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जर्मनी में यूरोप की सबसे ताकतवर सेना बनाएंगे मैर्त्स

१५ मई २०२५

जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने कहा है कि वह जर्मनी में "यूरोप की सबसे ताकतवर पारंपरिक सेना" बनाएंगे. यूरोप पिछले तीन साल से यूक्रेन पर रूसी हमले की मार झेल रहा है.

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 जर्मन सेना के नए रंगरूट हथियारों के साथ
जर्मनी की सेना लंबे समय से सरकार की उपेक्षा और अनदेखी की शिकार रही हैतस्वीर: Oliver Berg/dpa/picture alliance

फ्रीडरिष मैर्त्स ने संसद में कहा, "यूरोप की सबसे ज्यादा आबादी और आर्थिक रूप से ताकतवर देश के लिए यह उचित है. हमारे दोस्त और सहयोगी हमसे इसकी अपेक्षा रखते हैं, वास्तव में वो हमसे इसकी व्यावहारिक मांग करते हैं." चांसलर बनने के बाद बुधवार को पहली बार संसद को संबोधित करते हुए मैर्त्स ने संसद में अपनी योजनाओं को सामने रखा. मैर्त्स ने सेना को "सारे जरूरी आर्थिक संसाधन" देने का वादा किया जो उन्हें लंबे समय से नहीं मिला है.

चांसलर बनने के बाद पहली बार सदन को संबोधित करते फ्रीडरिष मैर्त्स
चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने कहा है कि वह जर्मनी यूरोप की सबसे ताकतवर सेना बनाएंगेतस्वीर: Michael Kappeler/dpa/picture alliance

अमेरिका पर निर्भर जर्मनी

दूसरे विश्वयुद्ध के काले इतिहास की वजह से जर्मनी लंबे समय तक सेना पर अधिक खर्च करने से बचता रहा है. शीतयुद्ध के बाद तो यह और भी कम हो गया क्योंकि यूरोपीय देश नाटो में शामिल अमेरिका पर सुरक्षा के लिए भरोसा करने लगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप चाहते हैं कि  जर्मनी और दूसरे सहयोगियों को साझी सुरक्षा पर और ज्यादा खर्च करें. इस चाहत के साथ ट्रंप ने अटलांटिक पार सैन्य सहयोग में अमेरिकी प्रतिबद्धता को जारी रखने पर संदेह भी पैदा किया है.

मैर्त्स ने भूराजनीतिक तनाव के दौर से गुजर रहे यूरोप में जर्मनी की ज्यादा बड़ी कूटनीतिक और सुरक्षा भूमिका का वादा किया है. उन्होंने यह चेतावनी भी दी, "अगर कोई गंभीरता से इस पर भरोसा करता है कि रूस यूक्रेन पर जीत के साथ संतुष्ट हो जाएगा या फिर उसके कुछ हिस्से को हथिया लेता है तो वह भुलावे में है."

नाटो में योगदान के लिए कितनी तैयार है जर्मनी की सेना

मैर्त्स की सरकार ने पहले ही रक्षा और बुनियादी ढांचे पर सैकड़ों अरब यूरो के अतिरिक्त खर्च के लिए रास्ता तैयार कर दिया है. मैर्त्स का कहना है, "बुंडेसवेयर (सशस्त्र सेना) को मजबूत करना हमारी शीर्ष प्राथमिकता है. जर्मन सरकार बुंडेसवेयर को यूरोप की सबसे मजबूत पारंपरिक सेना बनाने के लिए जरूरी सारे आर्थिक संसाधन मुहैया कराएगी."

मैर्त्स ने यह भी कहा, "ताकत हमलावर को रोकती है जबकि कमजोरी आक्रमण को न्यौता देती है." जर्मन चांसलर ने यूक्रेन को लगातार समर्थन देने पर भी जोर दिया हालांकि उन्होंने यह भी कहा, "हम युद्ध में पार्टी नहीं बनेंगे, हम वह नहीं बनना चाहते."

मैर्त्स का कहना है,"हमारा लक्ष्य जर्मनी और यूरोप है जो साथ में इतने मजबूत हैं कि कभी भी हमारे हथियारों के इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ेगी." मैर्त्स के मुताबिक इसे हासिल करने के लिए नाटो और यूरोपीय संघ के भीतर जर्मनी को और ज्यादा जिम्मेदारी लेनी होगी.

बुरे हाल में बुंडेसवेयर

फिलहाल जर्मनी लिए यह चुनौती काफी बड़ी है. हाल के वर्षों में जर्मन सेना उपकरणों की नाकामी के लिए हंसी का पात्र बनती रही है. कहा जाता रहा है कि सेना के पास ऐसे हैलीकॉप्टर हैं जो उड़ नहीं सकते या फिर ऐसी राइफलें हों जो सीधा निशाना नहीं लगा सकतीं.

तीन साल पहले यूक्रेन पर रूसी हमले ने तत्कालीन मध्य वामपंथी सरकार को हिला दिया था. तत्कालीन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स तुरंत हरकत में आए. उन्होंने रक्षा के लिए 100 अरब यूरो के अतिरिक्त धन की व्यवस्था थी. इसकी वजह से जर्मनी अपनी जीडीपी का दो फीसदी खर्च करने के लक्ष्य तक पहुंच सका. हालांकि अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. जर्मनी में सेना के लिए संसदीय आयुक्त एफा होएगल ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि सेना के पास अब भी "सबकुछ बहुत थोड़ा है."

जंगल में अभ्यास करते जर्मन सैनिक
जर्मनी सेना में युवाओं की भर्ती के लिए नई स्वैच्छिक सेवा लाने पर भी विचार कर रहा हैतस्वीर: Janine Schmitz/photothek/IMAGO

सेना की जरूरतें पूरी करने के लिए कई बड़े ऑर्डर दिए गए हैं. इनमें जर्मनी में बनी पनडुब्बियां भी शामिल हैं. हालांकि इनके बन कर तैयार होने और सेना तक पहुंचने में कई साल लगेंगे.

जर्मनी ने चांसलर अंगेला मैर्केल के शासन में अनिवार्य सैनिक सेवा खत्म कर दी थी, लेकिन मैर्त्स ने कहा है कि वह सैनिकों की ताकत बढ़ाने के लिए कदम उठाएंगे. मैर्त्स ने कहा, "हम एक नई, आकर्षक स्वैच्छिक सैन्य सेवा बनाएंगे. हमारे देश में ऐसे बहुत से युवा हैं जो जर्मनी की सुरक्षा और रक्षा क्षमता के लिए जिम्मेदारी लेना चाहते हैं."

2,000 किलोमीटर तक मार करने वाला हथियार

संसद में मैर्त्स के बयान के अगले ही दिन ब्रिटेन और जर्मनी ने संयुक्त रूप से लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार विकसित करने की खबर आई है. ब्रिटेन की सरकार ने घोषणा की है कि नया हथियार 2,000 किलोमीटर तक की रेंज में "बेहद सटीक मार" करने में सक्षम होगा.

यूरोप की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने पिछले साल ही नए हथियार विकसित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी और इसके लिए एक समझौते पर दस्तखत भी किए थे. तब दोनों देशों ने इस बात पर जोर दिया था कि यूक्रेन की जंग के आगे बढ़ने की स्थिति में यूरोप को अपनी रक्षा के लिए खुद तैयार होना होगा. इसके बाद जब डॉनल्ड ट्रंप दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने साफ कर दिया कि वह यूरोप से अपनी सुरक्षा जिम्मेदारी उठाने की उम्मीद करते हैं.

क्या जर्मनी के युवा सेना में जाने के लिए तैयार हैं

बर्लिन में ब्रिटेन और जर्मनी के रक्षा मंत्री जल्दी ही इस परियोजना की संयुक्त रूप से घोषणा करेंगे. ब्रिटेन के रक्षा मंत्री जॉन हीले ने बयान जारी कर कहा है, "ज्यादा खतरनाक दुनिया में नाटो और यूरोपीय सहयोगियों को एकजुट रहना होगा."