चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की पत्नी को आयकर विभाग का नोटिस
२४ सितम्बर २०१९अशोक लवासा 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चर्चा में रहे थे. वो भारत के चुनाव आयुक्त हैं. चर्चा में रहने की वजह थी चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और नीति आयोग को चुनाव आयोग की क्लीन चिट का विरोध. चुनावों के दौरान नरेंद्र मोदी, अमित शाह और नीति आयोग पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप लगे. चुनाव आयोग ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी. इसका अशोक लवासा ने विरोध किया था. वो भी उसी पैनल में शामिल थे जिसने क्लीन चिट दी थी. उन्होंने क्लीन चिट का विरोध किया था और चुनाव आयोग पर बिना तथ्यों की जांच किए फैसला लेने का आरोप लगाया था. चुनाव आयोग ने इन आरोपों को गलत बताया था.
अब वो एक बार फिर चर्चा में हैं. अशोल लवासा की पत्नी नोवल सिंह लवासा को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है. नोवल फिलहाल तीन कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल हैं. इससे पहले वो 28 साल तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में काम कर चुकी हैं. इससे पहले भी वो कई कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में रह चुकी हैं. आयकर विभाग के नोटिस में उनसे 10 कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में रहने को लेकर जानकारी मांगी गई है. इनमें दो कंपनियां टाटा ग्रुप और छह वेल्सपन ग्रुप से जुड़ी हुई हैं. आयकर विभाग ने उनसे आय से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज मांगे हैं. आयकर विभाग उनके आयकर रिटर्न की जांच कर रहा है और ये पता करने की कोशिश कर रहा है कि उन्होंने अपनी आय के बारे में कोई गलत जानकारी तो नहीं दी है.
इस मामले पर नोवल सिंह लवासा ने एक बयान जारी किया है. उन्होंने कहा," 28 साल तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में प्रथम श्रेणी अधिकारी की तरह काम करने के बाद मैंने अपने अनुभव और कौशल का इस्तेमाल दूसरे प्रोफेशनल कामों में भी किया है. इसमें कई सारी अलग-अलग कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल होना भी है. मैंने हमेशा अपने सारे टैक्स चुकाए हैं. मीडिया में खबरें हैं कि आयकर विभाग ने साल 2015 से 2017 के बीच की टैक्स अनियमितताओं के लिए नोटिस दिया है. मैं बताना चाहती हूं कि मैंने अपनी पेंशन और दूसरे सभी स्रोतों से हुई कमाई पर आयकर नियमानुसार चुकाया है. मैंने 5 अगस्त 2019 तक मिले सभी नोटिसों का जवाब दे दिया है. मैं आयकर विभाग की जांच में पूरी मदद कर रही हूं."
अशोक लवासा नरेंद्र मोदी सरकार में अच्छी पोस्टिंग पाने वाले अधिकारियों में से हैं. अगस्त 2014 में उन्हें पर्यावरण सचिव बनाया गया था. अप्रैल 2016 में उन्हें वित्त सचिव बनाया गया. अक्टूबर 2017 में वो इस पद से रिटायर हो गए. इस बीच भी उनकी पत्नी नोवल सिंह कई कंपनियों की डायरेक्टर और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में भी रहीं. रिटायर होने के बाद अशोक लवासा को जनवरी 2018 में चुनाव आयुक्त बना दिया गया था. 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान पांच अलग-अलग मौकों पर उन्होंने बाकी दो चुनाव आयुक्तों का नेताओं को आचार संहिता उल्लंघन पर क्लीन चिट देने का विरोध किया था. अभी तक अशोक लवासा ने आयकर विभाग की कार्रवाई पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
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