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राजनीतियूक्रेन

ट्रंप-जेलेंस्की की मीटिंग में "टीम यूरोप" भी होगी साथ

स्वाति मिश्रा डीपीए, एएफपी, रॉयटर्स
१७ अगस्त २०२५

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, ट्रंप से मिलने वॉशिंगटन जा रहे हैं. मगर अकेले नहीं, यूरोप के कई लीडर साथ देने जा रहे हैं. जेलेंस्की के आगे बड़ी चुनौती है. ट्रंप को नाराज किए बिना अपना पक्ष मजबूती से रखना.

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पत्रकारों के सवालों का जवाब देते अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप
तस्वीर: Win McNamee/Getty Images

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सप्ताह की शुरुआत वॉशिंगटन डीसी में करेंगे. सोमवार (18 अगस्त) की दोपहर जेलेंस्की की डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात तय है. जेलेंस्की की इस यात्रा के लिए यूरोपीय नेता होमवर्क करने में जुटे हैं. यह तय हुआ है कि ट्रंप के साथ मीटिंग में जेलेंस्की अकेले नहीं होंगे. यूरोपीय नेता भी साथ होंगे.

इन लीडरों में जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स, फ्रेंच राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों, ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फिनलैंड के राष्ट्रपति आलेक्जांडर स्टूब, यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन और नाटो प्रमुख मार्क रूटे भी शामिल हैं. 

अलास्का बैठक बेनतीजा, ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं को फोन मिलाया

जर्मनी की राजधानी बर्लिन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स.
जेलेंस्की ने फिर से मांग दोहराई है कि निर्णायक समझौते पर बातचीत के लिए संघर्षविराम करना जरूरी हैतस्वीर: Ukrainian Presidential Press Service/ZUMA/picture alliance

अमेरिका जाने से पहले ब्रसेल्स पहुंचे जेलेंस्की

इस संबंध में जर्मनी की सरकार ने बताया, "यह यात्रा, अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई बैठक के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से जानकारियों के आदान-प्रदान के लिए है."

ब्रिटिश प्रधानमंत्री के दफ्तर ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी, "वाइट हाउस में कल जो बैठक होगी, उसमें पीएम बाकी यूरोपीय सहयोगियों के साथ मौजूद रहेंगे. वो बातचीत के इस अगले चरण का समर्थन करेंगे और एक बार फिर इस बात पर जोर देंगे कि यूक्रेन के लिए उनका समर्थन जारी रहेगा, जब तक इसकी जरूरत रहेगी."

जर्मनी ने ट्रंप-पुतिन बैठक पर साधी चुप्पी, सतर्क रुख अपनाया

फ्रेंच राष्ट्रपति के दफ्तर ने बताया कि न्यायपूर्ण और स्थायी शांति के लिए माक्रों, यूरोप और अमेरिका के बीच तालमेल बिठाने का काम जारी रखेंगे. इस संदर्भ में रविवार को दो प्रमुख चीजें हुईं. आगे की रणनीति पर बातचीत के लिए जेलेंस्की ब्रसेल्स पहुंचे. यहां वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कई यूरोपीय नेताओं से मशविरा करेंगे. दूसरी ओर मैर्त्स, माक्रों और स्टार्मर भी एक वीडियो सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन ब्रसेल्स में प्रेस कॉन्फ्रेंस के मंच पर एक दूसरे की ओर देखकर बात करते हुए
अमेरिका रवाना होने से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन ने ब्रसेल्स में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कीतस्वीर: Bart Biesemans/REUTERS

यूक्रेन में जंग खत्म करने की कोशिशें किस दिशा में आगे बढ़ें, यह बातचीत का मुख्य मुद्दा होने की उम्मीद है. यूरोप कोशिश कर रहा है कि रूस और अमेरिका की आगामी वार्ताओं में उनके और यूक्रेन के नजरिये की अनदेखी ना हो. मौजूदा संकेतों से लगता है कि अलास्का में पुतिन ने ट्रंप के आगे अपनी जो मांगें रखीं, उनमें से सभी के में अभी यूरोप को जानकारी नहीं है. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि फिलहाल यूक्रेन को पुतिन की सभी मांगों के बारे में जानकारी नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि हथियारों के दबाव में बातचीत संभव नहीं है

पुतिन से मिलकर आने के बाद क्या कह रहे हैं ट्रंप?

ट्रंप की राजनीतिक और कूटनीतिक शैली घूमावदार होने के साथ-साथ अप्रत्याशित भी रही है. अपने दूसरे कार्यकाल में यूक्रेन युद्ध पर उनका रवैया बदलता रहा है. कभी यूक्रेन को कसूरवार ठहराया, तो कभी संघर्षविराम ना होने पर रूस को प्रतिबंध की चेतावनी दी. अब पुतिन से मिलकर आने के बाद उन्होंने कहा कि यूक्रेन को रूस से डील करने की जरूरत है, "क्योंकि रूस बहुत बड़ी शक्ति है, और वो (यूक्रेन) नहीं हैं."

पुतिन के साथ उनका हावभाव काफी दोस्ताना दिखा. बैठक से पहले ट्रंप संघर्षविराम की शर्त रखकर रूस को सेंक्शन के लिए चेता रहे थे. बैठक के बाद उन्होंने तत्काल संघर्षविराम की संभावना से इनकार किया. ट्रंप ने कहा कि दोनों के बीच शांति समझौते से ही युद्ध खत्म होगा.

ट्रंप और पुतिन के लिए बहुत बड़ी चुनौती है समझौता

अलास्का के एंकरेज में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
खबरों के मुताबिक, ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं से कहा कि अगर जेलेंस्की डोनबास इलाका देने को तैयार हो जाएं, तो रूस से शांति समझौता हो सकता हैतस्वीर: Julia Demaree Nikhinson/AP Photo/picture alliance

युद्ध खत्म करने के बदले क्या चाहते हैं पुतिन?

खबरों के मुताबिक, यूरोपीय नेताओं को दी गई ब्रीफिंग में ट्रंप ने पुतिन की शर्त बताई. कहा कि युद्ध खत्म करने के एवज में पुतिन यूक्रेन पूर्वी डोनबास इलाका चाहते हैं.

"न्यू यॉर्क टाइम्स" ने दो वरिष्ठ यूरोपीय अधिकारियों के हवाले से यह रिपोर्ट छापी है. इसके मुताबिक, ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं से कहा कि अगर जेलेंस्की डोनबास इलाका देने को तैयार हो जाएं, तो उन्हें लगता है शांति समझौता हो सकता है.

ब्रिटिश अखबार "दी गार्डियन" ने भी सूत्रों के हवाले से बताया कि पुतिन ने डोनबास से यूक्रेन के बाहर निकलने की मांग रखी है. इन खबरों के मुताबिक, पुतिन ने प्रस्ताव दिया कि अगर यूक्रेन उसकी मांग मान ले, तो वह बाकी मोर्चे पर लड़ाई रोकने को तैयार हैं.

अलास्का के एंकरेज में व्लादिमीर पुतिन (तस्वीर में बाईं तरफ) और डॉनल्ड ट्रंप
बैठक से पहले ट्रंप संघर्षविराम की शर्त रखकर रूस को सेंक्शन के लिए चेता रहे थे. बैठक के बाद उन्होंने तत्काल संघर्षविराम की संभावना से इनकार कियातस्वीर: Kevin Lamarque/REUTERS

कहां है डोनबास?

डोनबास, यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर है. इसे डोनेत्स्क और लुहांस्क के नाम से भी जाना जाता है. रॉयटर्स के मुताबिक, डोनबास क्षेत्र का लगभग 46,570 वर्ग किलोमीटर इलाका, यानी 88 प्रतिशत भाग पर रूस का नियंत्रण है. इसमें समूचा लुहांस्क शामिल है और डोनेत्स्क का 75 प्रतिशत इलाका. डोनेत्स्क के कुछ अहम इलाके अब भी यूक्रेन के पास हैं.

क्या है ओएससीई, जिससे रूस को निकालने की मांग कर रहा यूक्रेन

यह विवाद करीब एक दशक पुराना है, जब साल 2014 में रूस समर्थित अलगाववादियों ने लुहांस्क और डोनेत्स्क में खुद को स्वतंत्र रिपब्लिक घोषित कर दिया. 2022 में यूक्रेन पर हमले से पहले पुतिन ने इन्हें मान्यता दे दी. डोनबास खनिज संसाधनों में काफी संपन्न है. यूक्रेन के सबसे विशाल कोयला भंडारों में से एक यहीं है. जेलेंस्की, यूक्रेन के डोनेत्स्क छोड़कर पीछे हट जाने की मांग लगातार खारिज करते रहे हैं. वह कह चुके हैं कि यूक्रेन के लोग कभी डोनबास नहीं छोड़ेंगे.

पुतिन और ट्रंप की मुलाकात के लिए तैयार है अलास्का

जेलेंस्की के आगे बड़ी चुनौती?

यूरोप, युद्ध खत्म करने की पुतिन की मौजूदा मांगों को अस्वीकार्य बताता है. यूरोपीय लीडरों की मांग है कि शांति कायम करने के लिए पहला कदम यह हो कि फौरन संघर्षविराम लागू किया जाए. क्योंकि हमले के बीच यूक्रेन वार्ता नहीं कर सकता है. साथ ही, यूक्रेन को सुरक्षा की ठोस गारंटी दी जाए. हालांकि, इन सबके बीच एक बड़ी चुनौती ट्रंप खुद भी हैं.

फरवरी में ट्रंप से जेलेंस्की की मुलाकात काफी मुश्किल रही थी. अभी भी उनके आगे बहुत बारीक धागे पर संतुलन बिठाने की चुनौती होगी. एक तरफ उनकी कोशिश होगी कि ट्रंप को नाराज ना करें. साथ-साथ, उन्हें राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अपना पक्ष भी स्पष्ट करना होगा.

ट्रंप पहले ही संकेत दे रहे हैं कि शांति के लिए यूक्रेन को बड़े समझौते करने होंगे और डील का दारोमदार अब उसपर है. ऐसे में जोखिम तो है. मुमकिन है, यहीं भांपकर यूरोपीय नेता जेलेंस्की के साथ मजबूत मोर्चा पेश करने की कोशिश कर रहे हों.