चीन का शक्ति प्रदर्शन; मिलिट्री परेड में दिखाए ताकतवर हथियार
चीन ने 3 सितंबर को बीजिंग में एक विशाल सैन्य परेड का आयोजन किया. मौका था, द्वितीय विश्व युद्ध में जापान पर जीत की 80वीं वर्षगांठ. परेड में चीन ने अपने कई ताकतवर हथियार दिखाए.
26 देशों के नेता शामिल हुए
चीन की इस सैन्य परेड में 26 देशों के नेता और विदेशी प्रतिनिधि शामिल हुए. इनमें सबसे ज्यादा चर्चा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की रही. इनके अलावा ईरान, अर्मेनिया, पाकिस्तान, नेपाल, अजरबाइजान, बेलारूस, इंडोनेशिया, मालदीव, मलेशिया और म्यांमार के नेता भी शामिल हुए.
80 तोपों की सलामी
न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, 80 तोपों की सलामी के साथ समारोह की शुरुआत हुई. इसके बाद चीन का राष्ट्रगान 'मार्च ऑफ द वॉलंटियर्स' बजाया गया. इसे जापानी सेना के आक्रमण के प्रतिरोध में साल 1935 में लिखा गया था. परेड से पहले जिनपिंग ने कार में सवार होकर सैन्य टुकड़ियों का निरीक्षण किया.
शी जिनपिंग ने क्या चेतावनी दी
शी जिनपिंग ने तियानमेन स्क्वायर पर 50 हजार से अधिक दर्शकों को संबोधित किया. उन्होंने दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा कि मानवता एक ऐसी जगह पर खड़ी है, जहां उसे शांति और युद्ध एवं संवाद और संघर्ष में से किसी एक को चुनना है. उन्होंने कहा कि चीन के लोग हिंसा से नहीं डरते हैं, वे आत्मनिर्भर एवं मजबूत हैं.
साथ में आए जिनपिंग, पुतिन और किम जोंग
जिनपिंग, पुतिन और किम जोंग साथ ही परेड स्थल पर पहुंचे. इस दौरान वे आपस में मुस्कुराकर बातचीत करते दिखे. अन्य देशों के नेता उनके पीछे चल रहे थे. जानकारों के मुताबिक, इसके जरिए तीनों नेताओं ने अमेरिका द्वारा डाले जा रहे दबाव के जवाब में अपनी एकजुटता दिखाई है. उधर डॉनल्ड ट्रंप ने उनपर अमेरिका के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है.
कौनसे देश नहीं हुए शामिल
न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, जापान और भारत के नेता इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. वहीं, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जैसे देशों ने जूनियर स्तर के अधिकारियों को समारोह में शामिल होने के लिए भेजा. हालांकि, मेहमानों की सूची ने दिखाया कि ग्लोबल साउथ और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में चीन का प्रभाव बढ़ रहा है.
हथियारों का लगा मेला
सैन्य परेड में चीन ने अपने कई ताकतवर हथियार दुनिया को दिखाए. रॉयटर्स के मुताबिक, चीन ने पहली बार अपने परमाणु हथियारों की पूरी तिकड़ी प्रदर्शित की. इन्हें जमीन, समुद्र और आसमान में तैनात किया जा सकता है. परेड में अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल ‘डीएफ-5सी’ भी शामिल रही. इसकी रेंज 20,000 किलोमीटर है.
पानी के अंदर चलने वाला ड्रोन
चीन ने परेड में पानी के अंदर चलने वाला ड्रोन एजेएक्स002 भी दिखाया. यह एक लंबा और ट्यूब के आकार का ड्रोन है, जो एक पतली पनडुब्बी जैसा दिखता है. इसके अलावा हाइपरसोनिक मिसाइलें भी दिखाईं, जो समुद्र में जहाजों को तबाह कर सकती हैं. एक नई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल ‘डीएफ-61’ का भी प्रदर्शन किया गया, जो लंबी दूरी तक परमाणु हथियार ले जा सकती है.
क्या संदेश देना चाहता है चीन
रॉयटर्स के मुताबिक, इस परेड के जरिए चीन ने अपनी सैन्य शक्ति और कूटनीतिक प्रभाव को दिखाने की कोशिश की है. चीन ने यह संदेश भी दिया है कि वह आसपास के समुद्री क्षेत्र में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है. न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, चीन अपनी ताकत दिखाकर वैश्विक मंच पर अधिक प्रभाव डालना चाहता है.