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विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

35 घंटे विमान कैसे उड़ाते रहे ईरान पर हमला करने वाले पायलट

२४ जून २०२५

ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के लिए अमेरिका ने बी-2 बमवर्षक विमानों को भेजा. इन विमानों ने अमेरिका से उड़ान भरी और ऑपरेशन खत्म होने के बाद बिना रुके वहीं लौट गए. इतने लंबे समय तक पायलट बिना थके कैसे उड़ान भरते रहे.

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अमेरिका का बी-2 बॉम्बर विमान
ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका ने बी-2 बॉम्बर विमानों का इस्तेमाल किया थातस्वीर: picture-alliance/dpa

तकरीबन 5,800 किलो से ज्यादा वजन वाले बम के साथ सात विमानों ने लगातार 18 घंटे तक उड़ान भर कर ईरान तक का सफर तय किया. यहां ईरान के परमाणु ठिकानों पर बम गिराने का ऑपरेशन पूरा करने के बाद भी वो रुके नहीं बल्कि वापस फिर वहीं चले गए जहां से आए थे. यानी लगभग इतने ही वक्त की एक और उड़ान. अमेरिकी वायु सेना ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक इन विमानों ने तकरीबन 35 घंटे तक लगातार उड़ान भरी.

हर विमान में दो बम लोड किए गए थे. इन विमानों ने ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया. इन विमानों की विशेष आकृति ना सिर्फ इन्हें दुश्मन देशों के रडार से छिपने में मदद करती है बल्कि पायलटों के लिए कुछ विशेष सुविधाएं भी मुहैया कराती है.

ऑपरेशन मिडनाइट हैमर का रूट मैप
अमेरिकी वायु सेना ने बी-2 विमानों की उड़ान का मैप जारी किया हैतस्वीर: US Air Force

वजनी हथियार दुनिया में कहीं भी

विमान बनाने वाले नॉर्थरोप ग्रुमान के मुताबिक इस बमवर्षक विमान में 18,000 किलो तक के वजनी हथियार ले जाने की क्षमता है. हालांकि अमेरिकी वायु सेना का कहना है कि उसने 27,000 तक के पेलोड के साथ बी-2 को उड़ाया है.

तेज रफ्तार और लंबी उड़ान में माहिर इस विमान की एक बड़ी खूबी इसका दुश्मन की पकड़ में नहीं आना भी है. 50,000 फीट तक की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम बी-2 का आकार एक फुटबॉल मैदान का आधा है. 69 फीट लंबा, 17 फीट ऊंचा और 172 फीट की चौड़ाई में पंखों के विस्तार वाला विमान ध्वनि की गति से कुछ धीमी रफ्तार से कुछ ही घंटों में कहीं भी पहुंच सकता है.

परीक्षण उड़ान के दौरान बी-2 बमवर्षक विमान
सबसे पहले सर्बिया की लडाई में शामिल हुए थे बी-2 विमानतस्वीर: U.S. Air Force/Getty Images

विमान में पायलट के लिए सुविधा

इन विमानों में पायलट को लंबी उड़ानों की थकान से बचाने के लिए कुछ खास इंतजाम हैं. विमान में टॉयलेट, खाना रखने के लिए फ्रिज और गर्म करने के लिए माइक्रोवेव भी होता है. विमान उड़ाने वाले दो पायलटों में एक बीच में समय निकाल कर कर थोड़ा आराम भी कर लेता है.

6 फीट से लंबा इंसान भी कुछ देर के लिए लंबा हो कर सो सके इतनी जगह विमान के भीतर होती है. इन सुविधाओं के साथ पायलट बारी बारी से इसे उड़ाने की जिम्मेदारी संभालते हुए थोड़ा आराम भी कर लेते हैं. यही वजह है कि 35 घंटे तक लगातार उड़ान भरना संभव हो पाता है. हालांकि विमान में इंतजाम के साथ ही पायलटों को इस काम के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित भी किया जाता है. 

ईरान में हमला करने के बाद मिसौरी लौटे विमान
बी-2 विमानों को लंबी उड़ान के लिए तैयार किया गया हैतस्वीर: ABC Affiliate KMBC/REUTERS

कई युद्धों में दिखाई कारामात

अमेरिका की सिर्फ वायु सेना इसका इस्तेमाल करती है और अमेरिकी वायु सेना के केवल मिसौरी सैन्य अड्डे पर ही बी-2 बमवर्षक विमानों का स्क्वॉड्रन मौजूद है. बी-2 बमवर्षक विमान का सबसे पहले सर्बिया में उपयोग किया गया था.

सर्बिया की लड़ाई में गठबंधन सेना की ओर से दो बी-2 बमवर्षक विमानों ने मिसौरी से कोसोवो तक की उड़ान भरी और मिशन पूरा कर लौट गए. खास बात यह रही कि आठ हफ्ते के संघर्ष में इन विमानों ने दूसरे विमानों की तुलना में सिर्फ एक फीसदी उड़ान भरी थी और इसी समय में कुल लक्ष्यों का करीब एक तिहाई ध्वस्त कर दिया था.

बी-2 विमान बिना रास्ते में ईंधन भरे तकरीबन 9,500 किलोमीटर तक की उड़ान भर सकता है. ईरान पर हमले के लिए इसमें तीन बार ईंधन भरा गया. 

बी-2 का इराक और अफगानिस्तान में भी इस्तेमाल हो चुका है. दो बार इसे लीबिया में भी मिशन पर भेजा गया है. अब तक की सबसे लंबी उड़ान इसने अफगानिस्तान के लिए ही भरी थी. उस वक्त इसे लगातार 44 घंटे तक उड़ाया गया था.

2001 में अफगानिस्तान पर हमले के दौरान एक बार पांच बी-2 विमानों ने 44 घंटे तक के अभियान के बाद सिर्फ 45 मिनट का ब्रेक लिया. इसी समय में ईंधन भरा गया और पायलट बदले गए. हालांकि विमान का इंजन इस दौरान भी चालू रहा. इसके बाद वापस मिसौरी तक जाने के लिए इन विमानों ने 30 घंटे से ज्यादा की उड़ान भरी.    

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