कब मिलेगा हांगकांग के कॉफिन होम्स से छुटकारा
ये घर इतने छोटे हैं कि इनमें सांस लेना भी मुश्किल लगता है. सरकार ने इन हालात को सुधारने और लोगों को रहने की बेहतर सुविधा देने का वादा किया है, लेकिन कई लोगों के लिए ये सिर्फ एक लंबा इंतजार बनकर रह गया है.
भीड़भाड़ और महंगे घर
हांगकांग में घर बेहद महंगे हैं, और यहां जगह की भारी कमी है. कई लोग छोटे-छोटे फ्लैट्स में रहते हैं जहां एक ही टॉयलेट और किचन को चार परिवारों को साझा करना पड़ता है. यह व्यवस्था किसी भी जगह पर असुविधाजनक मानी जाएगी.
एक छोटी सी जिंदगी
60 साल की रिटायर्ड शियाओ बो पिछले तीन सालों से एक छोटे से फ्लैट में रहती हैं. उनका कहना है कि यह घर इतना छोटा और असुविधाजनक है कि यहां जिंदगी बिताना मुश्किल हो जाता है. उनके कमरे में बमुश्किल बिस्तर, एक छोटी टेबल और कुछ व्यक्तिगत सामान रखने की जगह है.
200,000 लोग तंग घरों में रहते हैं
हांगकांग में 2 लाख से ज्यादा लोग ऐसे फ्लैट्स में रहते हैं, जिन्हें "सब-डिवाइडेड फ्लैट्स" कहा जाता है. ये फ्लैट्स बहुत ही छोटे और भीड़भाड़ वाले होते हैं. इनमें बदबू, गर्मियों में उमस और बेडबग्स जैसी समस्याएं आम हैं.
नए नियम और सुधार की कोशिश
अक्टूबर 2024 में हांगकांग सरकार ने नए नियमों की घोषणा की. इन नियमों के तहत फ्लैट्स के लिए न्यूनतम जगह और सुरक्षा मानक तय किए जाएंगे. सरकार का लक्ष्य है कि 2049 तक इन छोटे फ्लैट्स को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए.
महंगी जगहों का हाल
हांगकांग में "कॉफिन" होम, जो केवल एक बिस्तर जितने बड़े होते हैं, के किराए भी बहुत ज्यादा हैं. इनका औसत किराया 140 हांगकांग डॉलर यानी करीब 1,500 रुपये प्रति वर्ग फुट है, जो निजी मकानों के किराए से भी चार गुना ज्यादा है. ये घर इतने छोटे होते हैं कि लोगों को अपना सामान रखने तक की जगह नहीं मिलती.
संघर्ष भरी जिंदगी
76 साल के वोंग ची-कॉन्ग, जो चलने के लिए छड़ी का इस्तेमाल करते हैं और आंखों की कमजोरी से जूझ रहे हैं, एक बहुत ही छोटे फ्लैट में रहते हैं. उनके घर में टॉयलेट बिस्तर के पास है और नहाने के लिए शावर भी वहीं लगा हुआ है. गर्मियों में वह घर की गर्मी से बचने के लिए सार्वजनिक लाइब्रेरी में समय बिताते हैं.
बेडबग्स और बिना प्राइवेसी
"कॉफिन" होम्स में खिड़कियां नहीं होतीं और दरवाजे खुले रखने पड़ते हैं. यहां रहने वाले लोगों को न प्राइवेसी मिलती है और न ही आराम. लकड़ी के बिस्तरों के कारण बेडबग्स एक बड़ी समस्या बन जाते हैं, जिन्हें खत्म करना लगभग नामुमकिन है.
गरीबी की बढ़ती समस्या
हांगकांग में गरीबी तेजी से बढ़ रही है. 2024 की पहली तिमाही में, यहां की 22.7 फीसदी आबादी यानी लगभग 14 लाख लोग गरीबी रेखा के नीचे थे. महंगे घर और बढ़ती महंगाई ने गरीबों के जीवन को और मुश्किल बना दिया है.
सरकार का वादा
हांगकांग सरकार ने घोषणा की है कि अगले 10 सालों में 308,000 नए सार्वजनिक मकान बनाए जाएंगे. साथ ही, 2022 से अब तक करीब 49,000 परिवारों को सरकारी मकानों में बसाया जा चुका है.