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रंग बिरंगे डच फूलों पर कीटनाशकों का साया

१६ अप्रैल २०२५

लाल, हरा, नीला, पीला गुलाबी और इंद्रधनुष के बाकी रंग ही नहीं नीदरलैंड्स के ट्यूलिप हमारी कल्पनाओं से कहीं ज्यादा रंगों में नजर आते हैं. हालांकि इन चमचमाते रंगों में जो नजर नहीं आता है वह रंग कीटनाशकों का है.

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ट्यूलिप का फूल
नीदरलैंड में ट्यूलिप और दूसरे अंतरराष्ट्रीय फूलों का सबसे बड़ा बाजार हैतस्वीर: Nikhil Ranjan/DW

ट्यूलिप के लिए विख्यात नीदरलैंड्स अंतरराष्ट्रीय फूल कारोबार में सबसे आगे खड़ा नजर आता है. एम्सर्टडम के पास दुनिया के सबसे बड़े फूल बाजार में जब फूलों के गुच्छे और उनकी कतारें देखेंगे तो भले ही सिर्फ रंग और पंखुड़ियां नजर आएं लेकिन इनमें भारी मात्रा में कीटनाशक भी शामिल हैं. इन फूलों का यह रंगरूप बनाए रखने में इन कीटनाशकों की बड़ी भूमिका है.

इन कीटनाशकों को अब कांटों की संज्ञा देकर इनके खिलाफ आवाज उठाई जा रही है. बढ़ती आलोचनाओं के बीच डच सरकार और किसानों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे दुनिया को सही रास्ता दिखाएं.

नीदरलैंड मे ट्यूलिप के खेत
नीदरलैंड में ट्यूलिप और दूसरे फूलों की बड़े पैमाने पर खेती होती हैतस्वीर: Fokke Baarssen/Zoonar/picture alliance

फूलों में कीटनाशक

कीटनाशक विरोधी गुट पीएएन-एनएल की प्रमुख मार्ग्रिएट मानतिंघ का कहना है कि फूलों की दुकान, सुपरमार्केट या फिर ऑनलाइन दुकानों से जो गुलदस्ते या फूल खरीदे जा रहे हैं वो कीटनाशकों से भरे हुए हैं.

हाल ही में उनके संगठन ने इस बारे में एक रिपोर्ट भी छापी है. समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में उन्होंने कहा कि फूलों पर जहरीले मिश्रण का छिड़काव किया जाता है जो कैंसर को जन्म देने के साथ ही हार्मोंस को प्रभावित करते हैं और प्रजनन की क्षमता घटाते हैं.

78 साल की मानतिंघ ने कहा कि यूरोपीय संघ में, "हमने 13 बुके का परीक्षण किया और उनमें 71 अलग अलग कीटनाशकों का पता लगाया. उनमें से एक तिहाई तो ऐसे थे जिन पर प्रतिबंध है." जिन फूलों का परीक्षण किया गया उनमें कीटनाशक और कवकनाशकों के अंश थे, इनमें से कुछ प्रतिबंधित हैं क्योंकि, "ये इंसानों के लिए बेहद जहरीले हैं."

नीदरलैंड में फूलों की खेती
फूलों की खेती में कीटनाशकों के इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई गई हैतस्वीर: NICK GAMMON/AFP

फ्रांस में फूलों में कीटनाशकों का मुद्दा हाल ही में सुर्खियों में था. यहां एक बच्ची की मां रसायनों के संपर्क में आई थी. उसकी मां से बच्ची को ल्यूकेमिया हुआ और उसकी मौत हो गई. गर्भावस्था के दौरान बच्ची की मां एक फ्लोरिस्ट के तौर पर काम कर रही थी. फ्रांस के उपभोक्ता समूह यूएफसी च सूजिया ने भी कट फ्लावर में कीटनाशकों की मौजूदगी पर चिंता जताई है. संगठन ने इन फूलों के संपर्क में आने और उन्हें बेचने वालों के लिए खतरे की चेतावनी दी है.

फूलों का सबसे बड़ा बाजार

दुनिया में फूलों का सबसे बड़ा बाजार एम्सटर्डम के पास आल्समीर में है. यहां का रॉल फ्लोरा हॉलैंड ग्रुप हर साल 9 अरब से ज्यादा फूल बेचता है. इस ग्रुप का टर्नओवर सालाना 5.2 अरब यूरो का है. इनके ज्यादातर फूल विदेशों में भेजे जाते हैं, इनमें जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस प्रमुख हैं.

डच कंपनियां करीब 3 अरब डालियां हर साल अफ्रीका से आयात करती हैं. इनमें ज्यादातर इथियोपिया और केन्या से आते हैं. रॉयल फ्लोरा हॉलैंड के प्रवक्ता मिषेल फान शी का कहना है कि कीटनाशकों का नियम फूल उगाने वाले देश तय करते हैं. अकसर इनके मानक अलग होते हैं. उन्होंने एएफपी से कहा, "यूरोप की तुलना में अफ्रीका में तीन बीमारियां ज्यादा हैं. इसका मतलब है कि इन बीमारियों से लड़ने के लिए दूसरे सामान की जरूरत होगी." समस्या यह है कि ये फूल बिकने के लिए यूरोपीय बाजारों तक अपना रास्ता बना लते हैं. 

यूरोपीय संघ में कट फ्लावर पर कीटनाशकों के छिड़काव को सीमित करने का कोई नियम नहीं है. इनमें से 80 फीसदी ऐसे देशों से आयात किए जाते हैं जो अब भी बेहद जहरीले तत्वों वाले कीटनाशकों के इस्तेमाल की मंजूरी दे रहे हैं. यह पर्यावरण के लिए भी ठीक नहीं है. यूरोपीय संघ में फल और सब्जियों पर कीटनाशकों के छिड़काव को सीमित करने के लिए नियम हैं लेकिन फूलों के लिए नहीं.

रास्ता दिखाए नीदरलैंड्स

फ्रांस में बच्ची की मौत का असर नीदरलैंड पर हो  सकता है. कृषि मंत्रालय के साथ मिलकर डच फ्लोरिस्टों के संगठन वीबीडब्ल्यू ने सदस्यों को दस्ताने का इस्तेमाल करने और दुकानों पर आने वाले फूलों को साफ करने के बाद हमेशा अपने हाथ धोने की मुहिम शुरू की है. इसके साथ ही अगले साल से फूल उगाने वालों के लिए ड्यूरेबिलिटी सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी किया है. यह एक लेबल है इसकी मदद से अधिकारी यह पता कर सकेंगे कि कीटनाशक की मात्रा कितनी है.

नीदरलैंड में फूलों की खेती
फूलों को तरोताजा बनाए रखने और कीटों से बचाने के लिए कई तरह के कीटनाशकों का इस्तेमाल होता हैतस्वीर: Nikhil Ranjan/DW

वीबीडब्ल्यू के प्रमुख मार्को मासे का कहना है, "फ्रांस का यह मामला बहुत डरावना और हमें नहीं बता कि वास्तव में हुआ क्या? हमें तो यह सुनिश्चित करना पड़ता है कि यह जितना संभव है सुरक्षित है हर वक्त." उन्होंने यह भी कहा कि नीदरलैंड में बेचा जाने वाला बुके सुरक्षित है और किसी के लिए कोई खतरा नहीं है क्योंकि अगर ऐसा हो तो उसे बेचने की मंजूरी नहीं मिलती.

मासे, शी और मानतिंघ एक बात पर सहमत हैं कि नीदरलैंड का कर्तव्य है कि वह इस मामले में अगुवा होने के कारण दुनिया के सामने मिसाल पेश करे. मासे ने कहा, "हमें (कीटनाशकों के) अंशों की बेहतर समझ होना चाहिए. यह सामान में होता है जब यह उत्पादक के पास से आता है या फिर नीदरलैंड्स में प्रवेश करता है. पूरी चेन को इस मामले में बेहतर बनाया जा सकता है." हालांकि उन्होंने यह भी कहा, "ग्राहक बिल्कुल बढ़िया फूल चाहते हैं और वो सर्दियों में भी."

भारत में एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन