जर्मनी की सबसे बड़ी मस्जिद में अब अजान होगी
१३ अक्टूबर २०२२कोलोन की मस्जिद अपने निर्माण से लेकर उद्घाटन तक कई वजहों से चर्चा में रही है. कोलोन शहर प्रशासन ने अब इस मस्जिद को अजान की अनुमति देकर इसे फिर चर्चा में ला दिया है. एहरेनफेल्ड में बनी इस मस्जिद को शहर प्रशासन ने जुमा यानी शुक्रवार के दिन दोपहर 12 से तीन बजे के बीच एक बार पांच मिनट के लिए लाउड स्पीकर पर अजान की अनुमति दी है. लाउडस्पीकर की आवाज की सीमा 60 डेसिबल तय की गयी है. शहर प्रशासन ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर केवल दो साल के लिए यह अनुमति दी है.
जर्मनी में हजारों मस्जिदें हैं लेकिन कुछ गिनी चुनी मस्जिदों में अजान होती है लेकिन ज्यादातर में ऐसी परंपरा नहीं है. सार्वजनिक रूप से जर्मनी में सिर्फ चर्च की घंटियां ही सुनाई देती हैं. जर्मनी के कई शहरों में अजान की पहले से अनुमति है लेकिन कोलोन में बीते अक्टूबर से इसकी मंजूरी मिलनी शुरू हुई.
तुर्की की संस्था चलाती है मस्जिद
कोलोन की यह मस्जिद तुर्की की इस्लामिक संस्था डीतिब (DITIB) चलाती है. संस्था के महासचिव अब्दुर्रहमान अतासोय ने स्थानीय मीडिया से कहा, "हम बहुत खुश हैं, नमाज के लिए सार्वजनिक पुकार इस बात का संकेत है कि मुसलमान अपने घर में हैं." कोलोन की मेयर हेनरिएटे रेकर का कहना है कि अजान की अनुमति देना शहर के बहुत से मुसलमानों के प्रति "सम्मान का प्रतीक" है.
हालांकि इस बात का विरोध करने वाले भी कम नहीं हैं. खासतौर से इस मस्जिद में डीतिब की भूमिका लेकर नाराजगी रहती आई है. यह संगठन तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान के करीब है और यह जर्मनी में 900 से ज्यादा मस्जिदों की व्यवस्था संभालता है. आलोचकों का कहना है कि यह संगठन जर्मनी में रहने वाले तुर्की के असंतुष्ट लोगों की जासूसी में शामिल है. 2018 में राष्ट्रपति एर्दोवान खुद इस मस्जिद का उद्घाटन करने आये थे. उस वक्त भी इसे लेकर काफी विवाद हुआ और उनके पक्ष और विपक्ष में लोगों ने रैलियां निकालीं.
जर्मनी की सबसे बड़ी मस्जिद
कांच और कंक्रीट से बनाई गई यह मस्जिद जर्मनी में सबसे बड़ी है. इसकी डिजाइन किसी फूल की कली के समान है जिसका नक्शा जर्मनी के विख्यात आर्किटेक्ट पॉल बोएम और गॉटफ्रीड बोएम ने तैयार किया. दो मीनारों वाली मस्जिद में एक साथ 1,200 लोग नमाज पढ़ सकते हैं.
जर्मनी में पचास लाख से ज्यादा मुसलमान रहते हैं जो यहां की आबादी में करीब छह प्रतिशत है. इनमें से करीब 30 लाख लोग केवल तुर्क मूल के हैं. जर्मनी के ज्यादातर शहरों में तुर्क लोगों की मौजूदगी का असर देखा जा सकता है. उनके खाने पीने में इस्तेमाल होने वाली चीजों के सुपरस्टोर से लेकर रेस्तरां, मस्जिद और खास बाजार भी हर जगह मौजूद हैं. डोम कथीड्रल के लिए मशहूर नॉर्थराइन वेस्टफेलिया राज्य का कोलोन शहर एक लाख से ज्यादा मुसलमानों का घर है.
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मस्जिदों से नमाज के लिए पुकार यानी अजान की परंपरा रही है. मुस्लिम बहुल देशों में मुअज्जिन इस्लाम में आस्था रखने वालों को हर दिन पांच बार नमाज अता करने के लिए पुकार लगाते हैं. इसे ही अजान कहा जाता है. पहले मुअज्जिन मस्जिद की मीनार पर खड़े हो कर पुकार लगाते थे. बाद में इसके लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल होने लगा. इसे लेकर भारत समेत कई देशों में विवाद भी होते रहे हैं. हाल ही में भारत के उत्तर प्रदेश में मस्जिदों और मंदिरों से लाउड स्पीकर हटा दिये गये. बहुत लोगों को इनके शोर से आपत्ति है.
एनआर/आरपी (एएफपी)