यह शहर अपने आप में एक विशाल बगीचा है
मध्यकालीन युग का जर्मन शहर आंदरनाख शहर की पारंपरिक अवधारणा को ही बदल रहा है. यहां खुले में कहीं पर भी कोई भी निशुल्क कुछ भी उगा सकता है. देखिए इस नीति का क्या असर हुआ है शहर पर.
2000 साल पुराना शहर
आंदरनाख की स्थापना राइन नदी के किनारे 2000 साल पहले की गई थी, लिहाजा यह जर्मनी के सबसे पुराने शहरों में से है. आपको शहर के बीचोबीच सेब, नाशपाती, आड़ू जैसे फलों के पेड़ देख कर आश्चर्य होगा. इसके अलावा जड़ी बूटियों और जंगली पौधों के साथ साथ स्ट्रॉबेरी और सलाद के पत्तों के बगीचे भी हैं.
पर्यटकों के लिए नया आकर्षण
पहले पर्यटक आंदरनाख वहां की पुरानी इमारतें देखने जाया करते थे, लेकिन अब शहर में फैले फलों और सब्जियों के बगीचे आकर्षण का केंद्र हैं. पर्यटकों को घूमते घूमते अगर भूख लगे तो वो रुक कर ताजे फल या सब्जियां खा सकते हैं. जैसे ये दोनों महिलाएं स्ट्रॉबेरी खा रही हैं.
जर्मनी का "खाने योग्य" शहर
30,000 लोगों की आबादी वाले आंदरनाख को अब जर्मनी के "खाने योग्य" शहर के रूप में जाना जाता है. शहर के अधिकारियों ने इस हरित पहल की शुरुआत 2010 में की थी. कार्यक्रम की निदेशक अन्नेली कार्लसन के मुताबिक, इससे शहर के नागरिकों और बगीचों के बीच असली रिश्ता बनता है जो फूलों वाले बगीचों के साथ संभव नहीं है.
खाई में मुर्गियां!
शहर के अधिकारियों की योजना पहले साल में 100 किस्म के टमाटर उगाने की है. इसकी सफलता के बाद और सब्जियां भी उगाई जा सकती हैं. इतना ही नहीं, यहां मुर्गी पालन भी होता है. शहर के पुराने किले के बाहर इस खाई में मुर्गियां पाली जाती हैं जिनके अंडों को एक स्थानीय दुकान में बेचा भी जाता है.
मधुमक्खी पालन
शहर में मधुमक्खी पालन भी हो रहा है. हर साल शहर के अधिकारी 40 किलो शहद इकठ्ठा कलते हैं. अंडों की तरह शहद भी स्थानीय दुकानों में बिकता है, लेकिन फलों और सब्जियों को शहर के लोग अपनी जरूरत के हिसाब से कहीं से भी उठा सकते हैं.
ऑर्गेनिक खेती
यहां कोई भी कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं करता है, जिस वहज से खेती की पूरी व्यवस्था ऑर्गेनिक है. मिट्टी के उर्वरता बनाए रखने के लिए अलग अलग मौसम में अलग अलग फसलों को उगाया जाता है. बगीचों में जैव विविधता भी है और यहां मधुमक्खियां, चिड़ियां और कीड़े मिल जाएंगे. कुल मिला कर आंदरनाख शहरी-बगीचे की अवधारणा का एक बेहतरीन उदाहरण बन गया है, जिसका बाकी शहर अनुसरण कर सकते हैं. (नैटली मलर, नील किंग)