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करोड़ों के गर्भनिरोधक नष्ट करने के आदेश पर नाराज लोग

अविनाश द्विवेदी एएफपी, रॉयटर्स
२६ जुलाई २०२५

फ्रांस में अमेरिका के गर्भनिरोधक उत्पादों को नष्ट करने के कदम पर बवाल मच गया है. मांग की जा रही है कि राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों हस्तक्षेप कर इस कदम को रोकें.

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गर्भनिरोधक गोलियां
अमेरिकी गर्भनिरोधकों को फ्रांस में नष्ट करने के आदेश दिए गए हैं (प्रतीकात्मक तस्वीर)तस्वीर: Tim Ireland/empics/picture alliance

फ्रांस के वामपंथी नेताओं ने अमेरिका की उस योजना पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिसके तहत यूरोप में मौजूद लगभग 10 मिलियन डॉलर मूल्य के महिला गर्भनिरोधक उत्पादों को नष्ट किया जाना है. वामपंथी नेताओं ने इसे जनस्वास्थ्य का सीधा अपमान बताया है. इन नेताओं ने राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों से हस्तक्षेप की मांग की है.

अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने एएफपी को बताया कि यह निर्णय बाइडन प्रशासन के समय किए गए यूएसएड अनुबंधों को समाप्त किए जाने के बाद लिया गया है. अमेरिका की विदेशी सहायता एजेंसी यूएसएड एजेंसी को डॉनल्ड ट्रंप ने जनवरी, 2025 में दोबारा सत्ता में आने के बाद खत्म कर दिया था.

अब योजना है कि बेल्जियम में रखे हुए लगभग 9.7 मिलियन डॉलर मूल्य के इम्प्लांट और आईयूडी गर्भनिरोधक उत्पादों को फ्रांस में जलाया जाएगा. अमेरिकी सरकार का कहना है कि यह उत्पाद अब इस्तेमाल करने लायक नहीं हैं और इन्हें नष्ट करना ही एकमात्र विकल्प है.

फ्रांस की नेताओं ने बताया शर्मनाक

ग्रीन पार्टी की नेता मरीन तोंदेलिए और कई महिला सांसदों ने एक खुली चिट्ठी में इस अमेरिकी निर्णय को "एकजुटता, जनस्वास्थ्य और यौन व प्रजनन अधिकारों के मूल सिद्धांतों का अपमान" बताया है. सांसदों ने यह भी कहा है कि इनकी रक्षा के लिए फ्रांस प्रतिबद्ध है.

उन्होंने राष्ट्रपति माक्रों से अपील की कि वे इस योजना में "परोक्ष रूप से भी साझीदार ना बनें". उनका कहना है कि ये गर्भनिरोधक उत्पाद कम और मध्यम आय वाले देशों के लिए थे, और इन्हें नष्ट करना ना केवल शर्मनाक है, बल्कि चौंकाने वाला भी, क्योंकि ये पहले से बने-बनाए हैं और फंड किए जा चुके हैं.

तोंदेलिए ने कहा, "गर्भनिरोध के लिए मदद में कटौती करना शर्मनाक है, लेकिन पहले से निर्मित और फंड किए जा चुके उत्पादों को नष्ट करना और भी अधिक चौंकाने वाला है.”

संसद और सोशल मीडिया पर विरोध

ग्रीन पार्टी ने राष्ट्रपति माक्रों से आग्रह किया है कि वे यूरोपीय आयोग के साथ मिलकर इस योजना को रोकने की संयुक्त पहल करें. पार्टी ने माक्रों से यह अनुरोध भी किया है कि वे उन मानवीय संगठनों का समर्थन करें, जो इन गर्भनिरोधक उत्पादों को जरूरतमंद देशों में बांटने के लिए तैयार हैं.

फ्रांस अनबाउड (एलएफआई) पार्टी की संसदीय नेता मैथिल्ड पानो ने भी राष्ट्रपति माक्रों और प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरोउ से इस योजना को रोकने की अपील की है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "आपकी जिम्मेदारी है कि आप इस विनाश को रोकें, क्योंकि इससे जानें जा सकती हैं.”

भारत में पुरुष नसबंदी क्यों नहीं कराते

उन्होंने कहा कि ये संसाधन ऐसी 21.8 करोड़ महिलाओं के लिए अत्यंत आवश्यक हैं, जिन्हें गर्भनिरोधक सेवाएं नहीं मिल पातीं. डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने इस योजना को ‘निर्दयी बर्बादी‘ करार दिया है. संगठन की अमेरिकी शाखा से जुड़ी रेचेल मिल्कोविच ने कहा, "जब दुनिया भर में इन स्वास्थ्य उत्पादों की इतनी अधिक मांग है, तब इन्हें जलाना समझ ना आने वाली बात है.”

उन्होंने यह भी बताया कि कई संगठन इन उत्पादों की शिपिंग और वितरण की लागत उठाने को तैयार हैं, लेकिन अमेरिकी सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं दी है.

अमेरिकी सहायता में कटौती

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि इन उत्पादों को नष्ट करने की लागत 1.67 लाख डॉलर होगी और इसमें एचआईवी की दवाएं या कंडोम शामिल नहीं हैं. लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह तर्क मूल मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश है.

अमेरिकी सांसदों ने लगभग 9 अरब डॉलर की विदेशी सहायता में कटौती को मंजूरी दे दी है, जो मुख्य रूप से विकासशील देशों को मिलती थी. इससे वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं और मानवीय सहायता कार्यक्रमों पर गहरा असर पड़ सकता है.

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