गिर गया. 2012 में वह 11वें स्थान पर था. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में अकेले खाना खाने वालों की संख्या बीते दो दशकों में बढ़कर 53 प्रतिशत हो गई है.
सबसे दुखी देश
अफगानिस्तान को एक बार फिर सबसे दुखी देश पाया गया. अफगान महिलाओं का कहना है कि उनका जीवन विशेष रूप से कठिन हो गया है. पश्चिमी अफ्रीका के सिएरा लिओन को दूसरा सबसे दुखी देश करार दिया गया.