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भारत दौरे पर ब्रिटिश विदेश मंत्री, पहलगाम हमले पर भी बात

७ जून २०२५

ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी भारत आए हैं. उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात हुई. जयशंकर ने कहा कि भारत, पहलगाम हमले पर ब्रिटेन द्वारा सख्त निंदा किए जाने की सराहना करता है.

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7 जून 2025 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी के बीच हुई मुलाकात की एक तस्वीर
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की. जयशंकर ने बताया कि लैमी के साथ विस्तृत सामरिक साझेदारी पर भी बातचीत हुईतस्वीर: David Lammy

भारत और ब्रिटेन के आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी नई दिल्ली पहुंचे हैं. ब्रिटिश विदेश मंत्रालय के मुताबिक, लैमी की ताजा भारत यात्रा में व्यापार और आप्रवासन प्रमुख अजेंडा हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट करते हुए लैमी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "भारत में स्वागत करने के लिए आपका शुक्रिया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी."

लैमी ने दोनों देशों के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते का जिक्र करते हुए लिखा कि भारत और ब्रिटेन आपसी सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में काम करते रहेंगे.

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी डेविड लैमी से अपनी मुलाकात की तस्वीरें पोस्ट की. उन्होंने लिखा, " ब्रिटेन द्वारा पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने और आतंकवाद से लड़ने में समर्थन की हम सराहना करते हैं." जयशंकर ने लिखा कि लैमी के साथ विस्तृत सामरिक साझेदारी के अलावा वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बातचीत हुई.

भारत की यात्रा पर रवाना होने से पहले विदेश मंत्री लैमी ने नई दिल्ली और लंदन के बीच सहयोग की मजबूत संभावनाओं को रेखांकित किया था. उन्होंने हालिया व्यापार समझौते को "महत्वाकांक्षाओं की शुरुआत भर" बताया. ब्रिटिश विदेश मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, लैमी "पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद बढ़े हालिया तनाव" पर भी बात कर सकते हैं.

भारत-ब्रिटेन को मुक्त व्यापार समझौते से काफी उम्मीद

डेविड लैमी, भारतीय कारोबारियों से भी मिलेंगे. इसका मकसद भारतीय कंपनियों द्वारा ब्रिटेन में निवेश को बढ़ावा देना है. पिछले महीने लंबी बातचीत के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता हुआ था. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, दो या दो से ज्यादा पक्षों के बीच हुआ व्यापार समझौता है. इसका मकसद आपसी कारोबार और निवेश की राह में बाधाओं को कम करना है. इसमें सभी पक्षों द्वारा आपसी कारोबार में शामिल चीजों पर कस्टम ड्यूटी घटाना या खत्म करना शामिल है.

समझौते के अनुसार व्हिस्की, कॉस्मैटिक्स और मेडिकल उपकरण जैसे ब्रिटिश उत्पादों के आयात पर भारत टैरिफ घटाएगा. इसी तरह ब्रिटेन भी भारत में बने कपड़े, जूते और खाने-पीने के सामान जैसी चीजों पर अपने यहां टैरिफ कम करेगा. समझौते के तहत दोनो देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार साल 2030 तक बढ़कर 120 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. साथ ही, कई नौकरियां भी पैदा होने की उम्मीद है.

भारत की दीवानी हो रहीं यूरोप की कंपनियां

ब्रेग्जिट, यानी यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने के बाद से ही ब्रिटिश सरकार अन्य देशों के साथ व्यापारिक रिश्ते बढ़ाने की कोशिश कर रही है. अमेरिका में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की वापसी के बाद टैरिफ पर बढ़ते तनाव के बीच कई देशों को आर्थिक विकास कमजोर होने की चिंता है.

ऐसे में भारत और ब्रिटेन को आपसी समझौते से काफी उम्मीद है. लैमी से मुलाकात के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, "भारत-ब्रिटेन के बीच हुआ एफटीए वाकई एक मील का पत्थर है, जो ना केवल दोनों ओर से होने वाले हमारे कारोबार और निवेश को आगे बढ़ाएगा, बल्कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों के अन्य सामरिक पक्षों पर भी सकारात्मक असर डालेगा."

एसएम/एवाई (एएफपी, डीपीए)