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आपदाजर्मनी

बारिश और भूस्खलन की वजह से हुआ जर्मनी में रेल हादसा

२८ जुलाई २०२५

भारी बारिश और सीवेज ओवर फ्लो ने जमीन को खिसका दिया. इस कीचड़ ने रेलवे ट्रैक को पाट दिया और तेज रफ्तार रेल पटरी से उतर गई.

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जर्मनी के रीडलिंगन में ट्रेन हादसा
तस्वीर: Thomas Warnack/dpa/picture alliance

दक्षिण पश्चिमी जर्मनी में रविवार शाम हुए रेल हादसे में ट्रेन ड्राइवर, रेलवे ट्रेनी और एक बुजुर्ग की मौत हो गई. हादसा उस वक्त हुआ जब रीडलिंगन के पास रीजनल एक्सप्रेस 55 (RE55) ट्रेन पटरी से उतर गई. दुर्घटना में 41 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 21 को गंभीर चोटें आईं. हादसे के वक्त ट्रेन में करीब 100 लोग सवार थे. दुर्घटना का असर इतना ताकतवर था कि कुछ पेड़ भी उखड़ गए.

सोमवार को विशेषज्ञों की एक टीम हादसे के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए मौके पर पहुंची. शुरुआती मुआयने के बाद जांचकर्ताओं ने कहा, "पानी की पटरियों के पास ढलान में  भूस्खलन हुआ, शायद इसी ने ट्रेन को पटरी से उतारा."

जांचकर्ताओं के मुताबिक, शनिवार और रविवार को इलाके में भारी बारिश की चेतावनी दी गई थी. मौसम विज्ञानी डोमिनिक स्मीकोल ने मीडिया संस्थान एसडब्ल्यूआर को बताया कि हादसे से एक घंटा पहले इलाके में कुछ जगहों पर प्रतिवर्ग मीटर में 30 से 50 लीटर पानी बरसा था. एसडब्ल्यूआर के मुताबिक, रविवार सुबह एक स्थानीय सीवेज शाफ्ट में ओवरफ्लो हुआ. इस ओवरफ्लो के कारण भूस्खलन हुआ.

मौके से आई तस्वीरों में भी ट्रैक पर भूस्खलन का मलबा दिखाई पड़ा. जांचकर्ताओं के मुताबिक, शुरुआती तौर पर लग रहा है कि मलबे के कारण ट्रेन ट्रैक से उतर गई. कुछ तस्वीरों में घटनास्थल पर किसी सांप की तरह लहरदार पटरी भी दिख रही हैं.

जर्मनी के रीडलिंगन में भूस्खलन के बाद ट्रेन हादसा
मलबे से सनी पटरियों से गुजरने के बाद ही ट्रैक से उतरी ट्रेनतस्वीर: Angelika Warmuth/REUTERS

ट्रेन को टेक्नोग्राफ की जांच होगी

उल्म के पुलिस प्रमुख योसेफ वेजर के मुताबिक, ट्रेन का टेक्नोग्राफ रिकवर कर लिया गया है. टेक्नोग्राफ, ट्रेन का अहम डेटा जमा करता है. इससे हादसे के वक्त ट्रेन की स्पीड और उनके कई कंट्रोलों की पोजिशन पता चलेगी. श्टुटगार्टर नाखरिष्टन (श्टुटगार्ट न्यूज) के मुताबिक, जर्मनी में यह भूस्लखन से हुआ कोई पहला रेल हादसा नहीं हैं. हाल के बरसों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब भारी बारिश के बाद रेलवे लाइनों के नीचे से जमीन गायब हो गई.

रविवार शाम घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वालों में 36 साल के किसान योहानेस फिगेल थे. योहानेस ने बताया कि तेज रफ्तार से चल रही ट्रेन के डिब्बे एक तेज धमाके के बाद एक दूसरे पर चढ़ गए. जर्मन पत्रिका डेय श्पीगल से बात करते हुए उन्होंने कहा, "शुक्र है कि स्वयंसेवी दमकलकर्मी जल्द ही मौके पर पहुंच गए."

जर्मनी में ज्यादातर ट्रेनों का संचालन व पूरे ट्रैक का रखरखाव करने वाली कंपनी डॉयचे बॉन के मुताबिक, मौके पर हेवी ड्यूटी काम पर लगी हैं. कंपनी को उम्मीद है कि मंगलवार तक ट्रैक साफ कर लिया जाएगा, हालांकि ट्रेन ऑपरेशन फिर से बहाल करने में अभी लंबा समय लगेगा.

डीपीए, एपी