भारत के कई राज्यों में बाढ़, पंजाब सबसे ज्यादा प्रभावित
लगातार हो रही मॉनसून की बारिश के कारण भारत के कई राज्यों में बाढ़ आ गई है. पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, उत्तराखंड और बिहार के कुछ क्षेत्रों पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ रहा है.
जान-माल को हो रहा है भारी नुकसान
भारी बारिश की वजह से भूस्खलन, बाढ़ और जलभराव की कई घटनाएं हुई हैं. इनके कारण कई लोगों की जान गई है. बाढ़ की वजह से हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. बुनियादी ढांचे, फसलों और लोगों की आजीविका को व्यापक रूप से नुकसान पहुंचा है.
पंजाब के करीब 1,400 गांव प्रभावित
पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. राज्य के 1,400 गांवों के 3.5 लाख से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए हैं. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 30 लोगों की जान भी जा चुकी है. घरों और खेतों में बाढ़ का पानी भरने से लोगों को भारी नुकसान हो रहा है. डेटा के मुताबिक, बाढ़ के कारण पंजाब में करीब 1.5 लाख हेक्टेयर फसल नष्ट हो गई है.
साल 1988 से भी बदतर हैं हालात
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि बाढ़ की मौजूदा स्थिति, 1988 में आई बाढ़ से भी बदतर है. उन्होंने कहा कि आज पंजाब संकट में है और उन्हें उम्मीद है कि पूरा देश पंजाब के साथ खड़ा रहेगा. आम आदमी पार्टी ने कहा है कि उसके सभी सांसद और विधायक अपना एक महीने का वेतन बाढ़-प्रभावित लोगों की मदद के लिए देंगे.
हरियाणा के भी कई इलाके प्रभावित
भारी बारिश के चलते हरियाणा के अंबाला जिले के रिहाइशी इलाकों में पानी घुस गया है. राज्य के सात जिलों से गुजरने वाली घग्गर नदी भी उफान पर है. इसके कारण सिरसा जिले के कई गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. हथिनीकुंड और ओखला बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद फरीदाबाद में यमुना नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है.
जम्मू-कश्मीर में उफान पर नदियां
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. तावी और चिनाब नदी उफन रही हैं. झेलम का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है. चिनाब नदी का पानी कई घरों में घुस गया है. खराब मौसम और भूस्खलन की घटनाओं के कारण वैष्णो देवी यात्रा भी पिछले नौ दिनों से रुकी हुई है.
हिमाचल में बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान
हिमाचल प्रदेश में 20 जून से लेकर अब तक बारिश संबंधी घटनाओं में करीब 180 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में चार नेशनल हाई-वे समेत 1,300 से ज्यादा सड़कें बाधित हैं. खराब मौसम के चलते, दो हजार से ज्यादा बिजली ट्रांसफॉर्मरों और 700 से ज्यादा जल आपूर्ति लाइनों को नुकसान पहुंचा है. राज्य में भूस्खलन की कई घटनाएं भी दर्ज की गई हैं.
दिल्ली में खतरे के निशान से ऊपर यमुना
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है. यहां यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बाढ़ की आशंका को देखते हुए नदी के पास, निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. प्रशासन ने लोगों से सतर्क और सुरक्षित रहने की अपील की है.
बिहार में कम बारिश के बावजूद बाढ़ के हालात
बिहार में अगस्त महीने में सामान्य से 228 मिलीमीटर कम बारिश हुई. इसके बावजूद, बिहार से होकर बहने वाली तीन प्रमुख नदियां- गंगा, कोसी और गंडक उफान पर हैं. इसमें नेपाल में हुई भारी बारिश का भी योगदान माना जा रहा है. मुंगेर, भागलपुर और बेगूसराय में बाढ़ की स्थिति बन गई है. सुपौल जिले में कटाव के चलते 100 से ज्यादा घर कोसी नदी के पानी में समा चुके हैं.
छत्तीसगढ़ में छोटे बांध का हिस्सा टूटा
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक छोटे बांध का एक हिस्सा टूट गया, जिससे क्षेत्र में अचानक बाढ़ आ गई. 'द हिंदू' के मुताबिक, बाढ़ की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गई. दो लोग अभी भी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है. अधिकारियों के मुताबिक, यह छोटा बांध 1980 के दशक की शुरुआत में बना था.