जहां चले जाने वालों की याद में होता है जश्न
'डे ऑफ द डेड' मेक्सिको के प्रमुख राष्ट्रीय आयोजनों में से है. इस दिन उन्हें याद किया जाता है जो इस दुनिया को छोड़ कर चले गए. लेकिन उनकी याद में मातम नहीं मनाया जाता, बल्कि जश्न मनाया जाता है.
जश्न की परेड
त्यौहार की तैयारियां मध्य-अक्टूबर से ही शुरू कर दी जाती हैं. मेक्सिको सिटी के बीच से एक परेड निकाली जाती है जिसमें शामिल लोग परेड के अंत में जोकालो चौराहे पर एकत्रित होते हैं. परेड के साथ साथ चलने के लिए कंकालों के विशाल पुतले भी बनाए जाते हैं.
त्यौहार का नया रूप
हालांकि इस तरह की परेड हाल के सालों में ही शुरू हुई है. माना जाता है कि इसके लिए यहां के लोगों को जेम्स बांड फिल्म 'स्पेक्टर' से प्रेरणा मिली. फिल्म के पहले सीन में जेम्स बांड एक महिला के साथ इसी तरह की एक बड़ी से परेड के बीचो बीच चलते दिखाई देते हैं. तभी से यह आइडिया लोगों को पसंद आया और यह परंपरा शुरू हो गई.
कब्रों पर पिकनिक
मेक्सिको के ओआहाका के सांता मारिया अतजोम्पा में एक महिला कई मोमबत्तियों से रोशन एक कब्र के पास बैठी हैं. इस दिन कई रस्में अदा की जाती हैं. कई परिवार अपने पूर्वजों की कब्रों पर जश्न और पिकनिक मनाते हैं. ब्रेड, नमक, टेकिला और सिगार जैसी चीजों को सेवन किया और कराया जाता है.
एक विश्व धरोहर
यह दिन पूरी दुनिया में कई ईसाईयों द्वारा मनाए जाने वाले इसी तरह के त्यौहार 'ऑल सोल्स डे' के लगभग आस पास ही मनाया जाता है. इसमें ईसाई और लातिन अमेरिकी मूल परम्पराओं को मिला दिया गया है और अब इसे यूनेस्को की अप्रत्यक्ष विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त है. चढ़ावा चढ़ा कर लोग उम्मीद करते हैं कि जो जा चुके हैं उनके लिए इस दुनिया के दरवाजे खुलें, ताकि वो आत्माएं समृद्धि और स्वास्थ्य लेकर आएं.
बुरादे के कालीन
परेड के स्वागत के लिए लकड़ियों के बुरादे पर रंग चढ़ा कर उनसे कालीन बनाए जाते हैं. बाद में बुरादे को या तो रीति अनुसार जला दिया जाता है या नदी में फेंक दिया जाता है. लेकिन इससे पर्यावरणीय समस्याएं होती हैं जिसकी वजह से अब कुछ संगठन बुरादे को त्याग कर दूसरे विकल्पों को अपना रहे हैं.
कुछ जरूरी मुद्दों की तरफ ध्यान
आधिकारिक अवकाश से पहले कुछ प्रदर्शन भी आयोजित किए जाते हैं. 'डे ऑफ द डेड वीमेन' नारे के तहत सैकड़ों लग मेक्सिको में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और उनकी हत्या की तरफ ध्यान दिलाने के लिए एकत्रित हुए. 2020 में मेक्सिको में कम से कम 975 महिलाओं की हत्या कर दी गई थी. 2022 में जनवरी से सितंबर के बीच 762 महिलाओं की मौत हो गई.
फूल भी खास हैं
मेक्सिको में हर जगह कब्रिस्तानों में कब्रों को रंगीन, अमूमन नारंगी रंग के गेंदे के फूलों से सजाया जाता है. इस रंग की विशेष अहमियत है. कई लोगों का मानना कि एक अच्छी मोमबत्ती की लौ के साथ गेंदों की खुशबू महकती है तो मरने वालों की आत्माएं इस दुनिया में थोड़े से समय के लिए वापस आ जाती हैं और एक बार फिर जीवन का आनंद ले पाती हैं.
एल साल्वाडोर में डरावनी परेड
'डे ऑफ द डेड' और भी देशों में मनाया जाता है. एल साल्वाडोर के तोनाकाटेपेक में ल कालाबीयूजा परेड में लोग डरावनी पोशाकें पहन कर और खुद को कंकालों जैसा रंग कर हिस्सा लेते हैं.
ग्वाटेमाला में पतंगबाजी
ग्वाटेमाला में 'डे ऑफ द डेड' के तहत पतंगबाजी का त्यौहार भी मनाया जाता है. इनमें कागज से बानी पतंगों का इस्तेमाल किया जाता है और उन पर ऐसे रंगीन चित्र बनाए जाते हैं जो अक्सर पूर्वजों से संबंधित प्रतीकों को या समसामयिक मुद्दों को दर्शाते हैं. ये पतंगें विशालकाय होती हैं और इन्हें उड़ाने के लिए काफी ताकत लगानी पड़ती है. (क्लौडिया डेन)