अफगान लोगों की वापसी के लिए तालिबान को पैसे नहीं दिएः जर्मनी
६ सितम्बर २०२५जर्मनी की वामपंथी पार्टी द लिंके ने सरकार से सवाल पूछा था कि क्या अफगान नागरिकों की वापसी के बदले तालिबान को पैसा दिया गया? इसके जवाब में जर्मनी के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने सामाचार एजेंसी डीपीए को यह जानकारी दी है.
जर्मन सरकार का कहना है कि जिन लोगों का प्रत्यर्पण हुआ वे सभी जर्मनी में अपराध में शामिल पाए गए थे. इनमें यौन अपराध, हिंसा और नशीली दवाओं से जुड़े अपराध शामिल हैं. सरकार का कहना है कि एयरपोर्ट पर इन अफगान नागरिकों को संभालने के लिए 38 लोगों को हथकड़ियां भी पहनाई गई थीं.
जोलिंगन हमले के बाद तेज हुई इमिग्रेशन विरोधी बहस
सरकार का कहना है कि जुलाई के महीने में इन्हें लेकर गए विमान को, "कतर की सरकार ने रणनीतिक सुरक्षा साझेदारी के तहत सहयोग दिया था, इसके लिए कोई मुआवाजा नहीं दिया गया." जर्मन प्रवक्ता ने गोपनीयता का हवाला दे कर इससे अधिक जानकारी देने से मना कर दिया.
क्या और लोगों का प्रत्यर्पण होगा?
हालांकि लेफ्ट पार्टी की घरेलू नीति प्रवक्ता क्लारा बुंगर ने कहा है कि इस मामले में इतनी जानकारी पर्याप्त नहीं है. बुंगर का कहना है, "संघीय सरकार ने प्रत्यर्पण की उड़ानों पर भारी रकम खर्च की है और निरंकुश लोगों से सहयोग किया, और दावे किए जा रहे हैं कि इससे सुरक्षा बढ़ेगी जो झूठ है." जर्मनी में बीते सालो में हुए कई हिंसक हमलों के लिए अफगान नागरिकों पर आरोप लगे हैं. जर्मनी में अफगान प्रवासियों की संख्या 2023 में 395,000 थी. तालिबान के दोबारा सत्ता में आने के बाद इनकी संख्या यहां तेजी से बढ़ी है.
जर्मनी के गृह मंत्री आलेक्जांडर डोबरिंट अफगान लोगों के प्रत्यर्पण में तेजी लाना चाहते हैं. गृह मंत्री की प्रवक्ता ने समाजार एजेंसी डीपीए से कहा, "संघीय सरकार स्थाई रूप से वापसी का तंत्र स्थापित करने के लिए तेजी से काम कर रही है." प्रवक्ता ने यह भी कहा, "इसे हासिल करने के लिए कानूनी उपायों और कार्य प्रणाली के नजरिए से सारे विकल्पों को परखा जा रहा है."
अभी यह साफ नहीं किया गया है कि भविष्य में होने वाले प्रत्यर्पणों में भी कतर के सरकार की मदद ली जाएगी या नहीं.
अपराध करने वालों पर नजर
अगस्त, 2021 में तालिबान के काबुल पर काबिज होने के बाद जर्मनी से दो चरणों में अफगान लोगों का प्रत्यर्पण हुआ है. जुलाई के प्रत्यर्पण से पहले अगस्त 2024 में भी अफगान नागरिकों को उनके देश भेजा गया था. तब देश में सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी, ग्रीन पार्टी और फ्री डेमोक्रैटिक पार्टी की गठबंधन सरकार थी. उस वक्त 28 लोगों को काबुल भेजा गया. इन सभी को जर्मन अदालतों ने किसी ना किसी अपराध में दोषी करार दिया था.
इस साल के पहले आठ महीनों में 33 अफगान नागरिकों ने जर्मन सरकार के उस प्रस्ताव को स्वीकार किया जिसमें स्वेच्छा से सब्सिडी लेकर अफगानिस्तान लौटने का इंतजाम किया गया था. जर्मन गृह मंत्रालय के मुताबिक इसके अतिरिक्त पांच और लोगों को सरकारी कार्यक्रमों की सहायता से अफगानिस्तान भेजा गया. बिना सरकारी सहायता के अपनी मर्जी से अफगानिस्तान लौटने वालों के बारे में फिलहाल आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं.