ऊर्जा की बढ़ती लागत के कारण जर्मनी में दो पेपर मिलों को बंद करना पड़ रहा है. एक तरफ जहां यह उद्योग महंगी होती बिजली के कारण मुश्किल में है, तो वहीं हैम्बर्ग का एक पेपर मिल ग्रीन एनर्जी की मदद से ऊर्जा संकट को मात दे रहा है. क्या ग्रीन ऊर्जा जर्मनी के पेपर उद्योग को बची पाएगी?