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इक्वाडोर: अमेजन जंगल बचाने पर जनता का ऐतिहासिक फैसला

२२ अगस्त २०२३

इक्वाडोर की जनता ने एक ऐतिहासिक जनमत संग्रह में हिस्सा लेकर एक संरक्षित इलाके में तेल की ड्रिलिंग और सोने के खनन पर पाबंदी लगा दी है. यह जनमत संग्रह, राष्ट्रपति चुनाव के साथ-साथ हुआ.

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यासूनी नेशनल पार्क
1989 में यूनेस्को ने यासूनी नेशनल पार्क को "वर्ल्ड बायोस्फीयर रिजर्व" का दर्जा दिया था. करीब 25 लाख एकड़ में फैला यह इलाका जैव विविधता से भरपूर है. यहां करीब 610 प्रजातियों के पक्षी और 139 प्रजातियों के उभयचर जीव पाए जाते हैं. तस्वीर: Ferrari/Avalon/picture alliance

यह पहली बार है जब अमेजन जैसे बेहद संवेदनशील इलाके में संसाधनों के दोहन का भविष्य जनता ने तय किया. जनता का यह फैसला यासूनी नेशनल पार्क से जुड़ा है. यह बायोस्फीयर रिजर्व, इक्वाडोर के हिस्से वाले अमेजन जंगल में है. यह इलाका जैव विविधता के मामले में पृथ्वी के सबसे संपन्न हिस्सों में है. इसके 99.73 फीसदी हिस्से में मूल कुदरती वनस्पतियां हैं. यहां दो ऐसे मूलनिवासी समुदायों का भी घर है, जो दुनिया के चंद आखिरी ऐसे मूलनिवासियों में हैं, जिनसे इंसानी संपर्क कायम नहीं हुआ है.

तस्वीर में: इक्वाडोर में रेफरेंडम पर समर्थन जुटाते मूलनिवासी समुदाय के सदस्य
दुनिया के कई हिस्सों में जंगल पर निर्भर मूलनिवासी समुदाय, आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधियों के कारण प्रभावित हो रहे हैं. संसाधनों, खासकर खनिज भंडारों के दोहन के अंधाधुंध तरीकों से उनकी पहचान, संस्कृति, तौर-तरीके, कुदरती परिवेश और कई मामलों में तो समूचा अस्तित्व ही संकट में है. हितों का विरोधाभास कई बार टकराव की वजह बनता है. तस्वीर: Dolores Ochoa/AP/picture alliance

कैसे बनी रेफरेंडम की राह?

इस रिजर्व के एक हिस्से, ब्लॉक 43 में तेल का भंडार है. लेकिन यहां तेल निकालने से ईकोसिस्टम और मूलनिवासी समुदायों को बहुत नुकसान पहुंचता. चूंकि अमेजन की अहमियत और जरूरत पूरी दुनिया को है, ऐसे में इक्वाडोर यहां वित्तीय गतिविधियां रोकने के एवज में मुआवजा चाहता था. 2007 में इक्वाडोर के नए चुने गए राष्ट्रपति राफेल कोरेया ने दुनिया के अमीर देशों को एक अनोखा प्रस्ताव दिया. उन्होंने कहा कि अगर अमीर देश क्षतिपूर्ति करें, तो इक्वाडोर ब्लॉक 43 में तेल नहीं निकालेगा.

क्षतिपूर्ति के तहत सरकार, तेल उत्पादन से मिलने वाले अनुमानित राजस्व का 50 फीसदी रकम हासिल करना चाहती थी. लेकिन अपेक्षित रकम का छोटा ही हिस्सा मिल पाया. ऐसे में 2013 में राष्ट्रपति कोरेया ने कहा कि इक्वाडोर ब्लॉक 43 में ड्रिलिंग शुरू करने की योजना बना रहा है.

मूलनिवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया. एक मुहिम शुरू हुई और रेफरेंडम के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. बीते करीब एक दशक से यह अभियान जारी था. इस बीच 2016 में इक्वाडोर की सरकारी तेल कंपनी "पेट्रोइक्वाडोर" ने ब्लॉक 43 में ड्रिलिंग शुरू कर दी. खबरों के मुताबिक, यहां से रोजाना 55 हजार बैरल से ज्यादा तेल निकाला जा रहा था. यह इक्वाडोर के कुल तेल उत्पादन का करीब 12 फीसदी है.

एक मतदान केंद्र की तस्वीर
राष्ट्रपति चुनाव और इसके साथ-साथ हुआ रेफरेंडम दो तस्वीरें पेश करता है. एक ओर चुनाव में बड़े स्तर पर हिंसा हुई. वहीं रेफरेंडम, पर्यावरण और मूलनिवासी अधिकारों पर नागरिक भागीदारी का मंच बना. तस्वीर: Carlos Noriega/AP/dpa/picture alliance

ड्रिलिंग पर रोक लगाने का फैसला

उत्पादन जारी रहा और साथ-साथ ड्रिलिंग विरोधी अभियान भी. कानूनी और प्राशासनिक स्तर पर आई कई चुनौतियों के बाद आखिरकार मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने रेफरेंडम के समर्थन में फैसला सुनाया. तय हुआ कि इस साल चुनाव के साथ-साथ रेफरेंडम भी करवाया जाएगा.

अब तक की जानकारी के मुताबिक, करीब 59 फीसदी मतदाताओं ने ड्रिलिंग रोके जाने का समर्थन किया है. इस फैसले के बाद सरकार को एक साल के भीतर ड्रिलिंग से जुड़ी गतिविधियां खत्म करनी होंगी. यह नतीजा ना केवल पर्यावरण की दृष्टि से, बल्कि मूलनिवासी समुदायों के अधिकारों के मद्देनजर भी अहम है.

वाओरानी कबीले की नेता नेमो गुईक्विटा ने न्यूज एजेंसी एपी से कहा, "इक्वाडोर के लोगों ने साथ मिलकर हमारे मूलनिवासी भाई और बहनों को जीवन का अवसर दिया है. साथ ही, पूरी दुनिया को दिखाया है कि जलवायु परिवर्तन के इस चुनौतीपूर्ण दौर में हम वर्षावनों के साथ खड़े हैं."

यासूनी नेशनल पार्क में भूरे गले वाला एक स्लॉथ
यह बायोस्फीयर रिजर्व, इक्वाडोर के हिस्से वाले अमेजन जंगल में है. यह इलाका जैव विविधता के मामले में पृथ्वी के सबसे संपन्न हिस्सों में है. तस्वीर: Andrea and Antonella Ferrari/NHPA/Avalon/picture alliance

अर्थव्यवस्था को नुकसान

हालांकि एक वर्ग इस घटनाक्रम से निराश भी है. उनका कहना है कि रोजगार और राष्ट्रीय विकास को नुकसान पहुंचेगा. दशकों तक तेल इक्वाडोर का प्रमुख निर्यात रहा है. 2022 में उसके समूचे निर्यात में तेल की हिस्सेदारी 35 फीसद से ज्यादा थी. अकेले ब्लॉक 43 से केंद्रीय बजट को सालाना 1.2 बिलियन डॉलर से ज्यादा की रकम मिल रही थी. अब ड्रिलिंग विरोधी पक्ष की जीत से यहां करीब 72.60 करोड़ बैरल का तेल भंडार जमीन में अछूता रह जाएगा.

यह फैसला जीवाश्म ईंधन पर आधारित उद्योग के लिए बड़ा झटका है. कई जानकार रेफरेंडम के पहले ही चेतावनी दे रहे थे कि ड्रिलिंग रोकने के कारण पहले ही तंगी का सामना कर रही अर्थव्यवस्था और ज्यादा प्रभावित होगी. अनुमान है कि तेल उत्पादन कम होने से राजस्व में करीब 60 करोड़ डॉलर की गिरावट आ सकती है.

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एसएम/ओएसजे (एपी)