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बोरिस बेकर ने सुनाई ब्रिटिश जेल में गुजरी रातों की कहानी

२१ दिसम्बर २०२२

पूर्व टेनिस सुपरस्टार बोरिस बेकर ने जेल से रिहा होने के बाद वहां गुजरे दिनों की दास्तान सुनाई है. बेकर का कहना है कि दो बार उनकी जिंदगी खतरे में पड़ गई थी.

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Exklusiv-Interview mit Boris Becker nach Haftentlassung
तस्वीर: Nadine Rupp/SAT.1/dpa/picture alliance

55 साल के बोरिस बेकर को पिछले हफ्ते जेल से रिहा होने के बाद प्रत्यर्पित कर जर्मनी लाया गया है. उन्हें ढाई साल के कैद की सजा मिली थी जिसके तहत आठ महीने जेल में रहने के बाद वो रिहा हुए हैं. ब्रिटेन में उन पर 25 लाख पाउंड की संपत्ति और कर्ज को छिपाने का दोषी करार दिया गया था. उन्होंने कर्ज चुकाने से बचने के लिए अपनी संपत्तियों और कर्ज को छिपाया था.

जून 2017 में उन्हें दिवालिया घोषित कर दिया गया था. उस वक्त उन पर 5 करोड़ पाउंड के कर्ज के भुगतान की देनदारी थी. स्पेन के मायोर्का द्वीप पर एक इस्टेट पर उन्होंने 30 लाख पाउंड का कर्ज लिया था जो चुकाया नहीं गया. यही कर्ज बढ़ कर 5 करोड़ पाउंड तक जा पहुंचा.

जीवनशैली बदलनी होगी बेकर को

जर्मन प्रसारक सैट.1 को दिये तीन घंटे लंबे इंटरव्यू में टेनिस के पूर्व नंबर वन खिलाड़ी ने कहा कि वांड्सवर्थ प्रिजन में गुजरी उनकी रातें "भयानक" थीं. यह जगह विंबलडन से ज्यादा दूर नहीं है जहां उन्होंने तीन बार खिताब जीता है.

बोरिस बेकर जेल में बीते कठिन दिनों की दास्तान
बोरिस बेकर ने जर्मन टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में अपनी दास्तान सुनाई हैतस्वीर: Nadine Rupp/SAT 1/dpa/picture alliance

बेकर ने बताया कि जेल में दो कैदियों ने उन्हें अलग अलग वक्त पर जान से मारने की धमकी दी थी. उन्होंने जेल में कैदियों के एक गुट से दोस्ती की जिन्होंने उनकी काफी मदद की. बेकर ने इन दोस्तों को "ब्लड ब्रदर" कहा और खुद को किस्मतवाला माना कि उनसे उनकी दोस्ती हो गई. वो जब मदद के लिए चीख रहे थे तो इन्हीं कैदियों ने उनका साथ दिया. बाद में उन्हें धमकी देने वाले कैदियों ने भी उनसे माफी मांगी. आंसू भरी आंखों के साथ बेकर ने बताया कि उन्होंने उसे गले लगाया और माफ कर दिया. बेकर का कहना है कि वे उन लोगों के संपर्क में बने रहेंगे जिन्होंने उनकी रक्षा की.

जीवन भर की याद

बेकर का कहना है कि जेल की कोठरी का दरवाजा बंद होने की आवाज पूरे जीवन उनके साथ रहेगी. बेकर ने कहा, "जब जेल की कोठरी का दरवाजा बंद हो जाता है तब कुछ बाकी नहीं रहता. वह मेरे जीवन का सबसे ज्यादा अकेलेपन का वक्त था. रातें भयानक थीं. आप उन लोगों की चीखें सुन सकते थे जो खुद को मारने की कोशिश करते या फिर नुकसान पहुंचाते, आप सो नहीं सकते."

बेकर ने जेल को "बेहद गंदी और अत्यधिक खतरनाक जगह बताया ...वहां हत्यारे हैं, बच्चों का शोषण करने वाले हैं, ड्रग डीलर, हर तरह के अपराधी जो आप सोच सकते हैं."

छह ग्रैंड स्लैम विजेता बेकर के मामले में जर्मन राजदूत ने दखल दिया तो उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय फोन कार्ड मिला जिसकी वदद से वह 87 साल की अपनी मां और परिवार के दूसरे लोगों से बात कर सके. धीरे धीरे उनकी स्थिति ठीक हुई. वह जेल में कैदियों को अंग्रेजी और गणित पढ़ाते थे. उसके बाद उन्हें कम सुरक्षा वाली हंटरकॉम्ब प्रिजन में ले जाया गया जो दक्षिणी इंग्लैंड में ऑक्सफोर्ड के पास है. हालांकि उनके दोस्त और सहयोगी युर्गेन क्लॉप को उनसे मिलने की इजाजत नहीं मिली.

बेकर को जर्मनी प्रत्यर्पित किया गया क्योंकि एक तो वो ब्रिटेन के नागरिक नहीं हैं और दूसरे उन्हें 12 महीने से ज्यादा के कैद की सजा मिली है. बेकर ने बताया कि उनका एक दोस्त प्राइवेट प्लेन से उन्हें स्टुटगार्ट लेकर आया और अब वो हाइडिलबर्ग के पास एक दंपति के साथ रहने जा रहे हैं. यह जगह उनके गृहनगर लाइमेन से ज्यादा दूर नहीं है. बेकर ने कहा, "उसके बाद मैंने पहली बीयर पी यकीन मानिये वह मेरे जीवन की सर्वश्रेष्ठ बीयर थी."

एनआर/सीके (एएफपी)