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जर्मनी: चर्च में शरण मांगने वालों की संख्या में उछाल

२७ अप्रैल २०२५

जर्मनी ने हाल में शरणार्थियों पर अपनी नीतियों को कड़ा किया है. इसके बाद से जर्मनी में चर्च से शरण मांगने वालों की संख्या में उछाल आया है.

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साल 2022 में जर्मनी के बर्लिन में अपना सामान लेकर यूक्रेन से आते शरणार्थी
जर्मनी में पिछले कुछ महीनों मे शरणार्थियों को लेकर बने कानूनों में सख्ती आई हैतस्वीर: Jochen Eckel/IMAGO

जर्मनी में चर्च से शरण मांगने वाले लोगों की संख्या में तेज उछाल आया है. जर्मनी ने हाल ही में शरणार्थियों को लेकर अपनी नीतियों को सख्त किया है. ऐसे में बहुत से ऐसे शरणार्थी, जिनके पास पर्याप्त कागजात नहीं हैं, वो जर्मनी में बने रहने के लिए अलग-अलग चर्च से शरण की मांग कर रहे हैं. यह जानकारी प्रोटेस्टेंट चर्च इन जर्मनी यानी ईकेडी नाम के संगठन ने फुंके मीडिया ग्रुप को एक बयान में दी.

ईकेडी की प्रवक्ता ने बताया, "कई जगहों पर दरख्वास्तों की संख्या में तेज उछाल आया है. ऐसा डिपोर्टेशन के बढ़े दबाव के चलते हुआ है. कई जगहों पर तो दरख्वास्तें चार गुना बढ़ गई हैं."

चर्च कर सकता है पुलिस से बचाव

चर्च, खासकर प्रोटेस्टेंट चर्चों का ऐसे लोगों को अस्थायी रूप से शरण देने का लंबा इतिहास रहा है, जो किसी खतरे, जैसे यातना या मौत से बचने के लिए भाग रहे हैं और उन्हें अपने देश में वापस जाने पर इन्हें शिकार बनाए जाने का डर है. जब शरणार्थी लोग चर्च में रह रहे होते हैं तो आमतौर पर पुलिस वाले उन्हें गिरफ्तार करने के लिए चर्च के अंदर दाखिल नहीं होते हैं. 

जर्मनी के बवेरिया में कैथोलिक चर्च सेंट जॉर्ज का अंदरूनी हिस्सा
चर्च में शरण पाए लोगों को गिरफ्तार करने के लिए कई बार पुलिस चर्च के अंदर दाखिल नहीं होतीतस्वीर: Peter Schickert/picture alliance

चर्च से संरक्षण मांगने वाले लोगों में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्हें जर्मन प्रशासन की तरफ से जर्मनी छोड़ने का आदेश दे दिया गया है. ऐसे लोग चाहते हैं कि अगर चर्च उन्हें शरण दे देता है तो वो चर्च में रहते हुए वापस भेजे जाने की डेडलाइन को पार कर सकते हैं. और शायद जबरन डिपोर्ट किए जाने से बच सकते हैं क्योंकि चर्च के अंदर रहते हुए वो पुलिस के हाथ आने से भी बचे रहेंगे. 

सरकारी आंकड़ों में इतना उछाल नहीं दिखा

हालांकि चर्च की ओर से कहा गया है कि शरण मांगने वालों की संख्या इतनी ज्यादा है कि वो सभी की मदद नहीं कर सकते हैं. ईकेडी की प्रवक्ता ने बताया कि चर्च शरण मांगने वालों का कोई केंद्रीय रिकॉर्ड नहीं बनाता और राष्ट्रीय स्तर पर कितने लोग चर्च से इस तरह की शरण की गुजारिश कर रहे हैं इसका भी आंकड़ा मौजूद नहीं है. ईकेडी ने बताया कि उन्होंने जो अनुमान लगाए हैं, वो जर्मनी के अलग-अलग इलाके के चर्चों से मिले फीडबैक के आधार पर लगाए गए हैं. 

एक्युमेनिकल फेडरल एसोसिएशन फॉर चर्च असाइलम की प्रमुख डीटलिंड योखिम्स की ओर से फुंके मीडिया ग्रुप को बताया गया है कि ऐसे लोगों की ओर से भी चर्च में शरण की दरख्वास्त दी जा रही है, जिन्हें स्पष्ट नहीं है कि उनके जर्मनी में रहने के अधिकार पर भविष्य में क्या फैसला होगा.

जर्मनी के फेडरल ऑफिस ऑफ माइग्रेशन एंड रिफ्यूजीज के आंकड़ों के मुताबिक साल 2025 के सिर्फ पहले तीन महीनों में प्रोटेस्टेंट, कैथोलिक और अन्य स्वतंत्र चर्चों में कुल मिलाकर चर्च से शरण मांगने के 617 मामले सामने आए हैं. जबकि साल 2024 के पहले तीन महीनों में ऐसे 604 मामले आए थे और पिछले पूरे साल में चर्च से शरण मांगने के कुल 2,386 मामले आए थे. 

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