जर्मनी के पशुविहारों में प्यार से पल रहे हैं नन्हे सील
सीलों के लिए उत्तरी जर्मनी के वाडेन सागर में यह बच्चों को जन्म देने का समय है. इस दौरान कई शावक अपनी मांओं से अलग हो जाते हैं, लेकिन दो विशेष पशुविहारों में कई हफ्तों तक इनका ख्याल रखा जाता है.
खाने का समय
केयरटेकर रमोना एक पशुविहार में नन्हे सीलों को खाना खिला रही हैं. कमजोर शावकों को पहले मां के दूध के विकल्प के रूप में नरम सिलिकॉन की नलियों के जरिये सैलमन मछली का तेल पिलाया जाता है. आठ दिनों के बाद उन्हें पहली बार हिलसा जैसी एक पूरी मछली खिलाई जाती है. इस समय यहां अधिकांश सील दिन भर में डेढ़ किलो मछलियां तक खा जाते हैं.
दूसरों से भी बचाना है
एक नन्हे सील ने मजबूती से एक मछली को अपने मुंह में पकड़ा हुआ है. उसे ऐसा करना ही पड़ता है क्योंकि कभी कभी सीगल चिड़िया झपट कर उनका खाना छीन लेती है. यहां पर केयरटेकर शावकों का तब तक ख्याल रखते हैं जब तक उनका वजन कम से कम 25 किलो ना हो जाए. उसके बाद उन्हें फिर से समुद्र में छोड़ा जा सकता है.
एक झपकी ले ली जाए
पेट भर खाना खा कर एक सील नॉरडाईश सील स्टेशन में पानी में ही नींद में झूल रहा है. केयरटेकर टिम फेटिंग बताते हैं कि वाडेन सागर में नन्हे सीलों को उनकी मांएं चार से पांच हफ्तों तक दूध पिलाती हैं और उन्हें पालती हैं. जब तक वो किन्हीं कारणों से अपनी मां से पूरी तरह से बिछड़ नहीं जाते तब तक उन्हें 'हाउलर' (अनाथ) नहीं माना जाता. फेटिंग कहते हैं, "हमें उनकी मां की जगह लेनी पड़ती है."
मेहनत का काम
नन्हे सील क्यूट तो होते हैं लेकिन बहुत मेहनत करवाते हैं. नॉरडाईश में इन्हें दिन में चार बार खिलाया जाता है, इनका निरिक्षण किया जाता है, वजन लिया जाता है और इनके तालाबों को नियमित रूप से साफ किया जाता है.
सैकड़ों सीलों को पालना
रमोना और मारी दोनों केयरटेकर हैं और सील स्टेशन में शावकों को खाना खिला रही हैं. इस समय नॉरडाईश और फ्रीडरिषकूग के सील स्टेशनों में 260 से भी ज्यादा नन्हे सीलों का ख्याल रखा जा रहा है. बच्चों को पैदा करने का समय मुख्य रूप से मध्य जून से मध्य जुलाई तक होता है.
कई लोग आते हैं
फ्रीडरिषकूग आने वाले लोग अनाथ शावकों और यहां स्थायी रूप से रह रहे ग्रे सीलों को खाना खिलाया जाना देख सकते हैं. फ्रीडरिषकूग स्टेशन को 1985 में खोला गया था और नॉरडाईश में सीलों को पालना 1971 में शुरू किया गया था.
सावधानी भी जरूरी है
सील देखने में प्यारे जरूर लगते हैं लेकिन ये इंसानों के करीब आने वाले प्राणी नहीं होते हैं. वाडेन सी नेशनल पार्क और वर्ल्ड हेरिटेज साइट के संरक्षित इलाकों में आम तौर पर लोगों को नहीं जाने दिया जाता है. लोगों को उनसे जितना हो सके उतना दूर ही रहना चाहिए, ताकि वो सीलों को परेशान ना करें. (क्लाउडिया डेन, डीपीए के साथ)