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जर्मनी का रक्षा खर्च बढ़ाने के लिए साथ आए सीडीयू और एसपीडी

५ मार्च २०२५

सीडीयू और एसपीडी ने रक्षा खर्च बढ़ाने के लिए विशेष कोष पर मुहर लगा दी है. इस कोष को 'डेट ब्रेक' से मुक्त रखा गया है.

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मार्कुल शोएडर, फ्रीडरिष मैर्त्स, लार्स क्लिंगबील और सासकिया एस्केन
रक्षा और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए मैर्त्स 500 अरब यूरो जुटाना चाहते हैंतस्वीर: Kay Nietfeld/dpa/picture alliance

जर्मनी के अगले संभावित चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने रक्षा और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए 500 अरब यूरो जुटाने की घोषणा की है. यह फैसला यूरोप और नाटो के प्रति अमेरिका के बदलते रुख को देखते हुए लिया गया है.

यह घोषणा मैर्त्स के नेतृत्व वाली क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक पार्टी (सीडीयू), उसकी बवेरियन सहयोगी क्रिश्चियन सोशल यूनियन (सीएसयू) और सोशल डेमोक्रेट्स (एसपीडी) के बीच हुई बातचीत के बाद की गई.

इस घोषणा के दौरान मैर्त्स के साथ सीएसयू के मार्कुस जोएडर और एसपीडी के लार्स क्लिंगबील और सासकिया इस्केन मौजूद थे.

जर्मनी के संघीय चुनाव के नतीजे आने के ठीक एक हफ्ते बाद यह फैसला आया है. मैर्त्स ने आने वाले दिनों में एसपीडी के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाने की बात कही है.

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उन्होंने कहा कि सभी नेता संसद में एक प्रस्ताव लाने के लिए सहमत हो गए हैं ताकि जर्मनी के संविधान में बदलाव करके रक्षा खर्च पर लगे नियंत्रण में ढील दी जा सके, जो फिलहाल जर्मन जीडीपी की 1 फीसदी सीमा के भीतर है और डेट ब्रेक की लिमिट से बाहर है.

2024 में जर्मनी की जीडीपी के हिसाब से लगभग 45 अरब यूरो (43 अरब डॉलर) से ऊपर का सारा खर्च इस बदलाव में शामिल होगा. इसके अलावा देश के 16 राज्यों को अपने आर्थिक उत्पादन के 0.35 फीसदी तक कर्ज लेने की अनुमति दी जाएगी, ताकि वे और बेहतर काम कर सकें.

फ्रीडरिष मैर्त्स
राज्य बेहतर तरीके से काम कर सकें इसलिए उन्हें कुछ हद कर्ज लेने की इजाजत दी जाएगीतस्वीर: Florian Gaertner/AP Photo/picture alliance

'जो करना पड़े, हम करेंगे'

मैर्त्स ने कहा, "हमें पता है कि हमारे सामने कितने बड़े काम हैं, और हम पहले जरूरी फैसले लेना चाहते हैं." उन्होंने आगे कहा, "हमारी आजादी और हमारे महाद्वीप की शांति पर खतरे को देखते हुए, हमारी रक्षा का मंत्र होना चाहिए: जो भी करना पड़े, हम करेंगे."

वहीं जोएडर ने कहा, "हम दोस्तों और दुश्मनों को एक संकेत दे रहे हैं: जर्मनी यहां है. जर्मनी पीछे नहीं हटेगा."

मैर्त्स ने बताया कि रक्षा खर्च में इस तरह की वृद्धि तभी जारी रखी जा सकती है जब जर्मनी की अर्थव्यवस्था "जितनी जल्दी हो सके स्थिर विकास के रास्ते पर वापस आ जाए."

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उन्होंने कहा, "इसके लिए न केवल प्रतिस्पर्धात्मक स्थितियों में सुधार की आवश्यकता है, बल्कि हमारे बुनियादी ढांचे में त्वरित और टिकाऊ निवेश की भी जरूरत है."

चूंकि इस तरह के निवेश "केवल संघीय बजट द्वारा वित्तपोषित नहीं किए जा सकते हैं," इसलिए पार्टियों ने औद्योगिक और बुनियादी ढांचागत निवेश के लिए 500 अरब यूरो के एक नए विशेष कोष पर भी सहमति व्यक्त की है, जिससे आने वाले दशक में जर्मनी की कमजोर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

एसपीडी नेता क्लिंगबेल ने कहा, "हम आखिरकार अपने देश में निवेश की रुकावट को खत्म कर रहे हैं." उन्होंने यह भी कहा कि नई सरकार साल के अंत तक जर्मनी के संविधान में बदलाव करेगी ताकि कर्ज लेने की सीमा में परिवर्तन किया जा सके और यह 'निवेश में रुकावट' न बने.

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रक्षा खर्च और बुनियादी ढांचे के विशेष कोष, दोनों प्रस्तावों को मौजूदा संसद के खत्म होने से पहले पेश किया जाएगा. सीडीयू और एसपीडी को उम्मीद है कि संविधान में बदलाव के लिए जरूरी दो-तिहाई बहुमत हासिल करने के लिए उन्हें ग्रीन्स और एफडीपी का समर्थन मिल जाएगा.

फ्रीडरिष मैर्त्स के साथ में मार्कुस शोएडर
संघीय चुनावों के बाद सीडीयू एसडीपी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाना चाहती हैतस्वीर: Matthias Balk/dpa/picture alliance

अमेरिका पर जर्मनी की प्रतिक्रिया

जर्मनी की तरफ से लिए गए इन फैसलों का मकसद गुरुवार को होने वाले यूरोपीय संघ के शिखर सम्मेलन से पहले अपनी सक्रियता दिखाना भी है. इस सम्मेलन में सदस्य देश अमेरिकी विदेश नीति में संभावित बदलावों पर यूरोपीय संघ के रुख की चर्चा करेंगे.

मैर्त्स ने कहा, "हमें उम्मीद है कि अमेरिका भविष्य में भी हमारी आपसी गठबंधन प्रतिबद्धताओं पर कायम रहेगा. लेकिन हम यह भी जानते हैं कि हमारे देश और गठबंधन की रक्षा के लिए खर्च को बढ़ाया जाना चाहिए."

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उन्होंने निवर्तमान चांसलर ओलाफ शॉल्त्स से मिलकर यूक्रेन के लिए लगभग 3-3.5 अरब यूरो की जरूरी मदद की बात करने की चर्चा के बारे में पत्रकारों को बताया, जिसे अब बजट से बाहर के खर्च के रूप में मंजूरी दी जा सकती है.

जर्मनी की ज्यादातर मुख्य राजनीतिक पार्टियां बजट, प्रवासन, आर्थिक प्रतिस्पर्धा और सुरक्षा पर आम सहमति बनाने के लिए बातचीत जारी रखने के लिए तैयार हैं.

एवाई/ओएसजे (एएफपी/डीपीए)

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