ई-सिगरेटः कहां क्या है कानून
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सरकारों से आग्रह किया है कि ई-सिगरेट या वेप को भी अन्य तंबाकू उत्पादों जैसा समझा जाए और उनके सभी फ्लेवर्स पर प्रतिबंध लगाया जाए. जानिए, फिलहाल कहां-कहां हैं वेपिंग पर कानून.
34 देशों में वेपिंग पर बैन
पिछले साल जुलाई तक 34 देश ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगा चुके थे. इनमें ब्राजील, भारत, ईरान और थाईलैंड जैसे बड़े देश शामिल हैं.
74 देशों में कोई नियम नहीं
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कम से कम 74 देश ऐसे हैं जिनमें ई-सिगरेट या वेपिंग को लेकर कोई नियम नहीं है. इनमें अधिकतर अफ्रीकी देश हैं लेकिन पाकिस्तान, कोलंबिया और मंगोलिया आदि भी शामिल हैं.
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में निकोटीन वाली ई-सिगरेट खरीदने के लिए डॉक्टर से प्रेसक्रिप्शन की जरूरत होती है. हालांकि देशभर में निकोटीन वेप अवैध रूप से बिक रही हैं. 1 जनवरी से ऑस्ट्रेलिया ने वेप के आयात पर प्रतिबंध लगाया है.
अमेरिका
ई-सिगरेट के सबसे बड़े बाजार अमेरिका में बिक्री के लिए फूड एंड ड्रग अथॉरिटी से इजाजत लेनी होती है. सिगरेट छोड़ने में इनकी मदद मिलने जैसे तर्क के आधार पर इन्हें इजाजत दी जाती है. लेकिन देश में तंबाकू फ्लेवर के अलावा अन्य फ्लेवर अभी प्रतिबंधित हैं.
यूरोपीय संघ
यूरोपीय संघ में ई-सिगरेट या वेप बेचना वैध है लेकिन उनके लिए नियम बनाए गए हैं. मसलन, निकोटीन की मात्रा तय है और पैकेट पर लिखा होना चाहिए कि धूम्रपान ना करने वालों को वेप इस्तेमाल नहीं करने चाहिए. अब जर्मनी समेत कई देश इन पर प्रतिबंध पर विचार कर रहे हैं.
जापान
जापानी कानून में ई-सिगरेट को दवा-उत्पाद माना जाता है लेकिन इनके इस्तेमाल की इजाजत अभी नहीं दी गई है.
रूस
रूस में वेप बेचने या इस्तेमाल पर कोई प्रतिबंध नहीं है. लेकिन सिगरेट की तरह इन्हें भी 18 साल से कम आयु के लोगों को नहीं बेचा जा सकता. पिछले साल प्रतिबंध के लिए एक प्रस्ताव आया था, जिसे सरकार ने खारिज कर दिया.
चीन
चीन ई-सिगरेट का सबसे बड़ा उत्पादक है. 2021 में वहां एक कानून बनाकर वेप के इस्तेमाल पर कई पाबंदियां लगाई गईं लेकिन वहां से उत्पादक विदेशों को जमकर वेप्स भेज रहे हैं. 2022 में उत्पादन और बिक्री पर अतिरिक्त कर लगाए गए हैं, बेचने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी किया गया है.