जम्मू-कश्मीर में भीषण बाढ़
भारत के जम्मू इलाके में भारी बारिश के बाद आई अचानक बाढ़ ने भारी नुकसान किया है. दर्जनों लोगों की मौत हुई है और कई लोग लापता हैं. इलाके में अभी और बारिश और बाढ़ की आशंका बनी हुई है.
भारी नुकसान
जम्मू के वैष्णो देवी तीर्थ स्थल के रास्ते में भूस्खलन की वजह से कम से कम 30 लोगों के मरने की खबर है. यहां कई लोग लापता भी हैं. राहत और बचाव के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है.
बाढ़ में गिरा पुल
अधिकारियों का कहना है कि 27 अगस्त की सुबह तावी नदी पर बने माधोपुर ब्रिज को काफी नुकसान हुआ. टीवी पर दिखाई जा रही तस्वीरों में पुल का एक हिस्सा ढहने और गाड़ियों को गिरते दिखाया जा रहा है. जम्मू को भारत के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले कई हाइवे को भी कई जगहों पर नुकसान हुआ है.
फोन और बिजली बंद
इलाके में टेलिफोन और बिजली की सप्लाई लगभग ठप्प हो गई है. तावी, चेनाब, झेलम और बसंतार नदियों से उफन कर बह रहे पानी से निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है. जम्मू के डोडा जिले में बाढ़ की चपेट में आ कर तीन लोगों की मौत हुई है. सड़कों के बंद होने से राहत पहुंचाने में भी दिक्कत हो रही है.
368 मिलीमीटर बरसात
मौसम विभाग के मुताबिक जम्मू में 26 अगस्त को 368 मिलीमीटर बरसात हुई है. जम्मू, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कई इलाकों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है. लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बरसात और आंधी का अंदेशा बना हुआ है.
भारी बारिश ने मचाई तबाही
मानसून की भीषण बरसात के बाद इलाके में जगह जगह पानी भर गया है. सड़कें, पुल के साथ बहुत से घर भी पानी में डूब गए हैं. हजारों लोगों को अपना घर छोड़ कर सुरक्षित ठिकानों की ओर भागना पड़ा है. कई जगह सड़कों पर गिरे पेड़ों ने रास्ता बंद कर दिया है.
बाढ़ और भूस्खलन
जून से सितंबर तक का समय इन इलाकों के लिए खासतौर से मुश्किल भरा होता है. हालांकि हाल के वर्षों में यहां कई आपदाओं का समय बन रहा है. इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट ने चेतावनी दी है कि हिंदूकुश के इलाके में ग्लेशियर भारी मात्रा में पिघले हैं और मौसमों का मिजाज लगातार बदल रहा है.
और बिगड़ सकते हैं हालात
जम्मू कश्मीर इलाके की लगभग सभी प्रमुख नदियों में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. मौसम विशेषज्ञ अंदेशा जता रहे हैं कि अभी कुछ और दिनों तक खतरे की स्थिति बनी रही सकती है.
भारत ने छोड़ा पानी
भारत ने तीv प्रमुख नदियों के बांधों से पानी छोड़ा है. यह पानी पाकिस्तान के निचले इलाकों में जाता है. इसकी वजह से पाकिस्तान के कई इलाकों में बाढ़ की आशंका है, खासतौर से पंजाब के. पाकिस्तान के अधिकारियों को भारत की ओर इसकी जानकारी दे दी गई थी. इसके बाद पाकिस्तान के अधिकारी, सेना और राहत एजेंसियां सतर्क हो गए.
पाकिस्तान में बाढ़
पाकिस्तान पहले से ही बाढ़ की भारी तबाही झेल रहा है. इस साल अब तक बाढ़ की चपेट में आ कर कम से कम 800 लोगों की मौत हो चुकी है. फसलों का भी भारी नुकसान हुआ है और बड़ी संख्या में लोग बेघर हुए हैं.
विकास की कीमत
विशेषज्ञों का कहना है कि इलाके में अनियंत्रित और बगैर अच्छी योजना के अमल में लाई गई विकास योजनाओं की भी कीमत चुकानी पड़ रही है. जलवायु पर असर के साथ ही यहां की भौगोलिक स्थिति में भी काफी बदलाव हुए हैं जिसके लिए यह इलाका शायद तैयार नहीं है.