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छोड़े हुए जहाजों में फंसे हैं हजारों मजदूर

३० जनवरी २०२५

दुनियाभर में बंदरगाहों पर ऐसे सैकड़ों जहाज खड़े हैं, जिन्हें कंपनियों ने छोड़ दिया है. इन जहाजों पर हजारों कर्मचारी फंसे हुए हैं, जिन्हें ना वेतन मिला है ना वे घर लौट सकते हैं.

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अब्दुल नासेर सालेह
सऊदी अरब के जेद्दा में अल-माह जहाज पर फंसे अब्दुल नासेर सालेहतस्वीर: Courtesy Abdul Nasser Saleh via AP/picture alliance

संयुक्त राष्ट्र के श्रम संगठन और समुद्री श्रमिकों के अधिकारों के लिए काम करने वाले मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, छोड़े गए जहाजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अब पहले से ज्यादा जहाजों को उनके मालिक छोड़ दे रहे हैं. इसकी वजह से हजारों मजदूर इन जहाजों पर बिना वेतन के और घर लौटने के साधनों के बिना फंसे हुए हैं. पिछले कुछ वर्षों में यह समस्या काफी बढ़ी है, और पिछले तीन वर्षों में ऐसे मामले दोगुने हो गए हैं.

2024 में ही 230 से ज्यादा जहाजों पर 3,000 से ज्यादा समुद्री श्रमिकों पर इसका असर पड़ा है. यह संख्या और ज्यादा हो सकती है, क्योंकि मजदूरों को अपनी स्थिति की रिपोर्ट करने में लंबा समय लग सकता है.

क्या है छोड़े गए जहाजों का मामला

अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार, अगर जहाज मालिक श्रमिकों को दो या अधिक महीनों तक वेतन नहीं देते, जरूरी सामान और साधन उपलब्ध नहीं कराते या चालक दल से संपर्क करना बंद कर देते हैं, तो श्रमिकों को छोड़ा हुआ या परित्यक्त माना जाता है. इस स्थिति में श्रमिक पूरी तरह से मालिक की उपेक्षा का शिकार हो जाते हैं और उनका जीवन बेहद मुश्किल हो जाता है.

इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन (आईटीएफ) की शिप इंस्पेक्टर हेलन मेल्ड्रम ने कहा, "कभी-कभी समुद्री श्रमिकों के पास अपने वेतन के लिए संघर्ष करने का एकमात्र तरीका यही होता है कि वे जहाज पर तब तक बने रहें, जब तक वेतन नहीं मिल जाता."

यह समस्या समुद्र तट से दिखाई नहीं देती और खासकर उन छोटी शिपिंग कंपनियों पर ज्यादा असर डालती है जो कम मुनाफे वाले व्यापार मार्गों पर काम करती हैं. वे जहाज, जिन पर वेतन नहीं मिल रहा, आमतौर पर जंग लगे पुराने जहाज होते हैं. 2023 के मुकाबले, 2024 में ऐसे जहाजों के मामले ज्यादा बढ़े हैं. जैसे-जैसे यह स्थिति बढ़ रही है, कुछ अत्यधिक खतरनाक मामले भी सामने आए हैं.

सिस्टर-12 जहाज
सिस्टर-12 जहाज के कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें एक साल से वेतन नहीं मिलातस्वीर: ITF/AP/picture alliance

सबसे खराब मामलों में श्रमिकों ने कई हफ्तों तक बिना उचित भोजन या ताजा पानी के, एक जगह खड़े जहाजों पर जीवन बिताया है, या अंधेरे जहाजों पर बिजली के बिना जीवन जीने के लिए मजबूर हुए हैं. कुछ श्रमिक तो जहाजों पर सालों तक फंसे रहे हैं. अब्दुल नासिर सालेह की कहानी ऐसी ही है, जो पिछले साल चर्चा में आए थे.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, जहाज मालिक अक्सर तब मजदूरों को भुगतान करना बंद कर देते हैं जब उनके खर्च बढ़ जाते हैं या व्यापार कम हो जाता है. मालिक जहाजों को बंदरगाहों में छोड़ देते हैं जहां श्रमिकों के पास जमीन पर कदम रखने के लिए जरूरी दस्तावेज नहीं होते, या फिर ऐसे स्थानों पर जहां केवल नाव के माध्यम से पहुंचा जा सकता है.

बढ़ते जा रहे हैं मामले

2024 में परित्यक्त जहाजों के मामलों की संख्या ने 2023 के रिकॉर्ड को पार कर लिया और 234 पर पहुंच गई. सरकारें और संगठनों, जैसे कि मेल्ड्रम की संस्था, संयुक्त राष्ट्र को ऐसे मामलों की रिपोर्ट कर सकती हैं, जो बुनियादी तथ्यों की जांच करता है और मालिक और संबंधित अधिकारियों से समाधान की मांग करता है.

मेल्ड्रम ने हाल ही में 'फ्रेंड्स शिपिंग' नाम की कंपनी के तीन कार्गो जहाजों के लिए अधिकारियों से मदद की अपील की है. इन जहाजों में से एक, 'सिस्टर 12', अब यमन के तट पर लंगर डाले हुए है. एक साल से भी अधिक समय से श्रमिक इस जहाज पर बिना वेतन और सुविधाओं के बंद हैं. मेल्ड्रम ने कहा, "असल में वे जहाजों पर कैद हैं. यह सिर्फ शोषण नहीं है बल्कि उससे कहीं ज्यादा है."

जेद्दा के तट पर खड़ा मालवाहक जहाज अल माह
सऊदी अरब में खड़े मालवाहक जहाज अल माह को कंपनी ने छोड़ दिया हैतस्वीर: Courtesy Abdul Nasser Saleh via AP/picture alliance

'सिस्टर 12' के एक सीरियाई नाविक अब्दुल रज्जाक अब्दुल खालिक ने समाचार एजेंसी एपी को व्हाट्सएप के माध्यम से लिखा कि जहाज में कीड़े हैं और उन्हें नहाने के लिए समुद्र का पानी इस्तेमाल करना पड़ता है. उन्होंने जो फोटो और वीडियो साझा किए, उनमें दिखाया कि नल से गंदा भूरा पानी निकल रहा है, डेक पर जंग लग रहा है, और रसोई में सड़ी हुई कुछ सब्जियां पड़ी हैं. उन्होंने लिखा, "जहाज में ना तो खाना है, ना पानी है, और ना ही जीवन."

एक कंपनी की मिसाल

'फ्रेंड्स शिपिंग' कंपनी का इतिहास परित्यक्त जहाजों से जुड़ा हुआ है. फ्रेंड्स शिपिंग का दफ्तर तुर्की और दुबई में है. यह कंपनी अपने बेड़े के जहाजों को छोड़ देने के लिए बदनाम है. कंपनी की वेबसाइट पर सूचीबद्ध 22 जहाजों में से 19 जहाज छोड़े जाने के मामलों में शामिल हैं, हालांकि इनमें से कुछ जहाजों को शायद अब बेच दिया गया हो. कंपनी का नारा है "हम दुनिया को छोटा बनाते हैं."

मेल्ड्रम ने कहा, "फ्रेंड्स शिपिंग ऐसे श्रमिकों को नियुक्त करती है जो कंपनी की बदनामी से अनजान होते हैं, और फिर उन्हें इतनी बुरी स्थिति में छोड़ देती है कि कई श्रमिक पहले मौके पर ही घर जाने के लिए तैयार होते हैं, भले ही उन्हें वेतन ना मिले. फिर नया चालक दल भेजा जाता है, और वही स्थिति दोहराई जाती है."

फ्रेंड्स शिपिंग ने सवालों का जवाब नहीं दिया. हालांकि, तुर्की में कंपनी के व्हाट्सएप नंबर पर जवाब देने वाले व्यक्ति ने कहा कि 'सिस्टर 12' जहाज पर श्रमिकों को आवश्यक सामग्री दी गई है और सभी श्रमिकों को जहाज से उतारा जाएगा. लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि ऐसा कैसे और कब होगा.

किसकी है जिम्मेदारी?

वैश्विक श्रम अधिकार संधियों के बावजूद, जहाज मालिकों को जिम्मेदार ठहराने के लिए कम कानूनी रास्ते हैं. जहाज अक्सर ना केवल ऐसे देशों के झंडे के नीचे पंजीकृत होते हैं जिनका इन जहाजों से कोई संबंध नहीं होता, बल्कि पंजीकरण के लिए इन देशों में कोई सख्त नियम नहीं होते.

कहां से मिल रही क्रूज शिपिंग उद्योग को ये ताकत

संयुक्त राष्ट्र के दिशानिर्देशों के अनुसार, जहाज पर लगे झंडे वाले देशों की पहली जवाबदेही होनी चाहिए और श्रमिकों को भोजन, चिकित्सा सहायता, और घर लौटने में मदद उनकी जिम्मेदारी होनी चाहिए. हालांकि, कई देश इस जिम्मेदारी को पूरा करने में नाकाम रहे हैं. पनामा, पलाऊ, और तंजानिया जैसे देशों ने 2024 में दर्जनों ऐसे जहाजों को पंजीकृत किया है, जो छोड़ दिए गए थे.

विशेषज्ञ कहते हैं कि मामलों में लगातार वृद्धि इस बात का संकेत है कि शायद अब और अधिक समुद्री श्रमिक अपने मालिकों के खिलाफ शोषण की रिपोर्ट करने के लिए तैयार हो रहे हैं, लेकिन वास्तविक स्थिति इससे कहीं ज्यादा जटिल हो सकती है. कोविड महामारी के दौरान जहाज छोड़ने के मामलों में वृद्धि हुई थी. जब से जहाज मालिकों को महंगाई और बढ़ते खर्चों का सामना करना पड़ा है, तब से ये मामले बढ़ते जा रहे हैं.

श्रमिकों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था आईटीएफ ने कहा कि उसने पिछले साल श्रमिकों के लिए एक करोड़ डॉलर से ज्यादा के रुके हुए वेतन की वसूली की. निरीक्षक अभी भी एक करोड़ डॉलर और वापस दिलवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जो उन्हें लगता है कि श्रमिकों को दिया जाना चाहिए.

वीके/एनआर (एपी)

 

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