गाजा में अस्पताल पर इस्राएली हमले में चार पत्रकारों की मौत
प्रकाशित २५ अगस्त २०२५आखिरी अपडेट २५ अगस्त २०२५10 साल बाद मैर्केल ने 2015 के शरणार्थी फैसले पर बात की
जर्मनी की पूर्व चांसलर अंगेला मैर्केल ने 2015 में अपने प्रसिद्ध बयान "विअ शाफेन दस" (हम यह कर सकते हैं) के 10 साल बाद अपने उस फैसले पर बात की है, जिसमें उन्होंने लाखों शरणार्थियों को जर्मनी में स्वीकार करने की अनुमति दी थी. राष्ट्रीय प्रसारक एआरडी के साथ एक डॉक्यूमेंट्री में मर्केल ने कहा कि उनका यह फैसला मानवीय सिद्धांतों और मानव गरिमा पर आधारित था.
2015 में जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने एक बड़ा फैसला लिए था. निर्देश के तहत, बिना दस्तावेज वाले विकासशील देशों, खासकर उस समय युद्ध से जूझ रहे अफगानिस्तान, सीरिया और इराक से आ रहे आप्रवासियों को जर्मनी में बिना किसी कागज के आने की सहूलियत दी गई थी.
मैर्केल ने कहा, "यह एक प्रक्रिया है. लेकिन अब तक, हमने बहुत कुछ हासिल किया है और जो कुछ अभी भी करने की जरूरत है, उसे जारी रखना होगा." मैर्केल ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि उनके शब्दों की इतनी बार आलोचना क्यों की गई. विवाद के बावजूद, मैर्केल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि जर्मनी पर इसका बोझ पड़ गया था.
उन्होंने कहा कि शरणार्थियों को जर्मनी में प्रवेश करने से रोकने के लिए बल का उपयोग करना कभी भी एक विकल्प नहीं था. उन्होंने कहा, "मैं ऐसा करने के लिए कभी तैयार नहीं होती." पीछे मुड़कर देखते हुए, पूर्व चांसलर अपने फैसले को नैतिक रूप से जरूरी मानती हैं, हालांकि वह यह भी स्वीकार करती हैं कि इतनी बड़ी संख्या में शरणार्थियों को एकीकृत करना अभी भी जर्मनी के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है.
मैर्केल ने यह भी माना कि उनके फैसले ने धुर-दक्षिणपंथी पार्टी 'अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी' (एएफडी) के उदय में योगदान दिया. उन्होंने कहा कि इसने निश्चित रूप से एएफडी को मजबूत बनाया.
भारत ने 'मानवीय आधार' पर पाकिस्तान के साथ बाढ़ की चेतावनी साझा की: रिपोर्ट
भारत सरकार के एक सूत्र ने सोमवार को समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि भारत ने पड़ोसी पाकिस्तान के साथ संभावित सीमा पार बाढ़ के बारे में चेतावनी "मानवीय आधार" पर साझा की है. पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित कर दी थी, जिसके तहत अब भारत की पाकिस्तान को जल प्रवाह डेटा और तकनीकी जानकारी देने के लिए बाध्यता नहीं रही.
19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे. यह संधि विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी. संधि में रेखांकित किया गया था कि कैसे भारत और पाकिस्तान, दोनों सिंधु नदी के पानी का इस्तेमाल करेंगे.
संधि में लिंक नहरों, बैराजों और ट्यूबवेलों के लिए धन जुटाने और निर्माण के लिए भी प्रावधान शामिल किए थे. खास तौर से सिंधु नदी पर तारबेला बांध और झेलम नदी पर मंगला बांध पर. इनसे पाकिस्तान को उतनी ही मात्रा में पानी लेने में मदद मिली जो उसे पहले उन नदियों से मिलती थी जो संधि के बाद भारत के हिस्से में आ गई थीं.
SSC अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज "डरपोक सरकार की पहचान": राहुल गांधी
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के अभ्यर्थियों पर रविवार, 24 अगस्त को हुए लाठीचार्ज को लेकर सत्तारूढ़ सरकार की आलोचना की और इसे "डरपोक सरकार की पहचान" बताया.
उन्होंने एक्स पर लिखा, " रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे SSC अभ्यर्थियों और शिक्षकों पर बर्बर लाठीचार्ज - शर्मनाक ही नहीं, एक डरपोक सरकार की पहचान है. युवाओं ने सिर्फ अपना हक मांगा था - रोजगार और न्याय. मिली क्या? लाठियां. साफ़ है - मोदी सरकार को न देश के युवाओं की चिंता है, न उनके भविष्य की. क्यों हो? ये सरकार जनता के वोटों से नहीं, वोट चुराकर सत्ता में आई है."
उन्होंने कथित वोटों की धांधली पर कहा, " पहले वोट चुराएंगे, फिर परीक्षा चुराएंगे, फिर नौकरियां चुराएंगे. फिर आपका हक और आवाज - दोनों कुचल देंगे! युवाओं, किसानों, गरीबों, बहुजनों और अल्पसंख्यकों - आपका वोट इन्हें चाहिए नहीं, इसलिए आपकी मांगे कभी इनकी प्राथमिकता नहीं होंगी. अब वक्त है - डरने का नहीं, डटकर मुकाबला करने का."
रविवार को आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में कई एसएससी अभ्यर्थी और उनके ट्रेनर शामिल हुए, जो भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और बेहतर संचालन की मांग कर रहे थे. एसएससी परीक्षाओं के अचानक रद्द होने, सर्वर क्रैश होने, सिस्टम के ठीक से काम न करने और परीक्षा केंद्रों के अभ्यर्थियों के घरों से 500 किलोमीटर दूर स्थित होने जैसी शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है.
2025 में चीन में रिकॉर्ड स्तर पर कोयले का उपयोग बढ़ा: रिपोर्ट
एक नई पर्यावरणीय अनुसंधान रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के पहले सात महीनों में चीन ने बिजली उत्पादन के लिए 2016 के बाद से किसी भी समय की तुलना में सबसे ज्यादा कोयला जलाया है. यह वृद्धि तब हुई है जब चीन अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता को बड़े पैमाने पर बढ़ा रहा है.
फिनलैंड स्थित सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) और अमेरिका स्थित ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर (जीईएम) की रिपोर्ट बताती है कि चीन ने 2025 की पहली छमाही में 21 गीगावॉट की नई कोयला बिजली क्षमता जोड़ी है. यह 9 साल में सबसे अधिक छह महीने का स्तर है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 46 गीगावॉट के नए निर्माण और मौजूदा कोयला संयंत्रों को फिर से शुरू किया गया है, जबकि 75 गीगावॉट की अतिरिक्त क्षमता वाली परियोजनाओं का प्रस्ताव है. कुल अनुमानित कोयला संयंत्र उत्पादन 2025 में 80-100 गीगावॉट तक पहुंचने का अनुमान है.
यह विरोधाभास है कि चीन में कोयले का उपयोग लगातार बढ़ रहा है, जबकि देश अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता का भी बड़े पैमाने पर विस्तार कर रहा है. उदाहरण के लिए, 2025 की पहली छमाही में सौर ऊर्जा क्षमता में 212 गीगावॉट की वृद्धि हुई है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2021 में कहा था कि वह 2026 और 2030 के बीच कोयला उद्योग को सख्ती से नियंत्रित करेंगे, लेकिन सीआरईए के लेखकों ने शक्तिशाली कोयला हितों का हवाला देते हुए कहा है कि ये हित लंबे समय तक चलने वाले अनुबंधों और व्यापक क्षमता भुगतानों को सुरक्षित करके अक्षय ऊर्जा को विस्थापित कर रहे हैं, जिससे कई संयंत्रों को उच्च उत्पादन पर चालू रखने की अनुमति मिल रही है.
जर्मनी में सोशल मीडिया की लत पर लगाम लगाने के लिए उम्र सीमा की मांग
जर्मनी के एडिक्शन कमिश्नर ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को सीमित करने के लिए उम्र संबंधी प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उनका कहना है कि बहुत से बच्चों के लिए यह एक व्यावहारिक लत बन चुका है.
आयुक्त हेन्द्रिक स्ट्रीक ने सोमवार को राइनिश्चे पोस्ट अखबार में प्रकाशित एक टिप्पणी में कहा, "यह वैज्ञानिक रूप से साबित हो चुका है कि जो बच्चे और युवा अपनी उम्र के लिए अनुचित सामग्री का ज्यादा सेवन करते हैं, उनमें नशे की लत और मादक द्रव्यों के सेवन का जोखिम अधिक होता है." उन्होंने कहा कि बच्चे औसतन हर दिन सोशल मीडिया पर चार घंटे, कंप्यूटर गेम खेलने में दो घंटे और स्ट्रीमिंग सेवाओं का उपयोग करने में दो घंटे बिताते हैं. उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा, "आप सोच सकते हैं कि फिर वे वास्तव में सोते कब हैं."
हालांकि, स्ट्रीक प्राथमिक स्कूल के बच्चों के लिए मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाने के विचार से सहमत नहीं हैं, क्योंकि उनका मानना है कि युवाओं को मीडिया और तकनीक के साथ बड़ा होना चाहिए. उन्होंने कहा, "लेकिन मात्रा ही जहर को बनाती है." उनका मानना है कि मोबाइल फोन के उपयोग को नियंत्रित करने की मुख्य जिम्मेदारी बच्चों और युवाओं की खुद की है और विशेष रूप से उनके माता-पिता की. उन्होंने बताया कि 10-11 साल के 42 फीसदी बच्चों का टिकटॉक अकांउट है, जबकि इस प्लेटफॉर्म को माता-पिता की सहमति के बिना 16 साल से अधिक उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिए ही उपलब्ध होना चाहिए.
जर्मनी ने अमेरिकी नागरिक पर लगाया चीन के लिए जासूसी का आरोप
जर्मन लोक अभियोजक कार्यालय ने सोमवार को एक अमेरिकी नागरिक पर चीन के लिए कथित जासूसी का आरोप लगाया है. इस अमेरिकी नागरिक पर चीनी खुफिया सेवा को संवेदनशील अमेरिकी सैन्य जानकारी देने का आरोप है. अब कोब्लेंज स्थित उच्च क्षेत्रीय न्यायालय का राज्य सुरक्षा विभाग यह तय करेगा कि आरोपों को स्वीकार किया जाए या नहीं और मुकदमा शुरू किया जाए या नहीं.
संघीय अभियोजक कार्यालय ने एक बयान में कहा, "आरोपी पर एक विशेष रूप से गंभीर मामले में विदेशी खुफिया सेवा के लिए खुफिया गतिविधियों में शामिल होने की इच्छा व्यक्त करने का पर्याप्त संदेह है."
शीर्ष अभियोजन अधिकारी के अनुसार, यह व्यक्ति 2017 से 2023 की शुरुआत तक अमेरिकी रक्षा विभाग के एक सिविल कॉन्ट्रैक्टर के लिए काम करता था. कार्यालय ने कहा, "2020 से लेकर अब तक, वह जर्मनी स्थित एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर अपनी ड्यूटी निभा रहा था." 2024 के मध्य में, कथित तौर पर उस व्यक्ति ने कई बार चीनी सरकारी अधिकारियों से संपर्क किया और संवेदनशील अमेरिकी सैन्य जानकारी चीनी खुफिया सेवा को देने की पेशकश की.
पीएम मोदी की डिग्री नहीं होगी सार्वजनिक, दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला
दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें 2016 में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री से संबंधित जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दिया गया था. दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय डिग्री दिखाने के लिए बाध्य नहीं है.
विश्वविद्यालय ने सीआईसी के उस निर्देश को चुनौती दी थी जिसमें 1978 में बीए पास करने वाले सभी छात्रों के रिकॉर्ड की जांच की अनुमति दी गई थी. कहा जाता है कि इसी साल नरेंद्र मोदी ने भी स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी. जस्टिस सचिन दत्ता की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया. इस फैसले के साथ, दिल्ली विश्वविद्यालय को अब प्रधानमंत्री की डिग्री के बारे में विवरण देने की जरूरत नहीं है.
गाजा में अस्पताल पर इस्राएली हमले में चार पत्रकारों की मौत
गाजा पट्टी में एक अस्पताल पर हुए इस्राएली हमले में चार पत्रकारों की मौत हो गई है. मरने वालों में एक फ्रीलांस पत्रकार मरियम दग्गा भी शामिल थीं, जो एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के लिए काम करती थीं. स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इस हमले में कुल 19 लोग मारे गए.
मरियम गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से एपी और अन्य समाचार संस्थानों के लिए काम कर रही थीं. वह अक्सर नासेर अस्पताल में रहकर रिपोर्टिंग करती थीं. हाल ही में उन्होंने अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा बच्चों को भुखमरी से बचाने के प्रयासों पर रिपोर्टिंग की थी. अल जजीरा ने भी पुष्टि की है कि उनके पत्रकार मोहम्मद सलाम की भी नासेर अस्पताल पर हुए हमले में मौत हो गई है. रॉयटर्स ने बताया कि उनके कॉन्ट्रैक्टर कैमरामैन हुसाम अल-मसरी मारे गए और कॉन्ट्रैक्टर फोटोग्राफर हातेम खालिद घायल हुए हैं.
पत्रकारों की सुरक्षा के लिए काम करने वाली कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) के अनुसार, इस्राएल-हमास युद्ध मीडिया कर्मियों के लिए सबसे खूनी संघर्षों में से एक रहा है, जिसमें 22 महीने के संघर्ष में गाजा में कम से कम 192 पत्रकार मारे गए हैं.
दशकों के विवाद के बाद बदला गया बर्लिन में सड़क का नाम
जर्मनी की राजधानी बर्लिन में दशकों से विवाद के केंद्र में रही एक सड़क के नाम को आधिकारिक तौर पर बदल दिया गया. इस सड़क का नाम अब एक 18वीं सदी के अफ्रीकी दार्शनिक एंटोन विल्हेम अमो के नाम पर रखा गया है.
बर्लिन के सेंट्रल मिटे जिले की स्थानीय परिषद ने 2020 में ही यह घोषणा कर दी थी कि वे 'मोहरनस्ट्रासे' का नाम बदलेंगे. जर्मन शब्द 'मोहरन' का इस्तेमाल त्वचा के रंग के संदर्भ में किया जाता है और इसे लंबे समय से अपमानजनक और आक्रामक माना जाता रहा है. नया नाम पहले अश्वेत अफ्रीकी दार्शनिक एंटोन विल्हेम अमो के नाम पर रखा गया है, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने किसी जर्मन विश्वविद्यालय में पढ़ाया था. इसी तरह, मोहरनस्ट्रासे मेट्रो स्टेशन का नाम भी शनिवार को बदल दिया गया.
ब्रिटिश लेखिका और कार्यकर्ता शैरन डोडुआ ओटू ने जिला मेयर स्टेफनी रेमलिंगर के साथ मिलकर नए सड़क के साइन बोर्ड का अनावरण किया. 'डिकोलॉनाइज बर्लिन' समूह के ताहिर डेला ने कहा कि यह नाम बदलना नागरिक समाज के लिए एक बड़ी सफलता है, जो 30 से अधिक वर्षों से नाम बदलने के लिए दबाव बना रहा था. शुक्रवार को अंतिम समय में एक अदालत के फैसले ने इस प्रक्रिया को कुछ समय के लिए रोक दिया था, लेकिन बाद में एक उच्च न्यायालय ने इस फैसले को पलट दिया और नाम बदलने की प्रक्रिया को आगे बढ़ने की अनुमति दी.
इंडोनेशिया, अमेरिका और सहयोगियों का संयुक्त सैन्य अभ्यास
इंडोनेशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोमवार को संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया जो एक सप्ताह से अधिक समय तक चलेगा. इस अभ्यास में 11 देशों के सहयोगी शामिल होंगे, जिसका उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करना है.
सालाना "सुपर गरुड शील्ड" अभ्यास राजधानी जकार्ता और पश्चिमी द्वीप सुमात्रा तथा रियाउ द्वीपसमूह के कई स्थानों पर 4 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा. इस सैन्य अभ्यास में 4,100 से अधिक इंडोनेशियाई और 1,300 अमेरिकी सैनिक भाग लेंगे, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, जापान, सिंगापुर, फ्रांस, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और अन्य देशों के सैनिक भी शामिल होंगे.
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ सहयोगियों ने प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बारे में चिंता व्यक्त की है, लेकिन वॉशिंगटन ने पहले कहा था कि इस तरह के अभ्यास बीजिंग के उद्देश्य से नहीं हैं.
'भारत वहीं से तेल खरीदेगा जहां से सबसे अच्छा सौदा मिलेगा': रूस में भारतीय राजदूत
रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कहा है कि भारतीय कंपनियां वहीं से तेल खरीदना जारी रखेंगी जहां से उन्हें "सबसे अच्छा सौदा" मिलेगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि नई दिल्ली ऐसे उपाय करना जारी रखेगा जो उसके राष्ट्रीय हित की रक्षा करें.
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी टीएएसएस को दिए एक इंटरव्यू में कुमार ने कहा कि भारत की प्राथमिकता देश के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है. उनकी यह टिप्पणी भारत द्वारा रियायती रूसी कच्चे तेल की खरीद को लेकर अमेरिकी आलोचना के बीच आई है, जिसे भारत ने दृढ़ता से खारिज कर दिया है. कुमार ने जोर देकर कहा कि व्यापार व्यावसायिक आधार पर होता है.
विनय कुमार की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए अतिरिक्त 25 फीसदी शुल्क सहित, भारतीय सामानों पर टैरिफ को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. अमेरिका ने आरोप लगाया है कि भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद से यूक्रेन में मॉस्को के युद्ध को फंडिंग मिल रही है, जिसे भारत ने खारिज किया है. कुमार ने वॉशिंगटन के इस फैसले को "अतार्किक और अनुचित" बताया और कहा कि भारत सरकार ऐसे उपाय करना जारी रखेगी जो देश के राष्ट्रीय हित की रक्षा करें.
सौरव गांगुली बने प्रिटोरिया कैपिटल्स के हेड कोच
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को साउथ अफ्रीकन टी20 लीग की टीम प्रिटोरिया कैपिटल्स का नया हेड कोच नियुक्त किया गया है. 53 साल के गांगुली पहली बार नई भूमिका में नजर आएंगे. वे जोनाथन ट्रॉट की जगह जिम्मेदारी संभालेंगे. जबकि दक्षिणा अफ्रीका के पूर्व ऑलराउंडर शॉन पोलक असिस्टेंट कोच का पद संभालेंगे.
प्रिटोरिया कैपिटल्स ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "प्रिंस अब कैपिटल्स कैंप में शाही रंग भरने के लिए तैयार हैं! हमें बेहद खुशी है कि सौरव गांगुली हमारे नए हेड कोच बने हैं."
यह गांगुली का किसी पेशेवर क्रिकेट टीम के साथ बतौर हेड कोच पहला कार्यकाल होगा. 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले गांगुली ने अपने खेल करियर से क्रिकेट प्रशासन में कदम रखा और 2019 से 2022 तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. पूर्व बाएं हाथ के बल्लेबाज गांगुली आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के मेंटर रह चुके हैं.
म्यांमार में ऐतिहासिक रेलवे पुल को बम से उड़ाने का दावा
म्यांमार में सत्तारूढ़ सैन्य जुंटा ने 24 अगस्त को आरोप लगाया कि तख्तापलट विरोधी सशस्त्र समूहों ने एक ऐतिहासिक रेलवे पुल को बम से उड़ाकर नष्ट कर दिया है. यह पुल कभी दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल हुआ करता था.
सैन्य जुंटा के प्रवक्ता जॉ मिन तुन ने एक वीडियो बयान में कहा कि ता'आंग नेशनल लिबरेशन आर्मी (टीएनएलए) और पीपुल्स डिफेंस फोर्सेस ने ऐतिहासिक गोकटेक पुल को बम से उड़ाकर खत्म कर दिया है. जुंटा ने यह भी दावा किया कि पुल को बारूदी सुरंगों से उड़ाया गया. दूसरी ओर, टीएनएलए के प्रवक्ता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुल पर बमबारी जुंटा ने ही की थी. उन्होंने बताया कि म्यांमार की सेना ड्रोन का इस्तेमाल कर उनके ठिकानों पर हमला कर रही थी और इसी दौरान उनका एक बम गोकटेक पुल पर भी गिरा.
102 मीटर (334 फीट) की ऊंचाई पर स्थित, गोकटेक वायडक्ट म्यांमार का सबसे ऊंचा पुल है. 1901 में ब्रिटिश औपनिवेशिक युग के दौरान जब इसे खोला गया था, तब यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल था. यह पुल रेल द्वारा मंडले को उत्तरी शान राज्य से जोड़ता है और यह पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो और तस्वीरों में पुल आंशिक रूप से ढहा हुआ और क्षतिग्रस्त दिख रहा है.
जर्मनी के वाइस चांसलर यूक्रेन के समर्थन को लेकर प्रतिबद्ध
जर्मनी के वित्त मंत्री और वाइस चांसलर लार्स क्लिंगबाइल ने यूक्रेन के प्रति जर्मनी के समर्थन को दोहराया है. यूक्रेन के दौरे पर कीव पहुंचे क्लिंगबाइल ने कहा कि वह यूक्रेन के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा गारंटी पर चर्चा करेंगे, ताकि युद्ध को समाप्त किया जा सके. उन्होंने कहा, "यह यूक्रेन की, लेकिन साथ ही यूरोपीय सुरक्षा की भी बात है."
क्लिंगबाइल ने जोर दिया कि पुतिन को इस बात का कोई भ्रम नहीं होना चाहिए कि यूक्रेन के लिए जर्मनी का समर्थन खत्म हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि जर्मनी दुनिया भर में यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा और यूरोप में सबसे बड़ा समर्थक बना रहेगा. क्लिंगबाइल की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई शांति वार्ता से कोई नतीजा नहीं निकला. हालांकि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वैंस ने दावा किया था कि रूस ने महत्वपूर्ण रियायतें देने की इच्छा दिखाई है, लेकिन यूक्रेन के शामिल न होने के कारण उन वार्ताओं की व्यापक रूप से आलोचना हुई थी.
क्लिंगबाइल ने पुतिन से शांति में रुचि दिखाने का आग्रह किया और यह भी कहा कि वार्ता में यूक्रेन की भागीदारी आवश्यक है. उन्होंने स्थायी शांति के लिए युद्धविराम और विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी की आवश्यकता पर जोर दिया. इस यात्रा के दौरान, क्लिंगबाइल यूक्रेन सरकार, संसद और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों से मिलने की योजना बना रहे हैं.
स्पेसएक्स ने ग्राउंड सिस्टम में खराबी के कारण रद्द किया स्टारशिप लॉन्च
स्पेसएक्स ने 24 अगस्त को अपने स्टारशिप रॉकेट के एक परीक्षण उड़ान को रद्द कर दिया. कंपनी ने इसकी वजह लॉन्च साइट पर आई एक तकनीकी खराबी को बताया. कंपनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "ग्राउंड सिस्टम में एक खराबी को ठीक करने के लिए आज की स्टारशिप की दसवीं उड़ान को रोक दिया गया है." यह रॉकेट दक्षिणी टेक्सस में कंपनी के स्टारबेस से लॉन्च होने वाला था और यह उस जगह से दसवां मिशन होता.
यह लॉन्च निर्धारित समय से केवल 15 मिनट पहले रद्द कर दिया गया, जो इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए एक और झटका है. इस साल, तीन अन्य स्टारशिप परीक्षण उड़ानें विफल हो चुकी हैं, और जून में एक स्टैटिक फायर परीक्षण के दौरान भी एक विस्फोट हुआ था.
यह विशाल स्टारशिप रॉकेट संस्थापक इलॉन मस्क की मंगल ग्रह पर इंसान को ले जाने की योजना का एक प्रमुख हिस्सा है. मस्क ने कहा था कि स्टारशिप 2026 के अंत तक एक ह्यूमनॉइड रोबोट को लेकर मंगल के लिए उड़ान भरेगा. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि 2029-2031 के बीच इंसानों को मंगल ग्रह पर उतारा जा सकेगा. 123 मीटर लंबा यह रॉकेट पूरी तरह से दोबारा इस्तेमाल होने के लिए डिजाइन किया गया है.