इस ग्लेशियर से गिर रही है 20 मंजिली इमारत जितनी बर्फ
अर्जेंटीना के पेरितो मोरेनो ग्लेशियर से कई सालों से बर्फ के गिरते टुकड़ों को देखने पर्यटक आते रहे हैं. लेकिन अब इन टुकड़ों का आकार इतना बड़ा हो गया है कि ग्लेशियर के हाल को ले कर जानकार चिंतित हो गए हैं.
अर्जेंटीना का सबसे मशहूर ग्लेशियर
पहले बर्फ के अंदर से कुछ टूटने की आवाज आती है. कुछ ही सेकंड बाद करीब 230 फुट लंबा बर्फ का एक टुकड़ा (लगभग किसी 20 मंजिली इमारत के जितना) ग्लेशियर से टूट कर नीचे पानी में गिर जाता है. यह अर्जेंटीना का सबसे मशहूर ग्लेशियर पेरितो मोरेनो है, जो एंडीज के पहाड़ों से हो कर अर्जेंटीना झील में गिरता है.
बढ़ रहा है बर्फ का टूटना
सालों से इस नजारे को देखने यहां पर्यटक आते हैं. बर्फ के सामने बनाए गए चबूतरों पर खड़े हो कर वो बर्फ के टूटने का इंतजार करते हैं. लेकिन हाल में टूट कर गिरते बर्फ के इन टुकड़ों का आकार बहुत बढ़ गया है. इस इलाके के पर्यटक गाइड पाब्लो किंतेरोस कहते हैं कि इतने बड़े टुकड़ों का गिरना पिछले 20 सालों में नहीं देखा गया है.
हाल के सालों में बड़ा बदलाव
हाल के दशकों में जब दुनियाभर के ग्लेशियर काफी पिघले हैं, ऐसे में पेरितो मोरेनो का हाल इस ट्रेंड से अलग था और उसने अपना आकार बनाए रखा. लेकिन मोरेनो का कहना है कि पिछले चार से छह सालों में इतने बड़े आइसबर्ग इससे टूट कर गिरने लगे हैं.
हर साल पिघल रही है एक मीटर बर्फ
सरकारी विज्ञान संस्था 'कोनीसेट' के लिए काम करने वाले ग्लेशियर वैज्ञानिक लुकास रुइज कहते हैं कि 2020 से ग्लेशियर का पिघलना काफी तेज हुआ है और इस समय उसमें से हर साल लगभग एक या दो मीटर बर्फ कम हो रही है. उन्होंने बताया कि अगर यह रुका नहीं तो बर्फ के पिघलने की गति बढ़ सकती है.
बढ़ गया तापमान
रुइज ने बताया कि उनकी टीम के उपकरणों ने दिखाया था कि इस इलाके में हवा का तापमान हर 10 सालों में करीब 0.06 डिग्री बढ़ा है और वर्षण यानी प्रेसिपीटेशन घटा है, यानी ग्लेशियर पर कम बर्फ जमी है.
बिगड़ा गया संतुलन
रुइज कहते हैं कि पेरितो मोरेनो पर जलवायु परिवर्तन का असर दिखाई देने में समय लगा लेकिन अब जो बदलाव नजर आ रहा है वो साफ दिखा रहा है कि "शक्तियों का संतुलन...बिगड़ गया है और आज ग्लेशियर मोटाई और क्षेत्रफल दोनों खो रहा है."