स्वास्थ्य सेवाओं पर कौन देश कितना खर्च करता है
सार्वजनिक स्वास्थ्य दुनिया के देशों की एक बड़ी जिम्मेदारी है. कुछ देश अपनी जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करते हैं. अकसर यह खर्च ही तय करता है कि देश के आमलोगों को किस तरह की स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी
जीडीपी का 15 फीसदी से ज्यादा
अमेरिका अपनी जीडीपी का कुल 16.5 फीसदी हिस्सा स्वास्थ सेवा पर खर्च करता है. वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में अफगानिस्तान ने अपनी जीडीपी का 23.09 फीसदी स्वास्थ्य सेवा पर खर्च किया था. हालांकि वहां के बारे में उसके बाद के सालों का आंकड़ा नहीं मिल सका है. अमेरिका में प्रति 100,000 व्यक्ति पर आईसीयू के 34 बेड उपलब्ध हैं जो दुनिया में सबसे ज्यादा है.
जीडीपी का 12 फीसदी
जर्मनी और फ्रांस ऐसे देश हैं जो अपनी जीडीपी का करीब 12 फीसदी स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करते हैं. 2023 में यह फ्रांस में 11.9 तो जर्मनी में 11.8 था. इससे पहले के तीन सालों में यह आंकड़ा 12 फीसदी के ऊपर था. जर्मनी में प्रति 100,000 की आबादी पर आईसीयू के 29 बेड उपलब्ध हैं, जबकि फ्रांस में 11.6 बेड.
जीडीपी का 10-12 फीसदी
इस कतार में स्विट्जरलैंड (11.7), जापान (11.4), न्यूजीलैंड (11.3), कनाडा (11.2), ऑस्ट्रिया (11), ब्रिटेन और स्वीडन (10.9), बेल्जियम (10.8), नीदरलैंड्स (10.1) शामिल हैं. जीडीपी का मतलब है एक वित्तीय वर्ष में पूरे देश में पैदा किए गए सामानों और सेवाओं की कुल कीमत. जीडीपी के आधार पर अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा देश है और स्वास्थ्य सेवा पर खर्च करने में भी.
जीडीपी का 8-10 फीसदी
स्वास्थ्य सेवाओं पर जीडीपी का 8 से 10 फीसदी खर्च करने वालों में चिली (10), दक्षिण कोरिया (9.9), ऑस्ट्रेलिया (9.8), स्पेन और स्लोवेनिया (9.7) डेनमार्क (9.4) आइसलैंड (9), चेक और ग्रीस (8.5) इटली (8.4) और दक्षिण अफ्रीका (8.3) शामिल हैं. इटली में प्रति एक लाख की आबादी पर आईसीयू के 12.5 बेड उपलब्ध हैं जबकि दक्षिण कोरिया में (10.6) बेड.
जीडीपी का 6-8 फीसदी
इन देशों में नॉर्वे (7.9), कोलंबिया (7.6), लातविया, स्लोवाकिया और एस्तोनिया (7.6), लिथुआनिया और इस्राएल (7.3), कोस्टा रिका (7.2), आयरलैंड (6.6), हंगरी और पोलैंड (6.4) शामिल हैं.
जीडीपी का 4-6 फीसदी
इस श्रेणी के देशों में लग्जमबर्ग (5.8), मेक्सिको (5.7) और चीन (5.4) का नाम आता है. चीन में प्रति 100,000 की आबादी पर आईसीयू के 3.6 बेड उपलब्ध हैं.
जीडीपी का 2-4 फीसदी
तुर्की अपनी जीडीपी का 3.7 फीसदी जबकि भारत 3.3 फीसदी स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करते हैं. भारत में प्रति 100,000 लोगों पर 3.2 बेड उपलब्ध हैं. तुर्की की कुछ एजेंसियों का दावा है कि वहां प्रति एक लाख की आबादी पर 46 बेड हैं लेकिन इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है. (ये आंकड़े स्टैटिस्टा से लिए गए हैं. खर्च का आंकड़ा 2023 का और आईसीयू बेड के आंकड़े साल 2020 के हैं.)