पड़ोस की दुकान से किराना लाएगा रोबोट
२५ नवम्बर २०१९अब तक आपने रेस्तरां में रोबोट को ऑर्डर लेते और खाना परोसते देखा होगा या अखबार या टीवी न्यूज में देखा होगा कि किन-किन क्षेत्रों में रोबोटों का इस्तेमाल हो रहा है लेकिन अब बाजार में ऐसे रोबोट बिकने को तैयार हैं जिसे कोई भी खरीद सकता है और शॉपिंग के लिए उसे अपने साथ ले जा सकता है.
क्रिसमस की छुट्टियों के मौके पर बाजार में ऐसे रोबोट बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे जो ग्राहक के पीछे पीछे उसी तरह से चलते दिखेंगे जैसे कुत्ते चलते हैं. सवाल यह कि कितने लोग होंगे जो ऐसा रोबोट खरीदना चाहेंगे. अमेजन, फेडेक्स और फोर्ड जैसे बड़े कॉरपोरेट दिग्गज घर तक डिलीवरी करने वाले रोबोटों पर पहले से ही प्रयोग कर रहे हैं. अब वेस्पा स्कूटर बनाने वाली इटली की पिआजो बाजार में ऐसे रोबोट पेश करने जा रही है जिसकी कीमत करीब 3,250 अमेरिकी डॉलर है. भारतीय रुपये में इसकी बात की जाए तो यह करीब 2 लाख 33 हजार होगी. पीछे-पीछे चलने वाले रोबोट में दो चक्के लगे हैं और इसका वजन करीब 22 किलो है. इस रोबोट का नाम गीटा है. इसे पकड़ने की जरूरत नहीं होगी, यह सामान उठाकर पीछे चलने में सक्षम है.
कैमरे की मदद से करेगा पहचान
इतालवी कंपनी पिआजो की बॉस्टन स्थित फास्ट फॉरवर्ड के सीईओ ग्रेग लिन कहते हैं, "हमारी कोशिश है कि आप बाहर जाएं और पड़ोस की उन जगहों से जुड़ें जो चलने लायक है."
लेकिन तकनीकी दुनिया के कुछ जानकार गीटा को पहले से ही विफल करार दे रहे हैं. उनका मानना है कि जब तक गीटा का इस्तेमाल अस्पताल, गोदाम और कारखानों में नहीं होता है और वह भारी वजन नहीं ढो पाता है तब तक इसका कोई लाभ नहीं. तकनीकी विशेषज्ञ जेपी गाउंडर कहते हैं, "इतना महंगा रोबोट खरीदकर आप सिर्फ किराने का सामान लाएंगे."
पिछले दिनों गीटा को बॉस्टन के रीवरफ्रंट के पास लिन के साथ टहलते देखा गया था. गीटा को किसी फोन नंबर, फेशियल रिकॉग्निशन, जीपीएस तकनीक की जरूरत नहीं है. फास्ट फॉरवर्ड के एक और सह-संस्थापक जेफरी श्नाप कहते हैं, "यह सिर्फ आपको देखता है और पीछे-पीछे चलने लगता है."
रोबोट से सस्ती तो ट्रॉली है!
अमेरिका की कुछ जगहों पर अमेजन डिलीवरी रोबोट्स का प्रयोग कर रहा है. वहीं फेडेक्स भी पिज्जा डिलीवरी के लिए रोवर का परीक्षण कर रहा है. गाउंडर गीटा से प्रभावित नहीं दिख रहे हैं, उनका कहना है कि जमीन पर चलने वाले रोबोट और ड्रोन में ज्यादा कौन सफल साबित होता यह भविष्य में ही पता चल पाएगा.
ड्रोन को चलाने के लिए भी देखरेख की जरुरत पड़ती है और उसे रिमोट के जरिए संचालित किया जा सकता है. वहीं गीटा के साथ एक चुनौती यह है कि वह कई जगहों पर अव्यवहारिक हो सकता है जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाके, कच्चे फुटपाथ या बहुत दूर स्थित स्टोर या मॉल. जानकार कहते हैं कि अगर बाजार से किराना ही लाना है तो ऐसी ट्रॉली खरीद लें जिसमें दो चक्के लगे होते हैं और उसकी कीमत भी बेहद कम होती है.
एए/आरपी (एपी)
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