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समाजईरान

ईरान में आवारा कुत्तों का प्रेमी कैसे बना एक मौलाना

२ जून २०२३

एक ईरानी मौलाना ऐसे कुत्तों की मदद में आगे आया है जिनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और उन्हें मारा पीटा जाता है. इस मौलाना के इंस्टाग्राम पर हजारों फॉलोअर्स हैं.

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ईरानी मौलाना सैय्यद मेहदी तबताबाई कुत्तों की देखभाल करते हैं
ईरानी मौलाना सैय्यद मेहदी तबताबाई कुत्तों की देखभाल करते हैंतस्वीर: Vahid Salemi/AP/picture alliance

ईरानी मौलाना सैय्यद मेहदी तबताबाई इस्लामी देश में एक असाधारण और बहुत दिलचस्प व्यक्ति बन गए हैं. कारण है उनका आवारा कुत्तों के प्रति प्रेम. पगड़ी पहने किसी मौलाना के लिए ईरान जैसे देश में हजारों युवाओं को आकर्षित करना मुश्किल माना जाता है लेकिन मौलाना तबताबाई के लिए ऐसा नहीं है. उनके इंस्टाग्राम पर हजारों युवा फॉलोअर्स हैं.

सैयद मेहदी तबताबाई सड़कों से आवारा कुत्तों को बचाते हैं, उनका पालन-पोषण करते हैं, उनकी देखभाल करते हैं और इंस्टाग्राम पर अधिक से अधिक युवाओं को आकर्षित करने के लिए उनकी कहानियां इंस्टाग्राम पर बताते हैं. उनके इस काम से ईरानी युवाओं में असाधारण रुचि पैदा हुई है.

तबताबाई अपने 80,000 से अधिक फॉलोअर्स के लिए रेगुलर पोस्टर करते हैं. उनके पास सुनाने को दुर्व्यवहार और उपेक्षित कुत्तों की दिल दहला देने वाली कहानियां हैं. वे न केवल इन कुत्तों को आश्रय देते हैं बल्कि उनका इलाज भी करते हैं. इंस्टाग्राम पर उनके फैंस उनके प्रोजेक्ट पर अपडेट मांगते रहते हैं और उन्हें मिलने वाली सैकड़ों टिप्पणियों में शुभकामनाएं भेजते हैं.

कुत्तों से प्यार के कारण अन्य मौलानाओं से विवाद हुआ था
कुत्तों से प्यार के कारण अन्य मौलानाओं से विवाद हुआ थातस्वीर: Vahid Salemi/AP Photo/picture alliance

कुछ मुस्लिम कुत्तों को अपवित्र मानते हैं

इस्लामिक दुनिया के कुछ हिस्सों में कुत्तों को अपवित्र माना जाता है. वहां लोग किसी कुत्ते को अपने करीब नहीं आने देते. कुत्तों को आमतौर पर चिल्लाकर, लाठियों और पत्थरों से और कभी-कभी शहर के कर्मचारियों द्वारा इन्हें गोली से भी मार दिया जाता है.

ईरान की सत्तारूढ़ धार्मिक सरकार कुत्ते पालने को पश्चिमी समाजों के प्रभाव का प्रतीक मानती है. वहीं देश में कट्टरपंथी कुत्तों के सार्वजनिक स्थानों पर टहलाने पर प्रतिबंध लगाने वाले कानूनों पर जोर दे रहे हैं.

इन सब चीजों से तबताबाई नहीं रुके हैं. तबताबाई को कोम शहर में डॉग शेल्टर खोलने से नहीं रोका गया था. यह शहर प्रमुख धार्मिक विद्यालयों और मजारों का गढ़ है.

तबताबाई इस शहर में सड़कों से आवारा कुत्तों को ले जाते हैं और उनके स्वास्थ्य के लिए काम करते हैं.

आवारा कुत्तों का प्रेमी मौलाना

तबताबाई सार्वजनिक जीवन में धर्म की भूमिका को लेकर गहराई से विभाजित समाज में पशु अधिकारों के लिए एक अप्रत्याशित ऐक्टिविस्ट बन गए हैं.

तबताबाई एक पशु प्रेमी शिया मुस्लिम हैं. वे काली पगड़ी और अपने पारंपरिक कपड़े पहनते हैं. वे समाज में पाए जाने वाले विभाजनों को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं. वे अपने वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हैं. उनका कहना है कि वह महसूस करते हैं कि एक धार्मिक शख्सियत को ऐसा कुछ करते देखना जनता के लिए एक दिलचस्प और अजीब एहसास है. तबताबाई कहते हैं, "लोग इन वीडियो के माध्यम से दया, शांति और दोस्ती महसूस करते हैं."

तबताबाई की सोच और उनके इन कामों ने उन्हें अन्य मौलानाओं के साथ विवाद में डाल दिया है. खासकर जब पारंपरिक धार्मिक पोशाक में कुत्तों को पालने और उनकी देखभाल करने की तस्वीरें सामने आईं, तो धार्मिक अदालत ने 2021 में उन्हें धार्मिक पदों पर रहने से अयोग्य घोषित करने का आदेश दिया. अदालत के इस आदेश को बाद में निलंबित कर दिया गया था लेकिन वह अब काफी सतर्क हो गए हैं. इन दिनों तबताबाई कुत्तों की देखभाल और उनकी सफाई करते समय सामान्य कपड़े पहनते हैं.

एए/वीके (एपी, एएफपी)