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समाज

जेईई-नीट परीक्षा टलवाने के लिए विपक्ष लामबंद

२६ अगस्त २०२०

जेईई और नीट परीक्षा को टलवाने के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस और गैर कांग्रेस राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कीं, खास बात यह है कि बैठक में ममता, उद्धव और हेमंत सोरेन भी शामिल हुए.

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तस्वीर: picture-alliance/robertharding/M. Cristofori

कोरोना वायरस महामारी के दौर में जेईई और नीट परीक्षा को लेकर छात्रों के एक तबके में सुरक्षा को लेकर चिंताएं हैं. बाढ़ और कोरोना वायरस महामारी के बीच इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में दाखिले को लेकर सितंबर में परीक्षाएं होनी हैं. छात्र चाहते हैं कि परीक्षा आगे बढ़ा दी जाएं. इससे पहले 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाएं-जेईई (मुख्य) और नीट को आगे बढ़ाने वाली याचिका को खारिज कर दिया था. हालांकि अब कई राज्यों के मुख्यमंत्री, नेता, सांसद और पार्टियां भी चाहती हैं कि नीट और जेईई परीक्षाएं टल जाए.

बुधवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. इस वर्चुअल बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शामिल हुए. सोनिया गांधी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि लाखों की संख्या में छात्र हैं और लॉकडाउन के चलते परिवहन तक की सुविधा नहीं है. ममता ने कहा कि मुख्यमंत्रियों को परीक्षा टलवाने के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए. ममता ने कहा कि मैंने परीक्षा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई पत्र लिखे हैं और उन्होंने कहा जब छात्र परेशान हैं तो ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रिव्यू की मांग कर सकती है.

गौरतलब है कि यह बैठक नीट और जेईई के साथ साथ जीएसटी के भुगतान को लेकर बुलाई गई थी. बैठक की शुरुआत में सोनिया ने जीएसटी के भुगतान का मुद्दा उठाया और कहा कि वह राज्यों को समय पर होना चाहिए. बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल हुए. बैठक में सोनिया ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को चिंताजनक बताया और कहा कि जेईई और नीट को लेकर छात्रों में चिंता है. उन्होंने कहा, "विद्यार्थियों और परीक्षाओं से संबंधित समस्याओं पर भी बहुत लापरवाही भरा रवैया सामने आ रहा है."

दूसरी ओर बुधवार को ही नीट और जेईई परीक्षा को टालने के लिए एनएसयूआई के कार्यकर्ता दिल्ली स्थित शास्त्री भवन के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने डीडी न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा है, "हमारे लिए छात्रों की सुरक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. छात्रों को यात्रा में किसी भी तरह की परेशानी न आए, इसके लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने वैकल्पिक परीक्षा केंद्र दिए हैं. हमने ऐसी व्यवस्था की है कि हर केंद्र पर लगभग 100 से 150 छात्र होंगे." उन्होंने कहा, "बच्चों और उनके अभिभावक परीक्षा के आयोजन के लिए दबाव बना रहे थे. लोग चाहते हैं कि परीक्षा हों. छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, वे कह रहे थे कितने समय तक तैयारी जारी रखेंगे."

परीक्षा की तैयारी

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जेईई और नीट परीक्षा कराने को लेकर तैयारी पूरी कर ली है. एनटीए ने कहा है कि नीट और जेईई के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने, एक सीट छोड़कर बैठाने, हर कमरे में कम उम्मीदवार को बैठाने और प्रवेश-निकास की अलग व्यवस्था जैसे कदम उठाए जाएंगे. यह सभी कदम कोविड-19 महामारी के बीच परीक्षा कराने को लेकर उठाए जा रहे हैं. एनटीए के बयान के मुताबिक, "जेईई के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 से बढ़ाकर 660 की है जबकि नीट अब 2,546 केंद्रों के बजाय 3,843 केंद्रों पर होगी." जेईई कंप्यूटर आधारित परीक्षा है जबकि नीट पारंपरिक तरीके से कलम और कागज पर होती है. बयान के मुताबिक जेईई मुख्य परीक्षा के लिए पालियों की संख्या आठ से बढ़ाकर 12 कर दी गई है, इसके बाद हर एक पाली में छात्रों की संख्या 1.32 लाख से घटकर 85,000 हो गई है. प्रोटोकॉल के मुताबिक स्टाफ और उम्मीदवारों का केंद्र में पहुंचने पर बुखार जांचा जाएगा और अगर किसी में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें अलग कमरे में बिठाया जाएगा.

पिछले कुछ दिनों से छात्र ट्विटर पर जेईई और नीट की परीक्षा टलवाने के लिए हैशटैग ट्रेंड करा रहे हैं. मंगलवार को युवा पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबर्ग ने भी परीक्षा टलवाने के समर्थन में ट्वीट किया था. गौरतलब है कि रविवार, 23 अगस्त को परीक्षाएं टालने की मांग पर चार से अधिक छात्रों ने भूख हड़ताल की थी. परीक्षा कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने साफ कर दिया है कि तय तारीख पर परीक्षाएं होंगी. एनटीए ने मंगलवार को कहा कि परीक्षाएं तय समय पर यानी जेईई 1 सितंबर से 6 सितंबर तक और नीट 13 सितंबर को करवाई जाएगी.

इस साल जेईई मुख्य परीक्षा के लिए 9.53 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया है जबकि नीट के लिए 15.97 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है. एनटीए ने नीट के लिए एडमिट कार्ड भी जारी कर दिया है.

आमिर अंसारी, डीडब्ल्यू हिन्दी, नई दिल्ली
आमिर अंसारी डीडब्ल्यू के दिल्ली स्टूडियो में कार्यरत विदेशी संवाददाता.
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