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इस्राएली हमलों के बाद ईरान के परमाणु केंद्र किस हाल में हैं

निखिल रंजन रॉयटर्स
१७ जून २०२५

अमेरिका और इस्राएल कह रहे हैं कि ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देंगे. इस्राएल के हमले में ईरान के परमाणु केंद्रों को कितना नुकसान हुआ है?

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नतांज के परमाणु केंद्र की 14 जून को सेटेलाइट से ली गई तस्वीर
आईएईए का कहना है कि इस्राएली हमलों में ईरान के परमाणु केंद्रों को कुछ नुकसान पहुंचा हैतस्वीर: Maxar Technologies/AP/picture alliance

इस्राएल ने ईरान पर हमलों में परमाणु केंद्रों के साथ ही सैन्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों को भी निशाना बनाया है. ईरान-इस्राएल का संघर्ष बढ़ने के साथ परमाणु केंद्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग(आईएईए) ने 31 मई को अपनी तिमाही रिपोर्ट में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी थी. इसके आधार पर अनुमान लगाया गया है कि अब तक ईरान के परमाणु कार्यक्रम को इस्राएली हमले से कितना नुकसान हुआ है.

ईरान 60 फीसदी की शुद्धता तक यूरेनियम का संवर्धन कर रहा है. इसे हथियार बनाने के लिए जरूरी 90 फीसदी की शुद्धता तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है. आईएईए ईरान के परमाणु केंद्रों का नियमित निरीक्षण करता है. इनमें ईरान के यूरेनियम संवर्धन संयंत्र भी शामिल हैं. आईएईए ने "गहरी चिंता" जताई है क्योंकि बिना हथियार बनाए किसी और देश ने इस स्तर तक यूरेनियम का संवर्धन नहीं किया है. पश्चिमी देश भी कह रहे हैं कि इस स्तर तक के संवर्धन का कोई शांतिपूर्ण औचित्य नहीं है. 

ईरान के नतांज में परमाणु सेंटर में लगे सेंट्रीफ्यूज
ईरान ने यूरेनियम संवर्धन का स्तर बढ़ा करक 60 फीसदी तक पहुंचा दिया हैतस्वीर: SalamPix/abaca/picture alliance

ईरान और इस्राएल के तनाव से तेल के दाम बढ़े

ईरान परमाणु हथियार बनाने की कोशिश से इनकार करता है और शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु तकनीक को अपना अधिकार बताता है. वह न्यूक्लियर नॉन प्रोलिफरेशन ट्रीटी यानी एनपीटी में भी शामिल है. दूसरी तरफ इस्राएल एनपीटी में शामिल नहीं है और मध्य पूर्व का अकेला ऐसा देश समझा जाता है जिसके पास परमाणु हथियार है. हालांकि इस्राएल ना तो इससे इनकार करता है ना ही इसकी पुष्टि. इस्राएल और ईरान के संघर्ष में ईरान का परमाणु कार्यक्रम सबसे बड़ा मुद्दा है.

मंगलवार को आईएईए ने बताया कि नतांज के भूमिगत संवर्धन केंद्र को इस्राएल के सैन्य हमले में सीधे नुकसान पहुंचा है. इससे पहले एजेंसी ने कहा था कि जमीन के ऊपर मौजूद पायलट इनरिचमेंट प्लांट को ही नुकसान पहुंचा है भूमिगत हिस्से को नहीं. अब अपने विश्लेषण में सुधार कर आईएए ने कहा है, "उच्च क्षमता वाले सेटेलाइट से मिली तस्वीरों के लगातार विश्लेषण केबाद आईएईए ने कुछ और तत्व देखें हैं जो नतांज के भूमिगत संवर्धन हॉल में नुकसान का संकेत दे रहे हैं."

फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट (नतांज)

सैन्य विशेषज्ञ लंबे समय से यह अटकल लगा रहे हैं कि क्या नतांज के परमाणु केंद्र पर इस्राएल का हवाई हमला इसे ध्वस्त कर सकता है. नतांज के परमाणु केंद्र का बड़ा हिस्सा भूमिगत है और जमीन के नीचे कई मंजिलों में फैला हुआ है. हालांकि नतांज का एक परमाणु संवर्धन केंद्र जमीन के ऊपर भी है.

इस्राएल का हमला शुरू होने से पहले ईरान तीन केंद्रों पर यूरेनियम का संवर्धन कर रहा था. इनमें एक है नतांज का फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट. विशाल भूमिगत केंद्र को 50,000 सेंट्रीफ्यूज के लिए डिजाइन किया गया है. सेंट्रीफ्यूज वह मशीन है जो यूरेनियम का संवर्धन करती है. यहां फिलहाल 17,000 सेंट्रीफ्यूज लगाए गए हैं. आखिरी गिनती के समय इनमें से 13,500 सेंट्रीफ्यूज चालू थे और पांच फीसदी की शुद्धता तक यूरेनियम का संवर्धन कर रहे थे.
शुक्रवार को आईएईए के प्रमुख राफाएल ग्रोसी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि नतांज में बिजली की व्यवस्था को नुकसान पहुंचा है. आईएईए के मुताबिक इलेक्ट्रिकल सबस्टेशन, मेन इलेक्ट्रिक पावर सप्लाई बिल्डिंग और इमर्जेंसी पावर सप्लाई और बैकअप जेनरेटरों की क्षति हुई है.

जिस भूमिगत हॉल में एफईपी हैं उसे सीधे कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा है लेकिन ग्रोसी का कहना है, "बिजली जाने से संभव है कि वहां सेंट्रीफ्यूजों को नुकसान पहुंचा हो." ग्रोसी ने "आईएईए को मिली जानकारी" का हवाला दिया है. ईरान एजेंसी को कुछ जानकारी देता है. हालांकि वह सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों का भी काफी ज्यादा इस्तेमाल करती है.

ईरान के नतांज परमाणु केंद्र की सेटेलाइट से ली गई तस्वीर
इस्राएल ईरान के परमाणु केंद्रों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा हैतस्वीर: Maxar Technologies/Handout/REUTERS

पायलट फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट (नतांज)

पायलट फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट यानी पीएफईपी जमीन के ऊपर है. तीन संवर्धन केंद्रों में सबसे आसानी से यह निशाना बनाया जा सकता है. यह लंबे समय से शोध और विकास केंद्र के रूप में काम कर रहा है. दूसरे केंद्रों की तुलना में यहां कम सेंट्रीफ्यूज हैं, जो मशीनों के छोटे क्लस्टर से जुड़ होते हैं इन्हें कैसकेड कहा जाता है.

यहां दो आपस में जुड़े कैसकेड हैं. इनमें से हरेक में 164 सेंट्रीफ्यूज तक हैं. ये यूरेनियम का संवर्धन 60 फीसदी शुद्धता तक करते हैं. इसके अतिरिक्त यहां सिर्फ 201 सेंट्रीफ्यूज हैं जो पीएफईपी में काम कर रहे हैं और यहां 2 फीसदी शुद्धता तक यूरेनियम का संवर्धन होता है.

पीएफईपी के शोध और विकास कार्यक्रम का ज्यादातर हिस्सा हाल ही में भूमिगत एफईपी में जाया गया है. वहां 1,000 से ज्यादा उन्नत सेंट्रीफ्यूज 5 फीसदी की शुद्धता तक संवर्धन कर रहे हैं. ग्रोसी का कहना है कि पीएफईपी इस्राएली हमले में ध्वस्त हो गया है.

फोर्दो फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट (एफएफईपी)

यह ईरान का सबसे गहराई में मौजूद संवर्धन केंद्र है. इसे एक पहाड़ की तलहटी में बनाया गया है. ग्रोसी ने सोमवार को कहा कि इस प्लांट को कोई नुकसान नहीं हुआ है. यहां पर 2,000 सेंट्रीफ्यूज काम कर रहे हैं हालांकि 60 फीसदी से ज्यादा शुद्धता वाला ईरान का ज्यादातर यूरोनियम यहीं संवर्धित होता है. यह पीएफईपी के बराबर सेंट्रीफ्यूज का ही इस्तेमाल करता है क्योंकि यहां कैसकेड में 20 फीसदी तक संवर्धित यूरेनियम डाला जाता है जबकि पीएपईपी में केवल 5 फीसदी तक संवर्धित यूरेनियम.

पिछली तिमाही में फोर्दो ने 166.6 किलो संवर्धित यूरेनियम तैयार किया जिसकी शुद्धता 60 फीसदी तक थी. अगर इसे और संवर्धित किया जाए तो आईएईए की सीमाओं के मुताबिक सैद्धांतिक रूप से यह चार हथियारों के लिए पर्याप्त है. दूसरी तरफ पीएफईईपी से 19.2 किलो संवर्धित यूरेनियम पैदा हुआ जो एक बम के लिए जरूरी यूरेनियम के आधे से भी कम है.

ग्रोसी के मुताबिक इस्राएल के हमले में इस केंद्र को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

इसफहान के परमाणु केंद्र की सेटेलाइट 3 जून को ली गई तस्वीर
इसफहान के परमाणु केंद्र को भी निशाना बनाने की कोशिश की गई हैतस्वीर: 2025 Maxar Technologies/Satellite image/AFP

दूसरे केंद्रों को नुकसान

इस्राएली हमलों ने इसफहान के परमाणु केंद्र की चार इमारतों को नुकसान पहुंचाया है. आईएईए के मुताबिक इसमें यूरेनियम कंवर्जन फैसिलिटी (यूसीएफ) और वह केंद्र है जहां यूरेनिटम मेटल से जुड़ा काम होता है. इसके दूसरे इस्तेमाल भी हैं लेकिन यूरेनियम मेटल टेक्नोलॉजी में दक्षता परमाणु हथियार बनाने के लिए बेहद जरूरी है. अगर ईरान परमाणु हथियार बनाने की कोशिश करता है तो उसे हथियार बनाने लायक यूरेनियम को यूरेनियम धातु में बदलने की जरूरत होगी.

यूरेनियम कंवर्जन वह प्रक्रिया है जिसके तहत "येलोकेक" यूरेनियम को यूरेनियम हेक्साफ्लुओराइड में बदला जाता है. यह सेंट्रीफ्यूज के लिए एक तरह से कच्चा माल है जिसे संवर्धित किया जाना है. अगर यूसीएफ खत्म हो जाए तो ईरान के पास संवर्धित करने के लिए ईंधन नहीं होगा जब तक कि वह यूरेनियम हेक्साफ्लुओराइड का कोई और बाहरी स्रोत ना ढूंढ ले.

ईरान के परमाणु वैज्ञानिक

शुक्रवार से लेकर अब तक इस्राएल के हमले में ईरान के कम से कम 14 परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हुई है. रविवार को दो सूत्रों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को यह जानकारी दी. इमें वो वैज्ञानिक भी शामिल हैं, जिन्हें कार बमों के जरिये निशाना बनाया गया.

इस्राएल की सेना ने शनिवार को इनमें से 9 के नाम बताए. इस्राएल का कहना है कि ये "परमाणु हथियारों की प्रगति के काम में मुख्य भूमिका निभा रहे थे." इस्राएल ने यह भी कहा, "इनकी मौत महाविनाश के हथियारों को हासिल करने की ईरानी सत्ता की क्षमता को बड़ा धक्का पहुंचाएगी." इस्राएल के इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है.

यूरेनियम संवर्धन में इस्तेमाल होने वाले सेंट्रीफ्यूज
ईरान ने बीते सालों में यूरेनियम के संवर्धन का स्तर बढ़ा दिया हैतस्वीर: picture alliance/dpa/Islamic Republic Iran Broadcasting/AP

यूरेनियम का भंडार

ईरान के पास अलग-अलग स्तर तक संवर्धित यूरेनियम का एक विशाल भंडार है. मई 17 तक ईरान के पास 60 फीसदी तक संवर्धित यूरेनियम का इतना भंडार था जिनसे वह आईएईए के मापदंडों के मुताबिक 9 परमाणु हथियार बना सकता है.

इससे कम शुद्धता के स्तर पर भी उसके पास यूरेनियमम मौजूद हैं जिनसे कुछ और बम बनाए जा सकते हैं. हालांकि इसके लिए उसे कुछ और कोशिशों और समय की जरूरत होगी. उसके पास जो 20 फीसदी तक संवर्धित यूरेनियम है उनसे 2 और 5 फीसदी तक संवर्धित यूरेनियम से 11 और बम बनाए जा सकते हैं.

अधिकारियों का कहना है कि ईरान का सबसे अधिक संवर्धित यूरेनियम का भंडार इसफहान में आईएईए की सीलबंद भंडारों में है. हालांकि आईएईए ने यह जानकारी नहीं दी है कि यह भंडार कहा रखा गया है. आईएईए का कहना है कि ना तो वह उनके रखने की जगह के बारे में जानकारी देता है, ना ही यह बता सकता है कि उन्हें हमलों में नुकसान पहुंचा है या नहीं.

वियना में आईएईए का मुख्यालय
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ईरान के परमाणु केंद्र की नियमित जांच करती रही हैतस्वीर: JOE KLAMAR/AFP/Getty Images

ईरान का रुख

ईरान के उप विदेश मंत्री काजेम गरीबाबादी ने शनिवार को सरकारी टेलिविजन चैनल से कहा कि ईरान अपने परमाणु सामग्री और उपकरणों की जानकारी आईएईए को ना दे, इसके लिए उपाय करेगा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ईरान अब आईएईए के साथ पहले की तरह सहयोग नहीं करेगा.

ईरान के सांसद अब एनपीटी से बाहर निकलने की कोशिशों में जुटने की भी बात कह रहे हैं. अगर ऐसा हुआ तो ईरान उत्तर कोरिया की राह पर चल पड़ेगा जो 2003 में एनपीटी से बाहर हो गया और फिर उसने परमाणु परीक्षण किए.

आईएईए को यह पता नहीं है कि ईरान के पास संवर्धन केंद्रों के बाहर कितने सेंट्रीफ्यूज मौजूद हैं. आईएईए के साथ सहयोग में कमी का मतलब इस आशंका का तेज होना है कि ईरान ने या तो खुफिया संवर्धन केंद्र बना लिए हैं या फिर बनाने वाला है. अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा सेंट्रीफ्यूज कैसकेड को अलग स्तर के संवर्धन के लिए तैयार करने का काम एक हफ्ते के भीतर हो सकता है.

इस्राएल के हमले के बाद से आईएईए ने अब तक कोई निरीक्षण नहीं किया है जिससे कि परमाणु केंद्रों को हुए नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सके.