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पुतिन से मिलने के बाद रूसी तेल पर नर्म हुए हैं ट्रंप?

स्वाति मिश्रा एपी, रॉयटर्स
१६ अगस्त २०२५

पुतिन से मिलकर आने के बाद रूसी तेल पर ट्रंप का रुख थोड़ा नर्म पड़ा है. ट्रंप ने कहा कि वह अभी चीन जैसे रूसी तेल के खरीदारों पर टैरिफ लगाने की नहीं सोच रहे हैं. लेकिन संभव है, दो-तीन हफ्ते में उन्हें इसपर विचार करना पड़े.

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15 अगस्त 2025 को अलास्का में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई बैठक के बाद मंच से पत्रकारों को संबोधित करते अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप.
पुतिन भी कहते रहे हैं कि रूस की दिलचस्पी अस्थायी युद्धविराम में नहीं है. अब ट्रंप ने भी कहा है कि युद्ध खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि रूस और यूक्रेन, दोनों शांति समझौते पर सीधे बात करें. तस्वीर: Jeenah Moon/REUTERS

अलास्का से लौटे अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने रूस या उसके साथ कारोबार करने वाले देशों पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाने से इनकार किया है.

फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, "आज जो हुआ उसके कारण, मुझे लगता है कि मुझे इसके बारे में नहीं सोचना होगा. मुझे इसके बारे में दो या तीन हफ्ते में सोचना पड़ सकता है, लेकिन हमें अभी इसके बारे में सोचने की जरूरत नहीं है. मुझे लगता है कि मुलाकात बहुत अच्छी रही." 

अलास्का बैठक बेनतीजा, ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं को फोन मिलाया

अलास्का के एंकरेज में स्थित फोर्ट रिचर्डसन नेशनल सीमेट्री में सोवियत सैनिकों की चिताओं पर फूल चढ़ाते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
अलास्का में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात पर रूसी मीडिया में अधिकतर प्रतिक्रिया सकारात्मक रही. कई जगहों पर इस बैठक को पुतिन के अलग-थलग होने का सांकेतिक अंत बताया गयातस्वीर: Gavriil Grigorov/AFP/Getty Images

भारत पर क्या कहा ट्रंप ने?

ट्रंप ने यह बयान चीन के संदर्भ में दिया. उन्होंने कहा कि वह फिलहाल रूसी तेल खरीदने के लिए चीन पर टैरिफ नहीं लगाएंगे. ट्रंप ने भारत का जिक्र नहीं किया.

भारत और चीन, रूसी तेल के दो सबसे बड़े ग्राहक हैं.  बीते दिनों ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का एलान किया था यानी, कुल 50 प्रतिशत टैरिफ. इसका कारण यह बताया गया कि भारत लगातार रूस से तेल आयात कर रहा है. भारत ने टैरिफ को असंगत और अनुचित ठहराते हुए स्पष्ट कहा है कि वह अपने हितों के अनुसार फैसले लेगा.

15 अगस्त 2025 को 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली के लाल किला परिसर में गार्ड ऑफ ऑनर लेते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ट्रंप ने भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का आदेश दिया. इसके कारण भारतीय उत्पादों पर कुल टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगा. इसे अनुचित बताते हुए भारत सरकार ने कहा कि वह राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगीतस्वीर: Press Information Bureau (PIB)

चीन भी रूस से तेल खरीद रहा है, लेकिन ट्रंप ने बीजिंग पर ऐसी कार्रवाई नहीं की. इसी संदर्भ में अलास्का जाते हुए एक इंटरव्यू में ट्रंप से सवाल पूछा गया कि क्या पुतिन के साथ समझौता ना होने की स्थिति में वह चीन पर भी आर्थिक कार्रवाई के बारे में विचार कर सकते हैं.

रूस से क्या और कितना खरीद रहे हैं भारत, यूरोप और अमेरिका

जवाब में ट्रंप ने कहा, "उसने (रूस) ने तेल का एक खरीदार खो दिया है, जो कि भारत है. वह करीब 40 प्रतिशत तेल खरीद रहा था. जैसा कि आप जानते हैं, चीन भी बहुत खरीद रहा है. और अगर मैं नए प्रतिबंध लगाऊं, तो उनके नजरिये से ये बहुत विनाशकारी होगा. अगर मुझे करना पड़ा, तो मैं करूंगा, शायद मुझे करना ही ना पड़े."

अलास्का के एंकरेज में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए मंच पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
अलास्का में ट्रंप और पुतिन की बैठक के बाद यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन के लिए मजबूत सुरक्षा गारंटी की मांग की है. उन्होंने एक साझा बयान जारी कर कहा कि यूक्रेन को ये गारंटियां मिलनी ही चाहिए, ताकि वह अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा कर सकेतस्वीर: Andrew Caballero-Reynolds/AFP

भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रंप-पुतिन बैठक का स्वागत किया है. मंत्रालय ने अपने बयान में लिखा, "अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई बैठक का भारत स्वागत करता है. शांति की तलाश में उनका नेतृत्व प्रशंसनीय है. भारत, सम्मेलन में हुई प्रगति की सराहना करता है. केवल संवाद और कूटनीति से ही आगे बढ़ा जा सकता है. दुनिया यूक्रेन में संघर्ष को जल्द खत्म होते हुए देखना चाहती है."

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कब होगा संघर्षविराम? ट्रंप ने क्या कहा?

बैठक के बाद दिए अपने बयानों में ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच तत्काल संघर्षविराम की संभावना से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि युद्ध, दोनों के बीच शांति समझौते से खत्म होगा.

एक सोशल पोस्ट में ट्रंप ने लिखा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका शांति समझौता है, ना कि बस संघर्षविराम करना. उन्होंने लिखा, "राष्ट्रपति जेलेंस्की सोमवार (18 अगस्त) दोपहर को डीसी, ओवल ऑफिस आएंगे. अगर सब ठीक रहा, तो फिर हम राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक मुलाकात तय करेंगे."

पुतिन भी कहते रहे हैं कि रूस की दिलचस्पी अस्थायी युद्धविराम में नहीं है, बल्कि वह ऐसा दीर्घकालीन समाधान चाहता है जिसमें उसके हित भी शामिल हों. 

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मीटिंग से बस दो दिन पहले, वॉशिंगटन में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए पुतिन ने रूस को गंभीर परिणामों की चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा कि अगर पुतिन, यूक्रेन में जारी अपना युद्ध रोकने पर राजी ना हुए, तो नतीजे गंभीर होंगे. कैसे नतीजे और किस तरह गंभीर, यह उन्होंने स्पष्ट नहीं किया.

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फिर अलास्का जाने के क्रम में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, "मैं जल्द संघर्षविराम देखना चाहता हूं. मुझे नहीं पता ये आज होगा कि नहीं. लेकिन अगर ये आज नहीं होता है, तो मैं खुश नहीं होऊंगा."

ट्रंप की ओर से ऐसी चेतावनियां कई बार आईं. उन्होंने 8 अगस्त तक की मोहलत देते हुए कहा था कि अगर रूस इस समयसीमा में युद्ध खत्म करने पर सहमत नहीं होता, तो उसपर और प्रतिबंध लगाए जाएंगे. जब पुतिन उनसे मिलने पर राजी हुए, तो ट्रंप इस चेतावनी और समयसीमा से पीछे हट गए.

लेकिन अलास्का में पुतिन से मिलने के बाद ट्रंप का रुख अपेक्षाकृत नर्म दिखा. युद्ध कब खत्म होगा, कैसे खत्म होगा, इसका कोई स्पष्ट ब्योरा दिए बिना पुतिन ने कहा, "हमने बहुत अच्छा और भरोसेमंद संपर्क बनाया है और हमारे पास यह मानने का मजबूत आधार है कि इस रास्ते पर आगे बढ़ते हुए हम यूक्रेन में संघर्ष अंत करने पर पहुंच सकते हैं."