भारत में किस सेक्टर में कितनी महिलाएं हैं
महिलाओं के घर से निकलकर काम करने के मामले में भारत दुनिया के सबसे पिछड़े देशों में शामिल है. एक नजर देश के अलग अलग सेक्टरों में महिलाओं की हिस्सेदारी और उनकी भूमिका पर.
भारतीय महिलाओं की शक्ति
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के मुताबिक अगर भारत महिला कामगारों की संख्या दोगुनी कर ले, तो उसकी विकास दर 7.5 से 9 फीसदी हो जाएगी और 2025 तक जीडीपी में 700 अरब डॉलर का इजाफा होगा.
कृषि
देश का कृषि क्षेत्र बहुत हद तक महिलाओं के भरोसे ही चलता है. इस क्षेत्र में उनकी हिस्सेदारी दुनिया में सबसे ज्यादा 62.9 फीसदी है. दूसरे नंबर पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर है, जहां महिलाओं की संख्या कुल वर्कफोर्स की 11.2 फीसदी है.
असंगठित क्षेत्र
भारत की बड़ी असंगठित अर्थव्यवस्था में भी महिलाओं की निर्णायक भूमिका है. हाउस हेल्प, दिहाड़ी मजदूरी, रेहड़ी लगाकर सामान बेचना, निजी सहायक का काम करना, ये ऐसे सेक्टर हैं जिनमें बड़ी संख्या में औरतें काम करती हैं.
एविएशन
पुरुषों के अनुपात में महिला पायलटों की संख्या के मामले में भारत दुनिया में पहले नंबर पर है. देश में कुल 10,000 लोग पायलट हैं, इनमें 15 फीसदी महिलाएं हैं. दुनिया में यह अनुपात 5 फीसदी है.
कॉरपोरेट जगत
2023 में भारत की निफ्टी 500 कंपनियों के बोर्ड सदस्यों में 18.2 फीसदी महिलाएं थीं. लाइफ साइंसेज सेक्टर की कंपनियों में उनकी भागीदारी सबसे ज्यादा 24 फीसदी है.
टेक जगत
तकनीक क्षेत्र में महिला कर्मचारियों की संख्या अन्य उद्योगों के मुकाबले सबसे ज्यादा 34 फीसदी है. लेकिन इसके बावजूद सिर्फ 8.9 फीसदी कंपनियों में ही औरतें शीर्ष मैनेजमेंट में हैं.
शासन
इंदिरा गांधी भारत की एक मात्र महिला प्रधानमंत्री रही हैं. 1947 से अब तक भारत में दो महिलाएं राष्ट्रपति पद पर आसीन हो चुकी हैं. प्रांतीय स्तर पर आज तक 15 महिलाएं मुख्यमंत्री पद संभाल चुकी हैं.
विधायिका
भारत की वर्तमान संसद के निचले सदन, लोक सभा में इस वक्त महिला सांसदों का अनुपात 14.94 फीसदी है. राज्य सभा कहे जाने वाले ऊपरी प्रतिनिधि सदन में यह संख्या 14.05 फीसदी है. राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कुल मिलाकर करीब 10 फीसदी है.
ग्राम पंचायत
भारत की 31 लाख ग्राम सभाओं में से 14 लाख ग्राम पंचायतों में महिलाएं ग्राम प्रधान हैं. इसकी बड़ी वजह कई ग्राम पंचायतों का महिला आरक्षित सीट होना है.
न्यायपालिका
भारत की सर्वोच्च अदालत में आज तक कोई महिला, मुख्य न्यायाधीश नहीं बन सकी है. अगस्त 2023 तक सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ तीन महिलाएं जज बन सकी हैं. देश के 25 हाई कोर्टों में कुल 788 जजों के पद हैं, जिनमें सिर्फ 106 महिलाएं ही न्यायाधीश बन सकी हैं.
रक्षा और पुलिस
मार्च 2023 तक भारतीय सेना में 6,993 महिलाएं अफसर रह चुकी हैं. नौसेना में यह संख्या 748 है. भारत के 21 लाख पुलिस अधिकारियों में महिलाओं की हिस्सेदारी करीब 11.7 फीसदी है.