मिस्र लौटा चोरी हो चुका 2,700 साल पुराने ताबूत का ढक्कन
मिस्र में 2,700 साल पुराने एक ताबूत के ढक्कन को 2008 में चुरा कर अमेरिका पहुंचा दिया गया था. अब उस ढक्कन के साथ साथ कुल 17 चुराई हुईं प्राचीन कलाकृतियों को वापस मिस्र ले आया गया है.
मिस्र के सबसे बड़े ताबूतों में से एक
मिस्र ने चोरी हो चुके 2,700 साल पुराने इस ताबूत के ढक्कन को वापस पा लिया है. ढक्कन 2008 में मिस्र से चोरी हो कर अमेरिका पहुंच गया था, जहां 2013 से उसे ह्यूस्टन म्यूजियम ऑफ नैचुरल साइंस में प्रदर्शनी पर रखा गया था.
प्रतिष्ठित व्यक्ति का ताबूत
"ग्रीन सर्कोफैगस" नाम का यह ढक्कन करीब तीन मीटर लंबा और 90 सेंटीमीटर चौड़ा है. इसे काहिरा के पास अबुसीर कब्रिस्तान से चुरा लिया गया था. सिर्फ ढक्कन ही चुराया गया था क्योंकि पूरे ताबूत का वजन करीब आधा टन है. यह प्राचीन मिस्र के सबसे बड़े लकड़ी के ताबूतों में से है.
अमेरिका में थीं चुराई हुईं 17 कलाकृतियां
इसे "ग्रीन सर्कोफैगस" इस पर उकेरे गए चेहरे के रंग की वजह से कहा जाता है. मिस्र के अधिकारियों का मानना है कि यह ताबूत किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति का रहा होगा. इस ताबूत के ढक्कन के साथ साथ 17 और चुराई हुई कलाकृतियों को अमेरिका से वापस मिस्र लाया गया है.
एक दशक में 29,000 कलाकृतियां वापस
बीते दशकों में मिस्र से इस तरह की कई प्राचीन कलाकृतियां चोरी हुई हैं. मिस्र अपनी धरोहर की रक्षा के लिए लगातार इन्हें खोजने और वापस लाने में लगा रहता है. पिछले एक दशक में इस तरह की करीब 29,000 चुराई हुईं कलाकृतियों को मिस्र वापस लाया गया है.
पर्यटन फिर से शुरू होने की उम्मीद
पिछले दो सालों में मिस्र में खुदाई के दौरान 300 से ज्यादा ताबूत और 150 से ज्यादा कांसे की मूर्तियां मिली हैं. इनमें से कुछ 3,000 सालों से भी ज्यादा पुरानी है. सरकार को उम्मीद है कि कोविड महामारी की वजह से ठप पड़े पर्यटन क्षेत्र को इन नई खोजों से मदद मिलेगी और फिर से बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे. (एएफपी)