जर्मनी में सूखे के कारण पर्यावरण पर बुरा असर, किसान भी परेशान
जर्मनी में इस साल के मार्च ने सूखे रहने के मामले में रिकॉर्ड बनाया बनाया है. जर्मन पर्यावरण मंत्री स्टेफी लेमके ने चेतावनी दी है कि सूखे की वजह से जंगल में आग का खतरा बढ़ने की आशंका है.
जर्मनी में अब तक का सबसे सूखा मार्च
जर्मनी में इस बार वसंत ऋतु धूप से धुली हुई है और असामान्य रूप से सूखी भी. जर्मन मौसम विभाग के हालिया डेटा के अनुसार 1881 में सबसे पहले जलवायु का आकलन शुरू हुआ. तब से लेकर अब तक जर्मनी समेत कई अन्य यूरोपीय देशों में इस बार अभी तक का सबसे सूखा मार्च रहा. मिट्टी की ऊपरी परतों में पानी की मात्रा,खासकर उत्तर जर्मनी में, दीर्घकालीन न्यूनतम मात्रा से 20% तक कम है.
सूखे का डटकर सामना कर रहे नन्हे पौधे
ये नन्हे पौधे कई महीनों से सूखे का डटकर सामना कर रहे हैं: लेकिन मार्च कभी इतना सूखा नहीं था. फरवरी में थोड़ी बहुत बारिश हुई. अप्रैल के महीने में भी पहले हफ्ते में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई, जिसकी उम्मीद नहीं की गई थी. जर्मन मौसम विभाग के मार्सेल श्मिट का कहना है कि आने वाले दिनों में भी “ज्यादा से ज्यादा” यहां वहां थोड़ी बहुत बूंदा-बांदी ही होगी
एल्बे नदी भी सूखे का शिकार
एसोसिएशन ऑफ जर्मन सिटीज के प्रमुख हेल्मुट डेडी ने जर्मन नागरिकों से पानी बचाकर चलने की गुहार लगाई है. रिडाक्सियॉन नेट्सवर्क से बात करते हुए उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन दिन-ब-दिन और ज्यादा नजर आने लगा है.” हालांकि फिलहाल जर्मनी में पीने के पानी की कोई कमी नजर नहीं आ रही.
तालाबों का पानी भी कम
स्विट्जरलैंड की सीमा पर स्थित लेक कॉन्स्टांस में पानी का स्तर पिछले कुछ समय से कम है. राइशेनाओ द्वीप पर अभी भी इतना पानी है कि ये जहाज वहां तैरते रहें, लेकिन लेक के एक और हिस्से जिसे उंटर सी कहा जाता है, वहां स्थित बंदरगाह पहले ही सूख चुका है. और लेक कॉन्स्टांस का सबसे छोटा द्वीप होय, जो तट से लगभग 100 मीटर दूर है, अब वहां पैदल चलकर भी पहुंचा जा सकता है.
बारिश का इंतजार
नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया के ग्लाडबेक में किसान बर्न्ड इम विंकेल तस्वीर में दिखा रहे हैं कि उनकी जमीन कितनी सूख गई है. जर्मन किसान संघ के प्रमुख योआखिम रुकवीड ने कहा, "हम मौजूदा मौसम की स्थिति को लेकर चिंतित हैं. हमें बारिश का बेसब्री से इंतजार है.”
हवा में धूल
जर्मन मौसम विभाग के आंद्रेयास ब्रोएमजर ने "इस समय के लिए मिट्टी में असामान्य रूप से कम नमी" की पुष्टि की है, लेकिन कहा है कि अभी भी गहराई में जाएंगे तो अच्छा खासा पानी मौजूद है. उन्होंने कहा कि अगर कुछ हफ्ते लगातार अच्छी बारिश हो जाये तो सूखे की दिक्कत से निपटा जा सकता है. "फिलहाल, हम ये मानकर नहीं चल सकते कि गर्मियों में बेशक सूखा पड़ ही जायेगा.”
जंगल में आग लगने का खतरा बढ़ा
जर्मन मौसम विभाग के अनुसार, जंगल में आग लगने का खतरा काफी बढ़ गया है. यहां जाउरलांड के इलाके में, फायर ब्रिगेड ने दो दिनों के भीतर दो जगह बड़े पैमाने पर लगी आग पर काबू पाया है. सूखे ने पेड़ों को भी कमजोर कर दिया है, जिससे उन्हें कीटों के संक्रमण से बचने में मुश्किल आ रही है.
जलवायु का गहराता प्रभाव
मंगलवार को पर्यावरण मंत्री स्टेफी लेमके ने कहा, "वसंत ऋतू के हिसाब से भी देखें तो इस समय बहुत सूखा पड़ रहा है.” उन्होंने आगे कहा, "कृषि और वानिकी समेत हम सभी जलवायु संकट के परिणामों को साफ तौर पर महसूस कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही सूखा पड़ता रहा, तो फसल प्रभावित हो सकती है.
राहत की उम्मीद
पूर्वानुमानों में अगले हफ्ते के लिए अच्छी खबर है - कम से कम पश्चिमी जर्मनी के लिए. फ्राइबुर्ग और कोलोन जैसी जगहों पर बारिश होने की उम्मीद है, जिससे राइन नदी में पानी का स्तर बढ़ सकता है.