बहुत कुछ बर्बाद कर रही है भड़की जलवायु
मलबे में पटे कस्बे, पिघलती सड़कें, तबाह होते मकान और पुल...चरम मौसमी आपदाएं दुनिया भर में आधारभूत ढांचे की कमर तोड़ रही हैं.
तबाही मचाता भूस्लखन
भारत समेत दुनिया के ज्यादातर हिस्से, अब बरसात के दौरान भूस्लखन के अनगिनत मामले झेल रहे हैं. कुछ ही घंटों में होने वाली मूसलाधार बारिश, भूस्खलन को भड़काकर जान माल को भारी नुकसान पहुंचा रही है.
बाढ़ में बहते पुल
भारत, चीन, पाकिस्तान, स्पेन और ब्राजील, इसके ताजा उदाहरण हैं. बाढ़ पुलों के साथ साथ सीवेज सिस्टमों और सड़कों को भी ध्वस्त कर रही है. एक अनुमान के मुताबिक बीते पांच साल में बाढ़ ने दुनिया भर में 325 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचाया है.
पुलों पर गर्मी की मार
भीषण गर्मी पुलों के आकार को फैला सकती है. कुछ मामलों में इसके नतीजे घातक हो सकते हैं. नीदरलैंड्स में बेहद गर्म दिनों में कई पुलों पर पानी का छिड़काव कर उन्हें ठंडा किया जा रहा है. ऐसा किसी मैकेनिकल नाकामी को रोकने के लिए किया जा रहा है.
बेडौल होती पटरियां
ब्रिटेन में रेल सेवाओं का प्रबंधन करने वाली कंपनी नेटवर्क रेल के मुताबिक, भीषण गर्मी, पटरियों को बेडौल कर सकती है और देर सवेर नट बोल्ट ढीले पड़ सकते हैं. इसका एक आसान समाधान पटरियों पर सफेद पेंट करना है ताकि वे ज्यादा धूप को परावर्तित कर सकें.
पटरियों पर पानी का स्प्रे
पटरियों को दुरुस्त रखने के लिए कहीं ज्यादा स्लीपर लगाए जा रहे हैं तो कहीं पटरी में ज्यादा गैप बनाए जा रहे हैं. दक्षिण कोरिया में रेलवे लाइनों पर पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है.
कोलतार के साथ पिघलती सड़कें
भीषण गर्मी के दौरान यह तस्वीर नई दिल्ली की एक सड़क की है. 30 डिग्री से ज्यादा गर्मी वाली धूप कोलतार को पिघलाकर सड़कों को बहुत जल्दी खराब करती है. पिघला कोलतार बाकी जीवों के लिए भी जानलेवा मुसीबत बन जाता है.
बांधों को बेकार करता सूखा
सूखे की वजह से स्पेन के मेडियानो बांध का जलस्तर लाखों घनमीटर नीचे गिर गया. सूखा अब पेजयल की सप्लाई, बिजली प्रोडक्शन और नदियों में होने वाली शिपिंग को भी आए दिन प्रभावित कर रहा है.
Edited by: Jennifer Collins