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राजनीतिइस्राएल

इस्राएल पर दबाव बनाने के लिए स्पेन में बैठक

२६ मई २०२५

अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गाजा युद्ध रोकने के लिए इस्राएल के खिलाफ प्रतिबंधों पर विचार करना चाहिए. स्पेन के विदेश मंत्री ने यह बात कही. यूरोपीय और अरब देशों के नेता गाजा में हमले रोकने पर जोर देने के लिए मैड्रिड पहुंचे.

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Spanien Madrid 2025 | Madrid+ Konferenz zur Zweistaatenlösung | PK Außenminister José Manuel Albares
तस्वीर: Pierre-Philippe Marcou/AFP/Getty Images

इस्राएल के लंबे समय से सहयोगी रहे कुछ देशों ने भी इस्राएल पर दबाव बनाने के लिए उठ रही आवाजों में अपना सुर मिलाया. गाजा में हमास के खिलाफ इस्राएल ने सैन्य कार्रवाई तेज कर दी है. 2023 में हमास के इस्राएल पर हमले के बाद से ही गाजा में संघर्ष चल रहा है.

गाजा में राहत सामग्री की कमी

लगभग 3 महीने से चली आ रही घेराबंदी ने फलीस्तीनी इलाके की हालत और ज्यादा बिगाड़ दी है. वहां खाना, पानी, ईंधन और दवाइयों की भारी कमी है. आशंका जताई जा रही है कि वहां भुखमरी की स्थिति पैदा हो सकती है.

सहायता संगठनों का कहना है कि जो थोड़ी बहुत राहत सामग्री वहां ले जाने की अनुमति इस्राएल ने दी है वह वहां की जरूरतों की तुलना में बहुत कम है.

स्पेन के विदेश मंत्री यूरोपी और अरबी देशों के सम्मेलन में बोलते हुए
स्पेन के विदेश मंत्री का कहना है कि गाजा में मानवीय सहायता तुरंत पहुंचाई जानी चाहिएतस्वीर: Pierre-Philippe Marcou/AFP/Getty Images

स्पेन के विदेश मंत्री जोस मानुएल अल्बारेस ने बैठक शुरू होने से पहले पत्रकारों से कहा कि इस बातचीत का मकसद गाजा में इस्राएल के "अमानवीय" और "बेमतलब" युद्ध को रोकना है.

उन्होंने यह भी कहा कि मानवीय सहायता गाजा में जरूर पहुंचनी चाहिए, "भारी मात्रा में, बिना किसी शर्त और सीमा के और इस्राएल के नियंत्रण के बगैर." उन्होने यह भी कहा कि यह इलाका मानवता के लिए "खुले जख्म" जैसा है.

द्विराष्ट्र समाधान को बढ़ावा

इस बैठक में यूरोपीय देशों की तरफ से फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी और इटली के प्रतिनिधि भी शामिल हैं. इनके साथ अरब देशों से यहां मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब, तुर्की, मोरक्को और अरब लीग के अलावा ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन के प्रतिनिधि हैं.

स्पेन की तरह फलीस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देने वाले नॉर्वे, आइसलैंड, आयरलैंड और स्लोवेनिया भी इस बैठक में शामिल हैं. इनके अलावा ब्राजील भी इसमें हिस्सा ले रहा है.

यूरोपीय संघ ने इस बीते हफ्ते इस्राएल के साथ अपने सहयोग समझौते की समीक्षा करने का फैसला किया है. अल्बारेस ने पत्रकारों से कहा कि स्पेन इसे "तत्काल स्थगित" करने का आग्रह करेगा. स्पेन ने सहयोगी देशों से इस्राएल पर हथियारों पर इम्बार्गो लगाने का भी आग्रह किया है और जो लोग द्विराष्ट्र के समाधान को हमेशा के लिए खत्म करना चाहते हैं उनके खिलाफ प्रतिबंधों "से भी इनकार नहीं" किया है.

गाजा पर इस्राएली हमले का निशाना बना स्कूल
इस्राएल की सेना ने संघर्षविराम खत्म होने के बाद गाजा पर हमले तेज कर दिए हैंतस्वीर: Dawoud Abu Alkas/REUTERS

रविवार की बैठक में इस्राएल-फलीस्तीन विवाद के लिए द्विराष्ट्र के समाधान को भी बढ़ावा दिया गया. फलीस्तीन के प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा का कहना है कि वह "शांति के लिए जितना तेज संभव है आगे बढ़ना चाहते हैं ताकि फलीस्तीन और इस्राएल साथ-साथ रह सकें और पूरे इलाके में स्थिरता और सुरक्षा लाई जा सके."

अल्बारेस ने बैठक के बाद काडेना एसईआर रेडियो से कहा कि इस बैठक में यूरोपीय संघ के फ्रांस, जर्मनी और इटली जैसे देशों के शामिल होने से प्रगति हुई है. वे "कभी भी मध्य पूर्व में शांति पर पीछे नहीं हटेंगे."

राजनीतिक समाधान की कोशिश

फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां नोएल बारोट फलीस्तीन के विदेश मंत्री वारसेन अगबेकियान शाहीन से अगले हफ्ते येरेवान के दौरे पर मुलाकात करेंगे. फ्रेंच विदेश मंत्री के दफ्तर ने रविवार को इसकी घोषणा की.

बारोट के कार्यालय ने बताया है कि उन्होंने कई अरब देशों के विदेश मंत्रियों से बात की है ताकि "इस्राएल फलीस्तीन के संघर्ष का एक राजनीतिक समाधान निकालने के लिए कूटनीतिक परिदृश्य बहाल हो सके."

यह कूटनीतिक कार्रवाई न्यूयॉर्क में इस्राएल-फलीस्तीन संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक के एक महीने बाद हुई है. उस बैठक की अध्यक्षता फ्रांस और सऊदी अरब ने की थी.

इस्राएली हमले में ध्वस्त गाजा पट्टी की इमारतें
इस्राएल के हमलों से गाजा में भारी नुकसान हुआ हैतस्वीर: Ariel Schalit/AP Photo/picture alliance

स्पेन के प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के मसौदे का समर्थन करेगा जिसमें गाजा में सहायता बढ़ाने और इस्राएल को उसके अंतरराष्ट्रीय मानवीय प्रतिबद्धताओं के लिए जिम्मेदार ठहराने की बात है.

7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने इस्राएल पर हमला किया था जिसमें 1,218 लोगों की मौत हुई. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक यह संख्या आधिकारिक आंकड़ों से जुटाई गई है. इनमें बड़ी संख्या आम लोगों की थी. फलीस्तीनी चरमपंथियों ने 251 लोगों को बंधक भी बना लिया. इनमें से 57 अब भी उनके कब्जे में हैं. इस्राएली सेना का कहना है कि इनमें से 34 की मौत हो चुकी है.

गाजा में हमास प्रशासन के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस्राएल की जवाबी कार्रवाई में करीब 54,000 लोग मारे गए हैं जिनमें ज्यादातर आम लोग हैं.