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फलस्तीन को औपचारिक रूप से राष्ट्र का दर्जा देगा फ्रांस

आदर्श शर्मा एएनआई | आयुष यादव रॉयटर्स, एपी
प्रकाशित २५ जुलाई २०२५आखिरी अपडेट २५ जुलाई २०२५

दिनभर की ब्रेकिंग न्यूज और अन्य जरूरी खबरें एक साथ. राजनीति, दुनिया, खेल, व्यापार और पर्यावरण से जुड़ी आज की सारी अहम खबरें यहां हैं. हम इस पेज को लगातार अपडेट कर रहे हैं.

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बातचीत करते फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों और महमूद अब्बास
तस्वीर: Christophe Ena/AP/picture alliance
आपके लिए अहम जानकारी को स्किप करें
जर्मन नेता ने मतपत्र पर स्वास्तिक बनाया, बाद में देना पड़ा इस्तीफा को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

जर्मन नेता ने मतपत्र पर स्वास्तिक बनाया, बाद में देना पड़ा इस्तीफा

बाडेन वुर्टमबर्ग के डिप्टी स्पीकर डैनियल बोर्न
जर्मनी में स्वास्तिक नाजी शासन का प्रतीक हैतस्वीर: SPD-Landtagsfraktion/dpa/picture alliance

जर्मनी के दक्षिण-पश्चिमी राज्य बाडेन वुर्टमबर्ग के डिप्टी स्पीकर डैनियल बोर्न ने शुक्रवार को यह स्वीकार करने के बाद इस्तीफा दे दिया कि उन्होंने एक एएफडी सांसद के नाम के बगल में एक मतपत्र पर स्वास्तिक बनाया था. बोर्न ने कहा कि उन्होंने वोटिंग के दौरान "गंभीर गलती" की थी.

सोशल डेमोक्रेट पार्टी (एसपीडी) के नेता डैनियल बोर्न ने 24 जुलाई को एक वोटिंग के दौरान यह उल्लंघन किया. यह घटना अपर राइन काउंसिल के उप-सदस्यों के चुनाव के दौरान हुई. वोटिंग के दौरान बोर्न ने एक उम्मीदवार के नाम के बगल में मतपत्र पर स्वास्तिक बना दिया.

डैनियल बोर्न ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर अपनी गलती स्वीकार की और कहा कि वह डिप्टी स्पीकर के पद से तुरंत इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैंने एक गंभीर गलती की है और इसके लिए पूरी जिम्मेदारी लेता हूं." बोर्न ने जोर देकर कहा कि उनका इरादा नाजी विचारधारा का समर्थन करना नहीं था, बल्कि एएफडी के प्रति अपने विरोध को व्यक्त करना था.

एशिया में कई धर्मों से लेकर अमेरिका के कबीलों तक पवित्र निशानी रहा स्वास्तिक नाजी शासन का प्रतीक बनने के बाद कई देशों के लिए कुख्यात हो गया. पश्चिमी देशों के लिए स्वास्तिक का निशान अडॉल्फ हिटलर के क्रॉस का है जो नफरत और होलोकॉस्ट की याद दिलाता नाजी जर्मनी के भयानक करतूतों की निशानी है. गोरे वर्चस्ववादी और नवनाजी आज भी इस निशान का इस्तेमाल कर डर और नफरत फैलाते हैं.

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गाजा सहायता की हमास द्वारा बड़े पैमाने पर चोरी का कोई सबूत नहीं: रॉयटर्स को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

गाजा सहायता की हमास द्वारा बड़े पैमाने पर चोरी का कोई सबूत नहीं: रॉयटर्स

पीठ पर सहायता सामग्री लादकर जाते लोग
रॉयटर्स की रिपोर्ट में हुआ खुलासातस्वीर: Khamis Al-Rifi/REUTERS

अमेरिकी सरकार के भीतर किए गए एक विश्लेषण में इस्राएली और अमेरिकी दावों का समर्थन करने वाला कोई ऐसा सबूत नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास अमेरिकी-वित्तपोषित मानवीय आपूर्ति की चोरी कर रहा था. यह विश्लेषण यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएड) के एक ब्यूरो द्वारा किया गया और रॉयटर्स समाचार एजेंसी की एक विशेष रिपोर्ट के माध्यम से सार्वजनिक किया गया.

यह विश्लेषण जून के अंत में पूरा किया गया था, जिसमें अक्टूबर 2023 और इस साल मई के बीच रिपोर्ट की गई अमेरिकी-वित्तपोषित आपूर्ति की चोरी या हानि की 156 घटनाओं की जांच की गई थी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता का हवाला देते हुए कहा कि हमास द्वारा सहायता लूटने का वीडियो सबूत है लेकिन ऐसा कोई सबूत देने से बचते रहे हैं.

अमेरिका और इस्राएल ने विवादास्पद गाजा मानवीय फाउंडेशन (जीएचएफ) के तहत एक नए सशस्त्र निजी सहायता अभियान का समर्थन किया है. इस ऑपरेशन में जीएचएफ के सैन्यीकृत वितरण स्थल के पास इस्राएली बलों द्वारा भोजन की तलाश में आए लगभग 1,000 फलस्तीनियों को गोली मार दी गई या मार दिया गया.

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पीएम मोदी ने की मालदीव को 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज देने की घोषणा को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

पीएम मोदी ने की मालदीव को 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज देने की घोषणा

मालदीव में भारतीयों से मिलते पीएम मोदी
पीएम मोदी शनिवार को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगेतस्वीर: DPR PMO/ANI Photo

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25-26 जुलाई को मालदीव की यात्रा पर हैं. शुक्रवार सुबह मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइजू और उनकी कैबिनेट के सदस्यों ने एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत किया. पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ उनका स्वागत किया गया. दोपहर में दोनों नेताओं के बीच सीमित और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी हुई. 

संयुक्त प्रेस वार्ता में पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों की साझेदारी को नई उड़ान देने के लिए हमने मालदीव को 56.5 करोड़ डॉलर यानी करीब 5,000 करोड़ रुपये का लाइन ऑफ क्रेडिट देने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि मालदीव के बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी परियोजनाओं में इस धनराशि का इस्तेमाल किया जाएगा. लाइन ऑफ क्रेडिट एक तरह का ‘सॉफ्ट लोन’ होता है, जो कम ब्याज दर पर दिया जाता है लेकिन उसे चुकाना जरूरी होता है. 

पीएम मोदी ने आगे कहा, “मौसम चाहे जैसा भी हो, हमारी दोस्ती हमेशा उज्ज्वल और स्पष्ट रहेगी. मालदीव की रक्षा क्षमताओं के विकास में भारत निरंतर सहयोग देता रहेगा. हिंद महासागर के क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा लक्ष्य है…जलवायु परिवर्तन हम दोनों के लिए बड़ी चुनौती है. हमने तय किया है कि नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देंगे. इस क्षेत्र में भारत अपना अनुभव मालदीव के साथ साझा करेगा.”
 

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महिला शतरंज विश्व कप के फाइनल में क्यों तय है भारत का जीत को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

महिला शतरंज विश्व कप के फाइनल में क्यों तय है भारत का जीत

हाथ मिलाती शतरंज की दो खिलाड़ी
कोनेरु हम्पी और दिव्या देशमुख फाइनल मेंतस्वीर: FIDE/picture alliance

जॉर्जिया में हो रहे फिडे महिला शतरंज विश्व कप के फाइनल में भारत की जीत पहले ही पक्की हो चुकी है. दरअसल, ऐसा पहली बार हुआ है जब इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में पहुंची दोनों खिलाड़ी भारतीय हैं. भारत की ग्रैंडमास्टर कोनेरु हम्पी और इंटरनेशनल मास्टर दिव्या देशमुख ने फाइनल में जगह बनाई है. दोनों ने ही अपने सेमीफाइनल मुकाबलों में चीनी खिलाड़ियों को मात दी.

अब शनिवार को होने वाले फाइनल मुकाबले में कोनेरु और दिव्या आमने-सामने होंगी. हम्पी 38 साल की अनुभवी खिलाड़ी हैं और विश्व रैंकिंग में पांचवे नंबर पर हैं. वहीं, दिव्या 19 साल की युवा खिलाड़ी हैं और विश्व रैंकिंग में 18 नंबर पर हैं. तीन दशकों से खेल रहीं हम्पी दुनिया की बेहतरीन शतरंज खिलाड़ियों में अपनी जगह बना चुकी हैं, वहीं दिव्या शतरंज की दुनिया का एक उभरता हुआ सितारा हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अनुभव और युवा जोश में से जीत किसकी होगी.

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पीएम मोदी के विदेश दौरों पर पांच साल में खर्च हुए 362 करोड़ रुपये को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

पीएम मोदी के विदेश दौरों पर पांच साल में खर्च हुए 362 करोड़ रुपये

हवाई जहाज के बाहर खड़े होकर अभिवादन करते भारत के प्रधानमंभी नरेंद्र मोदी
विदेश दौरों पर पांच साल में खर्च हुए 362 करोड़ रुपये तस्वीर: DPR PMO/ANI Photo

साल 2021 से 2025 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर भारत सरकार के लगभग 362 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. अकेले 2025 में पीएम मोदी की पांच देशों की यात्राओं पर 67 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि खर्च हुई है. 2025 की यात्राओं में पीएम मोदी की फ्रांस और अमेरिका की यात्रा भी शामिल है. केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी. 

साल 2025 में पीएम मोदी की फ्रांस यात्रा पर सबसे अधिक 25 करोड़ रुपये खर्च हुए. इसके बाद अमेरिका यात्रा पर 16 करोड़ रुपये और सऊदी अरब की यात्रा पर 15.54 करोड़ रुपये खर्च हुए. पीएम मोदी इस साल मॉरीशस, साइप्रस, कनाडा, क्रोएशिया, घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्रा पर भी गए थे. इन यात्राओं के खर्च की जानकारी अभी नहीं दी गई है. यानी 362 करोड़ रुपये में इन देशों की यात्रा पर हुआ खर्च शामिल नहीं है. 

साइकिल पर इटली से चीन का सफर

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थाईलैंड ने दी कंबोडिया के साथ युद्ध की चेतावनी, हजारों लोग हुए विस्थापित को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

थाईलैंड ने दी कंबोडिया के साथ युद्ध की चेतावनी, हजारों लोग हुए विस्थापित

थाईलैंड में सड़कों पर चलते कई सैन्य वाहन
हालिया सैन्य झड़पों के बाद थाईलैंड में सेना का मूवमेंट बढ़ा हैतस्वीर: Lillian Suwanrumpha/AFP

थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि कंबोडिया के साथ सीमा पर जारी झड़पें युद्ध में बदल सकती हैं. इन झड़पों ने हजारों लोगों को विस्थापित कर दिया है. शुक्रवार को थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि चार प्रभावित सीमावर्ती प्रांतों में 58,000 से ज्यादा लोग अपने गांवों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर निकल गए हैं. वहीं, कंबोडियाई अधिकारियों ने बताया कि सीमा के पास के इलाकों से 4,000 से ज्यादा लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं.

समाचार एजेंसी एपी की खबर के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया में छिड़ी मौजूदा लड़ाई में थाईलैंड में कम से कम 14 लोगों की मौत हुई है, जबकि कंबोडिया ने शुक्रवार को अपनी पहली मौत की पुष्टि की. एक विवादित सीमाई क्षेत्र को लेकर तनाव तब बढ़ा जब बुधवार को सीमा पर एक बारूदी सुरंग विस्फोट में पांच थाई सैनिक घायल हो गए.

मौजूदा संघर्ष लंबे समय से चल रहे सीमा विवादों की नवीनतम कड़ी है, जो 2008 में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक हिंदू मंदिर के स्वामित्व को लेकर छिड़े युद्ध के बाद से लगातार तनाव का कारण रहा है. यह मंदिर जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है, दोनों देशों के बीच विवादित सीमा पर स्थित है.

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नारेबाजी के बीच लोकसभा और राज्यसभा सोमवार तक के लिए स्थगित को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

नारेबाजी के बीच लोकसभा और राज्यसभा सोमवार तक के लिए स्थगित

एक रैली में एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ बोलते राहुल गांधी
विपक्षी दल बिहार में वोटर लिस्ट के "विशेष गहन संशोधन" यानी एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैंतस्वीर: Santosh Kumar/Hindustan Times/Sipa USA/picture alliance

विपक्षी सांसदों की नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन के बीच शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा की अगली कार्यवाही अब सोमवार, 28 जुलाई को सुबह 11 बजे शुरू होगी. लोकसभा की अध्यक्षता कर रहे बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने विपक्षी सांसदों से निजी विधेयकों को पेश होने देने का आग्रह किया, ताकि उन पर चर्चा हो सके. हालांकि, विरोध-प्रदर्शनों के चलते ऐसा नहीं हो सका. 

लोकसभा स्थगित होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई. इस दौरान उन्होंने विपक्षी सांसदों से आग्रह किया कि वे सदन की कार्यवाही होने दें. बैठक के दौरान ऑपरेशन सिंदूर पर एक सत्र आयोजित करने पर भी चर्चा हुई. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, संसद में प्रस्तावित 16 घंटे की चर्चा 28 जुलाई को होनी है. बैठक के दौरान सभी पार्टियों के बीच आम सहमति बनाने की कोशिश की गई.

विपक्षी सांसदों की लगातार नारेबाजी के बीच शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही भी सोमवार, 28 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई. शुक्रवार को राज्यसभा में अभिनेता और मक्कल निधि मैयम (एमएनएम) पार्टी के प्रमुख कमल हासन ने भी सांसद पद की शपथ ली. वे डीएमके (द्रविड़ मुनेत्र कषगम) के कोटे से राज्यसभा पहुंचे हैं. कमल हासन ने 2024 लोकसभा चुनावों में डीएमके का समर्थन किया था. 

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जर्मनी से डिपोर्ट किए जाने वाले लोगों की संख्या में हुआ इजाफा को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

जर्मनी से डिपोर्ट किए जाने वाले लोगों की संख्या में हुआ इजाफा

कंटीले तारों के पीछे खड़ा एक हवाई जहाज
इस साल अभी तक 11,800 से ज्यादा लोगों को डिपोर्ट किया जा चुका हैतस्वीर: Daniel Kubirski/IMAGO

जर्मनी के गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जर्मनी से डिपोर्ट किए जाने वाले लोगों की संख्या इस साल की पहली छमाही में 11,800 से ज्यादा हो गई है. यह आंकड़ा, एएफडी पार्टी के एक सांसद द्वारा संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में दिया गया था. हालांकि इस अवधि के दौरान 2024 में यह आंकड़ा लगभग 9,500 के करीब था.

जर्मनी की नई सरकार ने अवैध प्रवासन के प्रति एक सख्त दृष्टिकोण का वादा किया है. इसमें सीमा जांच को कड़ा करना, यूरोपीय संघ के भीतर 'द्वितीयक प्रवासन' पर नकेल कसना और अफगानिस्तान और इराक जैसे देशों के लिए निर्वासन उड़ानों को फिर से शुरू करना शामिल है.

इस महीने की शुरुआत में, गृह मंत्री अलेक्जांडर दोबरिंट ने अपने ऑस्ट्रियाई, डेनिश, फ्रांसीसी, चेक गणराज्य और पोलैंड के समकक्षों के साथ मिलकर एक सख्त यूरोपीय प्रवासन और शरण नीति की बात कही थी. मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में कहा, "एक संतुलित यूरोपीय प्रवासन नीति में विश्वास बनाए रखने के लिए प्रभावी वापसी की जरूरत है."

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ईरान और यूरोपीय शक्तियां परमाणु वार्ता फिर से शुरू करने को तैयार को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

ईरान और यूरोपीय शक्तियां परमाणु वार्ता फिर से शुरू करने को तैयार

सड़क पर अखबार पढ़ता एक शख्स
ईरान ने दी वैश्विक परमाणु अप्रसार संधि से हटने की चेतावनीतस्वीर: AO/Middle East Images/IMAGO

ईरान के राजनयिक शुक्रवार को जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस के अपने समकक्षों से फिर से परमाणु वार्ता के लिए मिलेंगे. यह बातचीत 2015 के परमाणु समझौते के तहत यूरोपीय शक्तियों द्वारा "स्नैपबैक" (तुरंत प्रतिबंध वापस लाने वाला नियम) प्रतिबंधों को वापस लगाने की चेतावनी के बीच हो रही है. इस्तांबुल में होने वाली यह बैठक इस्राएल के ईरान पर हुए हमले के बाद पहली होगी.

बातचीत से पहले, ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाकई ने आईआरएनए समाचार एजेंसी को दिए बयान में कहा कि यह बैठक यूरोपीय लोगों के लिए यथार्थवाद की एक परीक्षा होगी और ईरान के परमाणु मुद्दे पर उनके विचारों को सही करने का एक मूल्यवान अवसर होगी.

इसके साथ ही ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध फिर से लगाए जाते हैं, तो तेहरान वैश्विक परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) से हट सकता है. ईरान के उप विदेश मंत्री ने इस हफ्ते चेतावनी दी थी कि अगर यूरोप ने उन पर पुराने परमाणु समझौते वाले प्रतिबंध फिर से लगाए, तो यह पूरी तरह से गलत होगा.

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राजस्थान में सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की हुई मौत को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

राजस्थान में सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की हुई मौत

एक सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाती शिक्षिका
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि प्रत्येक घायल स्टूडेंट का सरकारी खर्च पर इलाज होगा (प्रतीकात्मक तस्वीर)तस्वीर: Faisal Fareed

राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार को एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय की छत गिर गई. समाचार एजेंसी एएनआई ने राजस्थान शिक्षा विभाग के हवाले से बताया है कि हादसे में सात बच्चों की मौत हो गई है और कई बच्चे घायल हुए हैं. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और मृतक बच्चों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाना चाहिए.

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि प्रत्येक घायल स्टूडेंट का सरकारी खर्च पर इलाज होगा और घटना का कारण पता लगाने के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच भी शुरू की जाएगी. राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से बात की है और वे झालावाड़ भी जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से प्रभावितों की यथासंभव मदद की जाएगी. 

भारत में सरकारी स्कूल हो, तो ऐसा


 

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पूर्वी रूस में हुए विमान हादसे में कोई जीवित नहीं बचा को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

पूर्वी रूस में हुए विमान हादसे में कोई जीवित नहीं बचा

विमान हादसे की जगह पर लगी आग
यह विमान लगभग 50 साल पुराना थातस्वीर: Russian Far Eastern Transport Prosecutor's Office/AP Photo/picture alliance

रूस के सुदूर पूर्व में एक यात्री विमान गुरुवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया. रूसी अधिकारियों ने बताया कि विमान में सवार 48 यात्रियों और चालक दल में से कोई भी जीवित नहीं बचा. आपातकालीन मंत्रालय ने बताया कि अंगारा एयरलाइंस के अंतोनफ एएन-24 का जलता हुआ मलबा तिंदा शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर, अपने गंतव्य के दक्षिण में एक पहाड़ी पर मिला. यह स्थान राजधानी मॉस्को से 7,000 किलोमीटर पूर्व में है.

रूसी मीडिया ने विमान के टेल नंबर के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि सोवियत डिजाइन का यह विमान लगभग 50 साल पुराना था, जिसे 1976 में बनाया गया था. अंतोनफ एएन-24 दुनिया के सबसे पुराने यात्री विमानों में से एक है जो अभी भी सेवा में है.

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अमेरिकी रेसलर हल्क होगन का 71 वर्ष की आयु में निधन को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

अमेरिकी रेसलर हल्क होगन का 71 वर्ष की आयु में निधन

अमेरिकी रेसलर हल्क होगन
हल्क होगन का वास्तविक नाम टेरी बोलिया थातस्वीर: Mike Segar/REUTERS

अमेरिकी रेसलिंग के दिग्गज हल्क होगन का गुरुवार को 71 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट (डब्ल्यूडब्ल्यूई) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "डब्ल्यूडब्ल्यूई हॉल ऑफ फेम हल्क होगन के निधन की खबर सुनकर डब्ल्यूडब्ल्यूई दुखी है."

हल्क होगन का वास्तविक नाम टेरी बोलिया था. उन्हें कम से कम छह डब्ल्यूडब्ल्यूई चैंपियनशिप खिताब जीतने के बाद 2005 में हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था. वह 2020 में न्यू वर्ल्ड ऑर्डर के सदस्य के रूप में दूसरी बार भी हॉल ऑफ फेम में शामिल हुए. होगन के निधन का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है. वह हाल के वर्षों में कई सर्जरी से गुजरे थे और उन्हें लंबे समय से पीठ और गर्दन सहित कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ट्रूथ सोशल प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हल्कस्टर पूरी तरह से मजबूत, सख्त, स्मार्ट, लेकिन सबसे बड़े दिल वाले थे. ट्रंप ने कहा, “उन्होंने दुनिया भर के प्रशंसकों का मनोरंजन किया और उनका सांस्कृतिक प्रभाव बहुत बड़ा था.”

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एफएए प्रमुख ने एयर इंडिया विमान हादसे की वजह के बारे में क्या कहा को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

एफएए प्रमुख ने एयर इंडिया विमान हादसे की वजह के बारे में क्या कहा

क्रैश के बाद जमीन पर पड़ा एयर इंडिया विमान का पिछला हिस्सा
12 जून को अहमदाबाद में हुए हादसे में विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो गई थीतस्वीर: PUNIT PARANJPE/AFP

अमेरिका के संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) के प्रमुख ने गुरुवार को कहा कि ऐसा नहीं लगता है कि पिछले महीने हुआ एयर इंडिया विमान हादसा किसी मैकेनिकल समस्या या फ्यूल कंट्रोल स्विच के साथ हुई किसी असावधानी भरी गतिविधि की वजह से हुआ होगा. एफएए के प्रशासक ब्रायन बेडफर्ड ने रिपोर्टरों से कहा, “हम पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि ऐसा नहीं लगता है कि बोइंग की फ्यूल कंट्रोल यूनिट के साथ कोई मैकेनिकल समस्या है.”

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, उन्होंने बताया कि एफएए के कर्मचारियों ने बोइंग विमानों से फ्यूल कंट्रोल यूनिटों को बाहर निकालकर उनकी जांच की. इसके अलावा, निरीक्षकों ने विमानों में जाकर उनकी समीक्षा की. उन्होंने कहा, “हम इस बात से पूरी तरह आश्वस्त हैं कि यह फ्यूल कंट्रोल के साथ कोई असावधानी भरी गतिविधि होने का मामला नहीं है.” बोइंग और एयर इंडिया ने इसे लेकर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की है. 

12 जून को अहमदाबाद में हुए हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा, जमीन पर मौजूद 19 लोग भी दुर्घटना में मारे गए थे. इस दुर्घटना की शुरुआती जांच बोइंग 787 विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विच पर केंद्रित थी. इसके बाद कई विशेषज्ञों ने अटकलें लगाई थींकि दोनों में से किसी एक पायलट ने फ्यूल स्विच बंद किया होगा. हालांकि, पायलट एसोसिएशनों ने बिना सबूत के ऐसे दावे किए जाने की आलोचना की थी. 

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फलस्तीन को औपचारिक रूप से राष्ट्र का दर्जा देगा फ्रांस को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

फलस्तीन को औपचारिक रूप से राष्ट्र का दर्जा देगा फ्रांस

एक कार्यक्रम को संबोधित करते फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल मार्क्रों
फ्रांस जी-7 समूह का पहला सदस्य देश होगा, जो फलस्तीन को मान्यता देगातस्वीर: LUDOVIC MARIN/AFP

फ्रांस सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फलस्तीन को औपचारिक रूप से एक राष्ट्र के रूप में मान्यता देगा. राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने 25 जुलाई को यह घोषणा की. फ्रांस जी-7 समूह का पहला सदस्य देश होगा, जो फलस्तीन को मान्यता देगा. आयरलैंड, स्पेन, नॉर्वे और स्लोवेनिया समेत लगभग 150 देश फलस्तीन को पहले ही मान्यता दे चुके हैं. 

माक्रों ने एक्स पर लिखा, "मध्य पूर्व में एक न्यायसंगत और स्थायी शांति के लिए अपनी ऐतिहासिक प्रतिबद्धता के प्रति सच्चा रहते हुए, मैंने फैसला किया है कि फ्रांस फलस्तीन राज्य को मान्यता देगा. मैं सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक औपचारिक घोषणा करूंगा."

फलस्तीनी प्राधिकरण ने माक्रों की घोषणा का स्वागत किया. प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास के उप प्रमुख हुसैन अल-शेख ने कहा कि यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति फ्रांस की प्रतिबद्धता और आत्मनिर्णय के लिए फलस्तीनी लोगों के अधिकारों और हमारे स्वतंत्र राज्य की स्थापना के लिए उसके समर्थन को दर्शाता है.

वहीं, इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने माक्रों के इस फैसले की निंदा की है. उन्होंने इसे एक ऐसा कदम बताया जो आतंकवाद को पुरस्कृत करता है और गाजा की तरह एक और ईरानी प्रॉक्सी बनाने का जोखिम उठाता है.


 

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मणिपुर में छह महीने के लिए बढ़ाया गया राष्ट्रपति शासन को स्किप करें
२५ जुलाई २०२५

मणिपुर में छह महीने के लिए बढ़ाया गया राष्ट्रपति शासन

मणिपुर में तैनात सेना का जवान
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन छह महीनों के लिए बढ़ातस्वीर: Prabhakar/DW

केंद्र सरकार ने हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर में राष्ट्रपति शासन छह महीनों के लिए बढ़ा दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को मणिपुर में पहले से लागू राष्ट्रपति शासन को 13 फरवरी, 2026 तक बढ़ाने के लिए एक वैधानिक प्रस्ताव पेश किया.

मणिपुर के मुख्यमंत्री रहे एन बीरेन सिंह ने इसी साल 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने राज्य में जारी हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के चलते इस्तीफा दिया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को राज्य में छह महीनों के लिए राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था. 13 अगस्त को यह अवधि पूरी हो जाएगी और इसके बाद अगले छह महीनों के लिए राष्ट्रपति शासन फिर से लागू कर दिया जाएगा. 

राष्ट्रपति शासन आमतौर पर तब लगाया जाता है जब किसी राज्य सरकार को संवैधानिक नियमों के अनुसार काम करने में असमर्थ माना जाता है. इसके तहत, राष्ट्रपति राज्यपाल के जरिए राज्य के प्रशासनिक कामकाज को सीधे नियंत्रित करते हैं. उस राज्य की विधानसभा की शक्तियां संसद को स्थानांतरित कर दी जाती हैं. राज्य के सभी फैसले केंद्रीय स्तर पर लिए जाते हैं, या तो संसद के द्वारा या राष्ट्रपति द्वारा.

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