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150 अरब यूरो का रक्षा कोष बनाने पर सहमत हुआ यूरोपीय संघ

आयुष यादव एपी, एएफपी, डीपीए | आदर्श शर्मा रॉयटर्स, एएनआई
प्रकाशित २१ मई २०२५आखिरी अपडेट २१ मई २०२५

यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने बुधवार को संयुक्त हथियार खरीद के लिए 150 अरब यूरो तक का कोष स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है.

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उर्सुला फॉन डेय लायन
तस्वीर: Kin Cheung via REUTERS
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कर्नाटक में सांप्रदायिक हिंसा से निपटने के लिए बनाई जाएगी विशेष टास्क फोर्स को स्किप करें
२१ मई २०२५

कर्नाटक में सांप्रदायिक हिंसा से निपटने के लिए बनाई जाएगी विशेष टास्क फोर्स

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और साथ में मौजूद अन्य
बढ़ते ध्रुवीकरण को रोकने के लिए बनाई जा रही है टास्क फोर्सतस्वीर: IDREES MOHAMMED/AFP

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में सांप्रदायिक हिंसा से निपटने के लिए एक सांप्रदायिक-विरोधी टास्क फोर्स स्थापित करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि यह टास्क फोर्स पुलिस विभाग के भीतर ही बनाई जाएगी और उन्होंने पुलिस महानिदेशक को इस पहल के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है. 

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, परमेश्वर ने बढ़ते ध्रुवीकरण को रोकने और सामाजिक शांति बनाए रखने के लिए ऐसी फोर्स की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा, “जब यहां नक्सल गतिविधि थी तो हमने नक्सल-विरोधी फोर्स बनाई थी. उसी तरह, अब हम सांप्रदायिक-विरोधी फोर्स बनाना चाहते हैं, जिससे समाज शांतिपूर्वक तरीके से रह सके. पहले से ही जगह-जगह पर ध्रुवीकरण हो रहा है. हम उन चीजों पर रोक लगाना चाहते हैं.” 

इससे पहले, जी परमेश्वर ने कहा था कि यह टास्क फोर्स सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले और समर्थन करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करेगी. साथ ही पहले हो चुके सांप्रदायिक दंगों की भी जांच करेगी. उन्होंने कहा था कि पुलिस उकसाऊ बयान देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. 

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मिजोरम भारत का पहला 'पूर्ण साक्षर राज्य' घोषित, सीएम लालदुहोमा ने की घोषणा को स्किप करें
२१ मई २०२५

मिजोरम भारत का पहला 'पूर्ण साक्षर राज्य' घोषित, सीएम लालदुहोमा ने की घोषणा

क्लास रूम में पढ़ाई करते छात्र
मिजोरम भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बन गया हैतस्वीर: Sajjad Hussain/AFP/Getty Images

मिजोरम को भारत का पहला आधिकारिक रूप से 'पूर्ण साक्षर' राज्य घोषित कर दिया गया है. यह उपलब्धि अंडरस्‍टैंडिंग ऑफ लाइफलॉन्‍ग लर्निंग फॉर ऑल इन सोसायटी (उल्लास) स्‍कीम के तहत हासिल की गई है. इसकी घोषणा मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने मंगलवार को मिजोरम विश्वविद्यालय में एक औपचारिक समारोह के दौरान की, जिसमें केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री जयंत चौधरी मौजूद थे.

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि स्कूल शिक्षा विभाग के लगातार प्रयासों, विशेष रूप से समग्र शिक्षा और न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (नव भारत साक्षरता कार्यक्रम) के माध्यम से यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई. समग्र शिक्षा मिजोरम के राज्य परियोजना कार्यालय के निर्देश पर, राज्य सरकार ने राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के तहत एक कार्यकारी समिति और शासी परिषद का गठन किया.

मुख्यमंत्री के अनुसार, न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम के लिए सर्वेक्षक के रूप में काम कर रहे क्लस्टर रिसोर्स सेंटर कोऑर्डिनेटर्स द्वारा 15 साल और उससे अधिक आयु के 3,026 निरक्षर लोगों की पहचान की गई, जिनमें से 1,692 ने पढ़ने की इच्छा व्यक्त की. 2011 की जनगणना में केरल को सबसे साक्षर राज्य का दर्जा दिया गया था.

2011 की जनगणना के अनुसार, मिजोरम 91.33 फीसदी साक्षरता दर के साथ भारत में तीसरे स्थान पर था. मिजोरम सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस 2023-2024) के अनुसार, मिजोरम ने 98.2 फीसदी की साक्षरता दर हासिल की है, जिससे यह पहला पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है. यह उल्लास योजना के अनुरूप है, जिसके लिए न्यूनतम 95 प्रतिशत साक्षरता दर की आवश्यकता है.

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पोप लियो ने की गाजा में मानवीय सहायता की अपील को स्किप करें
२१ मई २०२५

पोप लियो ने की गाजा में मानवीय सहायता की अपील

हाथ दिखाकर अभिवादन करते पोप लियो चौदहवें
पोप ने मौजूदा स्थिति पर चिंता जताईतस्वीर: Yara Nardi/REUTERS

पोप लियो ने बुधवार को इस्राएल से गाजा में मानवीय सहायता को प्रवेश की अनुमति देने की अपील की. उन्होंने फिलिस्तीनी एन्क्लेव में स्थिति को और अधिक चिंताजनक और दुःखद बताया.

सेंट पीटर्स स्क्वायर में साप्ताहिक आम सभा के दौरान पोप ने कहा, "मैं मानवीय सहायता को अंदर जाने देने और दुश्मनी खत्म करने के लिए अपनी अपील को फिर से दोहराता हूं, जिसकी भारी कीमत बच्चे, बूढ़े और बीमार चुका रहे हैं."

पोप निर्वाचित होने से पहले भी लियो कई बार गाजा की स्थिति के बारे में बोल चुके हैं. 11 मई को अपने रविवारीय संदेश में उन्होंने तत्काल युद्धविराम और हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी इस्राएली बंधकों की रिहाई की मांग की थी. 

इस्राएल ने 19 मई को कहा कि वह एन्क्लेव पर 11 हफ्ते की नाकेबंदी के बाद गाजा में सहायता जाने देने की अनुमति देगा, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि मंगलवार तक कोई सहायता वितरित नहीं की गई थी.

लियो की अपील ब्रिटिश प्रधान मंत्री किएर स्टार्मर द्वारा यह घोषणा किए जाने के एक दिन बाद आई है कि उनकी सरकार ने इस्राएल के साथ मुक्त व्यापार वार्ता रोक दी है और गाजा में स्थिति को लेकर इस्राएली राजदूत को ब्रिटेन में तलब किया गया.

इस्राएल का कहना है कि वह हमास के खिलाफ सैन्य अभियानों को तेज करने और पूरे गाजा को नियंत्रित करने की योजना बना रहा है, जो अक्टूबर 2023 में हमास के इस्राएली समुदायों पर सीमा पार हमले के बाद से तबाह हो गया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, छुट्टियों में काम नहीं करना चाहते हैं वकील को स्किप करें
२१ मई २०२५

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, छुट्टियों में काम नहीं करना चाहते हैं वकील

भारतीय सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग
26 मई से शुरू होंगी सुप्रीम कोर्ट की छुट्टियांतस्वीर: Nasir Kachroo/NurPhoto/picture alliance

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने बुधवार को कहा कि लंबित मामलों की बढ़ती संख्या के लिए न्यायपालिका को जिम्मेदार ठहराया जाता है, लेकिन असल में वकील छुट्टियों के दौरान काम नहीं करना चाहते हैं. एनडीटीवी के मुताबिक, एक वकील ने उसकी याचिका को गर्मी की छुट्टियों के बाद सूचीबद्ध करने का आग्रह किया था, जिसके बाद सीजेआई ने यह टिप्पणी की.

इसके बाद, एक सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्य कांत ने कहा कि हम बार (वकीलों के संगठन) को छुट्टियों के दौरान काम करने के लिए मनाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जज काम करना चाहते हैं लेकिन उन्हें बार से सहयोग पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

ये टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं, जब अगले हफ्ते से सुप्रीम कोर्ट की छुट्टियां शुरू होने वाली हैं. सुप्रीम कोर्ट के लिए गर्मी की छुट्टियां 26 मई से शुरू होंगी, जो 14 जुलाई तक चलेंगी. हालांकि, इस दौरान सुप्रीम कोर्ट काम करना जारी रखेगा. कोर्ट ने एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया है कि छुट्टियों के दौरान 21 अवकाश बेंच काम करेंगी. एनडीटीवी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के शीर्ष पांच जज भी छुट्टियों के दौरान काम करेंगे. 

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150 अरब यूरो का रक्षा कोष बनाने पर सहमत हुआ यूरोपीय संघ को स्किप करें
२१ मई २०२५

150 अरब यूरो का रक्षा कोष बनाने पर सहमत हुआ यूरोपीय संघ

यूरोपीय संघ के झंडे के सामने वोट डालते लोग
इसका मकसद रक्षा जरूरतों को पूरा करना हैतस्वीर: Vadim Ghirda/AP/picture alliance

यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने बुधवार को संयुक्त हथियार खरीद के लिए 150 अरब यूरो (170 अरब डॉलर) तक का कोष स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है. 

यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लायन ने मार्च में योजनाओं को प्रस्तुत करते हुए कहा था कि इन ऋणों का उपयोग हवाई और मिसाइल रक्षा, तोपखाना प्रणालियों, मिसाइलों और गोला-बारूद, ड्रोन और ड्रोन-विरोधी प्रणालियों में निवेश करने और साइबर से लेकर सैन्य गतिशीलता तक की अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा.

यूरोपीय संघ के इन प्रयासों का उद्देश्य यूक्रेन के बाद रूस को संभवतः किसी अन्य यूरोपीय देश पर हमला करने से रोकना है. समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार, खुफिया एजेंसियां ​​मानती हैं कि रूस 2030 तक एक और युद्ध शुरू करने की सैन्य स्थिति में होगा.

वाशिंगटन द्वारा यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य सहायता निलंबित करने और यूरोप की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाने के बाद यूरोपीय संघ पर रक्षा खर्च और यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी करने का दबाव और बढ़ गया है. फॉन डेय लायन ने उस समय कहा था, "हम सबसे महत्वपूर्ण और खतरनाक समय में जी रहे हैं. यह यूरोप का क्षण है और हमें इस पर खरा उतरना चाहिए."

फॉन डेय लायन को उम्मीद है कि निजी पूंजी और यूरोपीय निवेश बैंक से अतिरिक्त वित्तपोषण के साथ, यह कोष रक्षा के लिए 800 अरब यूरो तक जुटा सकता है.

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न्यूजलॉन्ड्री की महिला पत्रकारों पर की गई अपमानजनक पोस्ट हटाने का आदेश को स्किप करें
२१ मई २०२५

न्यूजलॉन्ड्री की महिला पत्रकारों पर की गई अपमानजनक पोस्ट हटाने का आदेश

माइक पर बात करतीं मनीषा पांडे
अभिजीत अय्यर मित्रा ने किया था अपमानजनक पोस्टतस्वीर: Björn Kietzmann/DW

दिल्ली हाईकोर्ट ने अभिजीत अय्यर मित्रा को न्यूजलॉन्ड्री की महिला पत्रकारों के बारे में की गई अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का आदेश दिया है. कानूनी मामलों की वेबसाइट बार एंड बेंच के मुताबिक, अय्यर ने अपनी पोस्ट में न्यूजलॉन्ड्री की महिला पत्रकारों को “वैश्या” बताया था. न्यूजलॉन्ड्री की कार्यकारी संपादक मनीषा पांडे और आठ अन्य महिला पत्रकारों ने अय्यर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव ने अय्यर की पोस्ट पर कड़ी नाराजगी जताई. अय्यर द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में इसकी अनुमति नहीं है. कोर्ट ने आदेश में कहा, “प्रतिवादी के वकील ने कहा है कि अय्यर पांच घंटों के अंदर बिना किसी पूर्वाग्रह के अपमानजनक पोस्ट को हटा लेंगे. इसे रिकॉर्ड में लिया गया है और उन्हें इसी के अनुसार काम करना चाहिए.”

आदेश जारी करने से पहले कोर्ट ने अय्यर के वकील जय अनंत देहाद्राई को भी फटकार लगाई. कोर्ट ने अपमानजनक पोस्ट के बारे में जय अनंत से कहा, “आप इनका बचाव कैसे कर सकते हैं? क्या आप एक सभ्य समाज में महिलाओं के खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर सकते हैं? जब तक आप इन पोस्ट को नहीं हटाते, तब तक हम आपको नहीं सुनेंगे.” अय्यर ने अपनी कई पोस्ट में महिला पत्रकारों और उनके परिजनों के लिए बेहद अपमानजनक और अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया था.

महिला पत्रकारों ने इस मामले में माफीनामे और दो करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है. उन्होंने कोर्ट से कहा कि वे युवा महिला मीडिया पेशेवर हैं और अय्यर की पोस्ट ना सिर्फ उनकी प्रतिष्ठा और गरिमा पर हमला है, बल्कि इससे उन्हें “अपने दोस्तों और परिवार के बीच भारी मानसिक आघात, उत्पीड़न और शर्मिंदगी” का सामना करना पड़ रहा है. 

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भारत में बढ़ी एशियाई शेरों की आबादी को स्किप करें
२१ मई २०२५

भारत में बढ़ी एशियाई शेरों की आबादी

लकड़ी के साथ खेलता एक शेर
भारत में एशियाई शेरों की आबादी 891 हो गई हैतस्वीर: Gareth Fuller/PA Wire/picture alliance

बुधवार को जारी हुई पांच साल की जनगणना के अनुसार, भारत में एशियाई शेरों की आबादी एक तिहाई से अधिक बढ़कर 891 हो गई है. इससे इस संवेदनशील प्रजाति के संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा मिला है.

एशियाई शेर, जो ऐतिहासिक रूप से कभी मध्य पूर्व से भारत तक घूमते थे - अब भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात में एक वन्यजीव अभयारण्य में एक अलग आबादी तक सीमित हो गए हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने संवाददाताओं से कहा, "एशियाई शेरों की आबादी, जो 1995 में 304 थी, पिछले तीन दशकों में लगातार बढ़ी है. 2020 में यह 674 थी, जो अब बढ़कर 891 हो गई है."

शिकार और मानवीय अतिक्रमण के कारण 1913 तक इनकी आबादी केवल 20 रह गई थी. अब शेर केवल गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य में पाए जाते हैं. सालों के समन्वित सरकारी प्रयासों के बाद, शेरों की आबादी लगातार बढ़ रही है.

इस जनगणना में राज्य के 11 जिलों का 35,000 वर्ग किलोमीटर (13,513 वर्ग मील) से अधिक का क्षेत्र शामिल था. राज्य वन्यजीव बोर्ड के पूर्व सदस्य प्रियव्रत गढ़वी ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि यह वृद्धि एक सफल संरक्षण कार्यक्रम का संकेत देती है. गढ़वी ने कहा, "यहां एक और महत्वपूर्ण कारक राजनीतिक इच्छाशक्ति और वन क्षेत्रों के पास रहने वाले स्थानीय लोगों का समर्थन भी है. उन्होंने मिलकर प्रजातियों के संरक्षण में मदद की है."

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कन्नड़ बोलने से इनकार करने वालीं एसबीआई मैनेजर का हुआ ट्रांसफर को स्किप करें
२१ मई २०२५

कन्नड़ बोलने से इनकार करने वालीं एसबीआई मैनेजर का हुआ ट्रांसफर

भारतीय स्टेट बैंक की इमारत
घटना के बाद मैनेजर का ट्रांसफर कर दिया गया तस्वीर: Indranil Aditya/NurPhoto/picture alliance

बेंगलुरु में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की सूर्य नगर शाखा की मैनेजर का ट्रांसफर कर दिया गया है. उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें वे एक ग्राहक से कन्नड़ भाषा में बातचीत करने से इनकार कर रही थीं. 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बैंक मैनेजर के व्यवहार की आलोचना की है. उन्होंने अधिकारी का तबादला करने के लिए एसबीआई की तारीफ भी की. उन्होंने कहा, “ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. सभी बैंक कर्मचारियों को ग्राहकों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए और स्थानीय भाषा में बात करने का हरसंभव प्रयास करना चाहिए.” 

उन्होंने वित्त मंत्रालय और वित्तीय सेवाओं के विभाग से अपील की कि भारत में सभी बैंक कर्मचारियों को संस्कृति और भाषाओं के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए प्रशिक्षण देना अनिवार्य कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्थानीय भाषा का सम्मान करना, लोगों का सम्मान करना है.

बेंगलुरु दक्षिण से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी बैंक मैनेजर के व्यवहार की आलोचना की. उन्होंने एक्स पर लिखा, “अगर आप कर्नाटक में ग्राहकों के साथ बातचीत कर रहे हैं, खासकर बैंकिंग जैसे क्षेत्र में तो यह जरूरी है कि आप ग्राहकों से उस भाषा में संवाद करें, जिसे वे समझते है.” उन्होंने आगे कहा कि मैंने कई बार यह मुद्दा उठाया है कि बैंकिंग क्षेत्र में अनिवार्य रूप से स्थानीय कर्मचारियों या ऐसे कर्मचारियों की ही नियुक्ति की जाए, जो स्थानीय भाषा जानते हैं. 

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पाकिस्तान में स्कूल बस में हुआ बम धमाका, चार बच्चों समेत छह की मौत को स्किप करें
२१ मई २०२५

पाकिस्तान में स्कूल बस में हुआ बम धमाका, चार बच्चों समेत छह की मौत

एक छतिग्रस्त बस के पास खड़े लोग
सरकार ने इस हमले के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाया है (प्रतीकात्मक तस्वीर)तस्वीर: AFP

दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान में एक संदिग्ध आत्मघाती हमलावर ने बुधवार को एक स्कूल बस को निशाना बनाया, जिसमें कम से कम चार बच्चों और दो वयस्कों की मौत हो गई. सरकार ने इस हमले के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाया है.

समाचार एजेंसी एएफपी की खबर के अनुसार, बलूचिस्तान प्रांत के खुजदार जिले में सैन्य कर्मियों और क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के बच्चों को ले जा रही एक स्कूल बस पर हुए इस हमले में बस चालक और सहायक भी मारे गए. यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब लगभग दो हफ्ते पहले ही भारत और पाकिस्तान के बीच सशस्त्र संघर्ष को समाप्त करने के लिए युद्धविराम हुआ था.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया. उनके बयान में कहा गया, "भारतीय संरक्षण में काम करने वाले आतंकवादियों द्वारा एक स्कूल बस में निर्दोष बच्चों पर हमला उनकी शत्रुता के बारे में बताता है." सेना ने भी एक बयान में कहा कि यह हमला भारत द्वारा "योजनाबद्ध और सुनियोजित" था. 

इस बम धमाके की जिम्मेदारी अभी तक किसी समूह ने नहीं ली है. बलूचिस्तान प्रांत के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने बताया कि चार बच्चे, बस चालक और उसका सहायक मारे गए. खुजदार जिले के एक वरिष्ठ स्थानीय सरकारी अधिकारी यासिर इकबाल दश्ती ने एएफपी को बताया, "एपीएस (आर्मी पब्लिक स्कूल) के बच्चों को ले जा रही एक बस को बम से निशाना बनाया गया." उन्होंने आगे कहा, "प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि यह एक आत्मघाती हमला था."

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जर्मनी: चरमपंथी समूह से जुड़ने के आरोप में पांच किशोर गिरफ्तार को स्किप करें
२१ मई २०२५

जर्मनी: चरमपंथी समूह से जुड़ने के आरोप में पांच किशोर गिरफ्तार

सड़क पर मौजूद तीन पुलिस अधिकारी
गिरफ्तार लोगों पर चरमपंथी समूह से जुड़ने का आरोप हैतस्वीर: John Macdougall/AFP/Getty Images

जर्मन पुलिस ने बुधवार को 'लास्ट डिफेंस वेव' नामक एक धुर-दक्षिणपंथी समूह से जुड़े होने के आरोप में पांच किशोरों को गिरफ्तार किया है. इस समूह पर प्रवासियों और राजनीतिक विरोधियों पर हमले करके देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को अस्थिर करने का आरोप है.

संघीय अभियोजकों ने एक बयान में कहा कि जर्मनी के विभिन्न हिस्सों में बुधवार तड़के गिरफ्तारियां की गईं और 13 संपत्तियों की तलाशी ली गई. गिरफ्तार किए गए लोगों में से चार पर एक घरेलू आतंकवादी संगठन का सदस्य होने का संदेह है. पांचवें सदस्य पर समूह का समर्थन करने का आरोप है. गिरफ्तार किए गए दो लोगों पर हत्या के प्रयास और गंभीर आगजनी का भी आरोप है. सभी की उम्र 14 से 18 साल के बीच है.

अभियोजकों ने कहा कि वे तीन अन्य लोगों की भी जांच कर रहे हैं, जिनकी उम्र 18 से 21 साल के बीच है और जो पहले से ही हिरासत में हैं. सभी संदिग्ध जर्मन नागरिक हैं.

अभियोजकों के अनुसार, समूह का गठन अप्रैल 2024 के मध्य या उससे पहले हुआ था. उन्होंने कहा कि इसके सदस्य खुद को "जर्मन राष्ट्र" की रक्षा के लिए अंतिम उपाय के रूप में देखते थे और उनका उद्देश्य जर्मनी की लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्वस्त करना था, जिसमें शरण चाहने वालों के घरों और वामपंथी राजनीतिक स्पेक्ट्रम से जुड़े प्रतिष्ठानों पर हमले शामिल थे.

न्याय मंत्री श्टेफानी हुबिग ने कहा कि यह 'विशेष रूप से चौंकाने वाला' है कि बुधवार को गिरफ्तार किए गए सभी लोग उस समय नाबालिग थे जब कथित तौर पर समूह का गठन हुआ था. हुबिग ने एक बयान में कहा, "यह एक अलार्म सिग्नल है और यह दर्शाता है कि धुर-दक्षिणपंथी आतंकवाद की कोई उम्र नहीं होती है."

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छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 25 से ज्यादा नक्सलियों की मौत को स्किप करें
२१ मई २०२५

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 25 से ज्यादा नक्सलियों की मौत

कतार में बंदूक लेकर खड़े नक्सली
मुठभेड़ में 25 से ज्यादा नक्सलियों के मारे जाने की खबर हैतस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M Quraishi

छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बुधवार को बताया कि नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में 26 नक्सली मारे गए हैं. यह मुठभेड़ अबूझमाड़ के जंगली इलाके में हुई. विजय शर्मा ने बताया कि मुठभेड़ में एक जवान भी घायल हुआ लेकिन वह खतरे से बाहर है, वहीं सुरक्षाबलों के एक सहयोगी की भी जान चली गई.  

छत्तीसगढ़ के दूसरे उप-मुख्यमंत्री अरुण साव ने भी इस अभियान की पुष्टि की है. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “बस्तर को नक्सल-मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. नारायणपुर में हुई मुठभेड़ में दो दर्जन से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं. हमारे सुरक्षा बल लगन के साथ काम कर रहे हैं ताकि बस्तर को मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त बनाया जा सके.” 

इससे पहले सुरक्षाबलों ने ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ में 31 नक्सलियों को खत्म किया था. एएनआई के मुताबिक, छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के पास 21 दिनों तक चले इस अभियान में नक्सलियों के 200 से ज्यादा ठिकानों और बंकरों को नष्ट किया गया था. तलाशी अभियान में भारी मात्रा में गोला-बारूद भी बरामद किया गया था.

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सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को किस शर्त पर दी अंतरिम जमानत को स्किप करें
२१ मई २०२५

सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को किस शर्त पर दी अंतरिम जमानत

अशोका यूनिवर्सिटी का गेट
कोर्ट ने एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया हैतस्वीर: Charu Kartikeya/DW

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 21 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में टिप्पणी करने वाले प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को अंतरिम जमानत दे दी है. सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और हरियाणा के पुलिस महानिदेशक को एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया है. 

कानूनी मामलों की वेबसाइट लाइव लॉ के मुताबिक, कोर्ट ने कहा है कि एसआईटी में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी होने चाहिए, जो हरियाणा या दिल्ली से ताल्लुक नहीं रखते हों. ये अफसर प्रोफेसर खान के सोशल मीडिया पोस्ट की जांच करेंगे और उसका सच्चा अर्थ समझेंगे. कोर्ट ने कहा है कि एसआईटी में एक महिला अफसर भी होनी चाहिए.

इसके अलावा, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी बुधवार को प्रोफेसर खान की गिरफ्तारी का स्वत: संज्ञान लिया. आयोग ने अपने बयान में कहा कि प्रथम दृष्टया प्रोफेसर के मानवाधिकारों और स्वतंत्रता का हनन हुआ है. आयोग ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर इस मामले में एक हफ्ते के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की थी. इसके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी और हरियाणा पुलिस ने 18 मई को उन्हें गिरफ्तार किया था. इसके बाद प्रोफेसर खान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. 

सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देते हुए जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह शर्त भी रखी कि प्रोफेसर खान मामले से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में कोई पोस्ट या आर्टिकल नहीं लिखेंगे. साथ ही “भारतीय धरती पर हुए आतंकवादी हमले और भारत की प्रतिक्रिया” के बारे में अपनी राय नहीं व्यक्त करेंगे.

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चावल पर की गई टिप्पणी की वजह से जापानी कृषि मंत्री को देना पड़ा इस्तीफा को स्किप करें
२१ मई २०२५

चावल पर की गई टिप्पणी की वजह से जापानी कृषि मंत्री को देना पड़ा इस्तीफा

पत्रकारों से बात करते जापान के कृषि मंत्री ताकू एतो
जापान में चावल की कीमतें आसमान छू रही हैंतस्वीर: The Yomiuri Shimbun/AP Images/picture alliance

जापान के कृषि मंत्री ताकू एतो ने चावल के बारे में की गई टिप्पणी पर हुए विवाद के बाद बुधवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की. एतो इस हफ्ते की शुरुआत में उस टिप्पणी के बाद आलोचनाओं के घेरे में आ गए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें "कभी चावल नहीं खरीदना पड़ा" क्योंकि उन्हें समर्थकों ने यह भेंट में दिया था. देश में चावल की कमी और बढ़ती कीमतों के बीच इस टिप्पणी ने सार्वजनिक आक्रोश पैदा कर दिया था. 

एतो ने प्रधानमंत्री कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा, "मैंने ऐसे समय में एक ऐसी अनुचित टिप्पणी की जब लोग चावल की बढ़ती कीमतों से जूझ रहे हैं." जापान में चावल एक मुख्य भोजन है और एतो की टिप्पणी ने देश में लोगों को आहत किया जहां खुदरा चावल की कीमतें पिछले साल से दोगुनी हो गई हैं.

सरकार ने मार्च से बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय लागू किए हैं, जिसमें आपातकालीन भंडार से कई टन चावल जारी करना शामिल है, लेकिन ये प्रयास अब तक परिणाम देने में विफल रहे हैं. प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के लिए सार्वजनिक समर्थन भी तेजी से गिरा है. क्योदो न्यूज सर्वेक्षण के अनुसार उनकी रेटिंग पिछले महीने के 32.6 फीसदी से गिरकर 27.4 फीसदी हो गई है.

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पाकिस्तान और चीन व्यापार बढ़ाने और संबंध मजबूत करने पर सहमत को स्किप करें
२१ मई २०२५

पाकिस्तान और चीन व्यापार बढ़ाने और संबंध मजबूत करने पर सहमत

इशाक डार और वांग यी हाथ मिलाते हुए
दोनों संबंधों को और मजबूत करेंगेतस्वीर: Yin Bogu/Xinhua/picture alliance

पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि वह चीन के साथ व्यापार और निवेश को गहरा करने पर सहमत हो गया है. यह फैसला भारत के साथ जारी संघर्ष समाप्त होने के कुछ दिनों बाद आया है. भारत और पाकिस्तान चार दिनों के संघर्ष के बाद युद्धविराम के लिए सहमत हुए थे. 

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को मुलाकात की. वांग यी ने कहा कि चीन पाकिस्तान और भारत द्वारा संवाद के जरिए अपने मतभेदों को संभालने और एक व्यापक और स्थायी युद्धविराम हासिल करने के प्रयासों का स्वागत और समर्थन करता है. 

चीनी विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, वांग ने डार से कहा कि चीन पाकिस्तान को अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में सहायता करेगा. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि संबंधों को गहरा करने के अलावा, दोनों देश व्यापार, निवेश, कृषि, औद्योगीकरण और अन्य क्षेत्रों में अधिक सहयोग के लिए सहमत हुए हैं.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि डार और वांग ने बीजिंग में अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के साथ एक और बैठक की. नेताओं ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) को अफगानिस्तान तक बढ़ाने और चीन के वैश्विक बुनियादी ढांचा कार्यक्रम, बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) के लिए आगे सहयोग करने का फैसला किया. मंत्रालय ने कहा कि तीनों नेताओं के बीच अगली बैठक काबुल में होगी.

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मुर्शिदाबाद हिंसा के दौरान “गायब” थी स्थानीय पुलिस: रिपोर्ट को स्किप करें
२१ मई २०२५

मुर्शिदाबाद हिंसा के दौरान “गायब” थी स्थानीय पुलिस: रिपोर्ट

हिंसा का दृश्य
हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई थीतस्वीर: Shuvrojit Das/DW

कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा गठित की गई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुर्शिदाबाद हिंसा के दौरान "स्थानीय पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय और गायब" थी. कमेटी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि हमलों में एक "स्थानीय पार्षद शामिल" था. न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी है.

रिपोर्ट के मुताबिक, "बेटबोना गांव में करीब 113 घर हिंसा से प्रभावित हुए थे. यहां रहने वाले ज्यादातर लोगों ने मालदा में शरण ली थी लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा इन्हें वापस गांव भेज दिया गया था." रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बेटबोना गांव के लोगों ने दो दिन मुसीबत के समय पुलिस को फोन किया था लेकिन पुलिस ने फोन ही नहीं उठाया. रिपोर्ट में बताया गया है कि लोग वहां पर सीमा सुरक्षा बल का एक स्थायी कैंप और सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती चाहते हैं. 

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में अप्रैल महीने के दूसरे हफ्ते में कई हिंसक घटनाएं देखने को मिली थीं. जिले में भागीरथी के किनारे बसे धुलियान, सूती, शमशेरगंज और जंगीपुर में इस हिंसा का असर सबसे ज्यादा रहा था. हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई थी और सैंकड़ों मकान और दुकानें जला दी गई थीं.

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