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जर्मनी में अमीर राज्यों ने गरीब राज्यों को दिया रिकॉर्ड पैसा

२७ जुलाई २०२५

बवेरिया ने 2023 में इस प्रणाली के खिलाफ जर्मन संघीय संवैधानिक न्यायालय में मामला दायर किया था. अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं आया है.

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जर्मनी के अहम पर्यटन स्थल ब्रांडेनबुर्ग दरवाजे की फाइल फोटो
जर्मनी में एक नियम के मुताबिक अमीर राज्य, आर्थिक तौर से कमजोर राज्यों को आर्थिक मदद देते हैं तस्वीर: Paul Zinken/dpa/picture alliance

जर्मनी की वित्तीय संतुलन प्रणाली, जिसके तहत धनी राज्य आर्थिक रूप से कमजोर राज्यों को मदद देते हैं, इस साल की पहली छमाही में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. इस व्यवस्था के तहत कुल 11.18 अरब यूरो अमीर राज्यों से कमजोर राज्यों को भेजे गए. यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग 1.35 अरब यूरो अधिक है.

बवेरिया एक बार फिर सबसे बड़ा दाता

दक्षिणी राज्य बवेरिया ने हमेशा की तरह सबसे ज्यादा योगदान दिया. उसने अकेले 6.67 अरब यूरो का भुगतान किया. इसके बाद बाडेन-वुर्टेमबर्ग (2.12 अरब यूरो), हेसे (2.04 अरब यूरो) और हैम्बर्ग (312 मिलियन यूरो) का स्थान रहा. जर्मनी में डाक सेवाओं के खिलाफ रिकॉर्ड शिकायतें

बवेरिया के वित्त मंत्री आल्बेर्ट फ्यूरआकर ने इस प्रवृत्ति को "चिंताजनक" बताते हुए कहा कि "यह व्यवस्था अब नियंत्रण से बाहर होती जा रही है." उन्होंने कहा कि इस साल की पहली छमाही में बवेरिया का योगदान पिछले साल की तुलना में करीब दो अरब यूरो अधिक है, जो अब कुल योगदान का लगभग 60 फीसदी हो गया है. उन्होंने मांग की कि इस व्यवस्था में "मूलभूत बदलाव” किया जाना चाहिए. 

इस व्यवस्था का उद्देश्य देश के सभी 16 राज्यों में जीवन स्तर को तुलनात्मक रूप से बराबर बनाए रखना है. वित्तीय रूप से मजबूत राज्य इस फंड में योगदान करते हैं, जबकि आर्थिक रूप से कमजोर राज्यों को इससे फायदा पहुंचता है. 

वित्त मंत्रालय के अनुसार, 2024 में कुल 18.65 अरब यूरो का दोबारा बंटवारा हुआ था, जिसमें बवेरिया का हिस्सा लगभग 9.77 अरब यूरो था. इस साल बवेरिया का योगदान ना केवल बढ़ा है बल्कि उसकी नाराजगी भी बढ़ी है.

बर्लिन को मिला सबसे ज्यादा

जिन राज्यों को सबसे ज्यादा धन मिला है, उनकी सूची में बर्लिन सबसे ऊपर है, जिसे इस साल की पहली छमाही में 2.03 अरब यूरो मिले. इसके बाद तीन पूर्वी जर्मन राज्यों सैक्सनी (1.92 अरब यूरो), थ्यूरिंगिया (1.16 अरब यूरो) और सैक्सनी-अनहाल्ट (1.07 अरब यूरो) रहे. अन्य राज्यों में नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया (935 मिलियन यूरो), मेक्लेनबर्ग फोरपॉमारन (827 मिलियन यूरो), ब्रांडेनबुर्ग (795 मिलियन यूरो) और ब्रेमेन (549 मिलियन यूरो) शामिल हैं.

बवेरिया ने 2023 में इस प्रणाली के खिलाफ जर्मन संघीय संवैधानिक न्यायालय में मामला दायर किया था. अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं आया है, लेकिन मामले में 13 राज्यों जैसे बर्लिन, ब्रेमेन, ब्रांडेनुबर्ग और सैक्सनी आदि ने एकजुट होकर बवेरिया के विरोध का विरोध किया है. 

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हालांकि मौजूदा गठबंधन सरकार ने हर साल धन देने वाले राज्यों को 400 मिलियन यूरो की संघीय सहायता देने का वादा किया है, लेकिन यह अब तक केवल वादे तक सीमित है, इस पर कोई विधायी पहल नहीं हुई है.

फ्यूरआकर का कहना है, "बवेरिया एकजुटता दिखाने को तैयार है, लेकिन यह नहीं हो सकता कि केवल धन देने वाले राज्यों पर पूरा भार आ जाए. इससे पूरे देश की आर्थिक संरचना पर उलटा असर पड़ेगा." उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि राज्यों के बीच आपसी सहमति नहीं बन पा रही है, इसलिए अदालत में उनकी याचिका बनी रहेगी.