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मीडियाजर्मनी

'अमेरिकी मीडिया में कटौती चीन और रूस के लिए रास्ता बनाएगी'

१७ मार्च २०२५

डीडब्ल्यू के महानिदेशक पेटर लिम्बुर्ग ने अमेरिकी सरकार के पैसे से चलने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रसारण सेवाओं का बजट काटने पर चिंता जताई है. लिम्बुर्ग का मानना है कि इससे पैदा हुए खालीपन को रूस और चीन भरने की कोशिश करेंगे.

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GMF 2024 | Closing Ceremony | Peter Limbourg
तस्वीर: Ayse Tasci/DW

जर्मनी के अंतरराष्ट्रीय प्रसारक डॉयचे वेले के प्रमुख पेटर लिम्बुर्ग का कहना है कि अमेरिकी एजेंसी फॉर ग्लोबल मीडिया (यूएसएजीएम) में नाटकीय कटौती पर पुर्नविचार किया जाना चाहिए.

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ताजा फैसले ने रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी (आरएफई/आरएल) का भविष्य अधर में टांग दिया है. ट्रंप के फैसले से अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय प्रसारक वॉयस ऑफ अमेरिका में भी बड़े पैमाने पर नौकरियां चली गई हैं.

लिम्बुर्ग ने ट्रंप की कटौती पर क्या कहा?

डॉयचे वेले (डीडब्ल्यू) के महानिदेशक पेटर लिम्बुर्ग ने चेतावनी देते हुए कहा कि मॉस्को और बीजिंग जैसी निरंकुश सरकारें, अमेरिकी सरकार के खर्चे से चलने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रसारक के हटने से ऊपजे खालीपन को भरने की कोशिश करेंगी.

लिम्बुर्ग ने कहा कि इस खालीपन को भरने में डीडब्ल्यू समेत अन्य सरकारी अंतरराष्ट्रीय प्रसारण संस्थाएं नाकाम हो सकती हैं, "जो ट्रंप ने किया है वह आजादी को कमजोर और निरंकुशता को मजबूत करता है."

नए किस्म की लड़ाई है हाइब्रिड वॉर

उन्होंने इसमें यह भी जोड़ा कि, "इसीलिए मुझे यकीन है कि यूरोप को तुरंत, बेहद त्वरित ढंग से, कुछ करना चाहिए. यह कोई साधारण मुद्दा नहीं हैं. यह एक बहुत ही जरूरी विषय है."

डीडब्ल्यू के डायरेक्टर जनरल के मुताबिक, इसके बदले में निरंकुश सरकारों की तरफ से भ्रामक जानकारियों का जोखिम पैदा हो सकता है. लिहाजा ये जरूरी है कि यूरोप को अपने अंतरराष्ट्रीय मीडिया के लिए पर्याप्त फंडिंग पक्की करनी होगी.

डीडब्ल्यू के महानिदेशक पेटर लिम्बुर्ग
फ्रीडम ऑफ स्पीच 2024 के पुरस्कार समारोह के दौरान डीडब्ल्यू के महानिदेशक पेटर लिम्बुर्गतस्वीर: Ronka Oberhammer/DW

अंतरराष्ट्रीय प्रसारक पर ट्रंप का निशाना

यूएसएजीएम को यह फंडिंग अमेरिका की संघीय सरकार से मिलती थी. वॉयस ऑफ अमेरिका की शुरुआत दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हुई थी. बाद में शीतयुद्ध के दौरान वॉयस ऑफ अमेरिका के सहारे अमेरिका साम्यवाद के प्रसार को संतुलित करने की कोशिश करता रहा.

पिछले शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक एक्जीक्यूटिव ऑर्डर देकर, वॉयस ऑफ अमेरिका के मातृसंगठन यूएसएजीएम की फंडिंग में बड़ी कटौती कर दी. फैसले के अगले ही दिन शनिवार को  अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय, द व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा, "करदाता अब रैडिकल प्रोपेगंडा पर अटके नहीं हैं."

आदेश के बाद रविवार को ट्रंप प्रशासन ने वॉयस ऑफ अमेरिका में बड़े स्तर पर लोगों की छुट्टी करनी शुरू कर दी. नौकरी से निकालने से पहले सभी कर्मचारियों को अवकाश दिया गया. इसके एक दिन बाद कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों को ईमेल से सूचित किया गया कि उनका कॉन्ट्रैक्ट मार्च में खत्म कर दिया जाएगा.

वॉशिंगटन में वॉयस ऑफ अमेरिका का मुख्यालय
वॉयस ऑफ अमेरिका पर ट्रंप की कटौती की करारी चोटतस्वीर: Bonnie Cash/AFP/Getty Images

कितने कर्मचारियों पर असर?

कई कर्मचारियों ने समाचार एजेंसी एएफपी को जानकारी देते हुए इस ईमेल की पुष्टि की. ईमेल में लिखा गया था, "आप तुरंत प्रभाव से अपना सारा काम रोक दें और आपको एजेंसी की किसी भी इमारत या सिस्टम को एक्सेस करने की अनुमति नहीं है."

कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कई कर्मचारी गैर अंग्रेजी भाषाओं में काम करते हैं और उनमें से अधिकतर अमेरिकी नागरिक भी नहीं है. ऐसे कर्मचारियों को अब जल्द से जल्द नई नौकरी खोजनी होगी या फिर अमेरिका छोड़ना होगा.

वित्तीय वर्ष 2023 के आंकड़ों के अनुसार एजेंसी में 3,384  कर्मचारी थे. इस वित्तीय वर्ष के लिए एजेंसी ने ट्रंप सरकार से 95 करोड़ डॉलर का बजट मांगा था. यूएसएजीएम अपने अलग अलग कार्यक्रमों और सेवाओं के जरिए 63 भाषाओं में 100 से ज्यादा देशों के करीब 42 करोड़ लोगों तक पहुंचता है.

डीडब्ल्यू और यूएसएजीम, दोनों डीजी8 नेटवर्क के सदस्य हैं. नेटवर्क, आठ सरकारी अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों का समूह है. इसके अन्य सदस्यों में ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन, ब्रिटेन की बीबीसी वर्ल्ड सर्विस, कनाडा का सीबीसी/रेडियो, फ्रांस का मेडियास मोंद, जापान का एनएचके वर्ल्ड और स्विट्जरलैंड का एसआरजी-एसएसआर शामिल हैं.

रिचर्ड कॉनर/ओएसजे (एएफपी)